सूरज की सतह पर हुए दो सौर तूफान धरती की दिशा में हैं. आशंका है कि इनके कारण धरती पर चुंबकीय बवंडर आ सकता है. आने वाले दिनों में रेडियो और सैटेलाइट कम्यूनिकेश में गड़बड़ी पैदा हो सकती है.
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आकाश के अद्भुत नजारे
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इस तूफान के कारण सिर्फ निजी इलेक्ट्रॉनिक्स में ही गड़बड़ नहीं होगी बल्कि उत्तरी ध्रुव पर दिखाई देने वाले ऑरोरा में बढ़ोतरी होगी. बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात से लेकर शनिवार सुबह तक ये ध्रुवीय रोशनी चमचमाएगी. अमेरिका के राष्ट्रीय सामुद्रिक और पर्यावरण कार्यालय में अंतरिक्ष मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले केंद्र के निदेशक थोमास बैर्गेर ने बताया, "इन सौर गतिविधियों से राष्ट्रीय संरचना को कोई अकल्पनीय नुकसान होने की आशंका नहीं है. लेकिन हम इन घटनाओं को ध्यान से देख रहे हैं. अच्छी बात यह है कि इन तूफानों के कारण शुक्रवार की रात उत्तरी अमेरिका में चमकीली ऑरोरा रोशनी दिखाई देगी."
सोमवार से ही छोटे सौर तूफान से शुरुआत हुई और फिर बहुत ताकतवर एक्स क्लास के तूफान बुधवार शाम को दर्ज किए गए. रिपोर्टों के मुताबिक ये दोनों तूफान सोलर डिस्क के केंद्र में दिखाई देने वाले सौर धब्बों से निकले हैं. इनके कारण सूरज की बाहरी सतह कोरोना से बड़ी मात्रा में लपटें बाहर निकलीं और इनकी दिशा धरती की तरफ थी.
बैर्गेर ने बताया कि इसके कारण होने वाली गड़बड़ी एक से पांच के मानक पर मॉडरेट से स्ट्रॉन्ग चुंबकीय तूफान पैदा हो सकते हैं. इनका स्तर जी2 और जी3 बताया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कम ही हुआ है कि एक के बाद एक दो तूफान धरती की ओर आए हों. बैर्गेर ने आशंका जताई कि ध्रुवीय इलाकों में इसका असर बहुत ज्यादा भी हो सकता है.
धरती के गर्भ में भी चुंबक है और सूरज ने भी धरती की ओर चुंबकीय तूफान ही भेजा है इसलिए एक चुंबक की दूसरे चुंबक से मुलाकात है. और वह एक दूसरे से कैसे मिलेंगे इस पर निर्भर करेगा कि जियोमैग्नेटिक तूफान कितना तीव्र होगा.
सूरज अपनी 11 साल की चक्रीय गतिविधियों के चरम पर है. हालांकि फिलहाल सोलर मैक्स कहे जाने वाले इस समय की गतिविधियां उतनी तीव्र नहीं हैं. सोलर साइकल में धरती की ओर आने वाले सौर तूफानों की संख्या सामान्य तौर पर 100 से 200 तक हो सकती है.
एएम/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)
क्या है सौर तूफान
कभी कभी सूर्य से अथाह ऊर्जा निकलती है. इस दौरान अंतरिक्ष पर नजर रखने वाली प्रयोगशालाएं सूर्य की कई जबरदस्त तस्वीरें जुटाती हैं. आखिर क्या है इस अद्भुत चमक का राज.
तस्वीर: Reuters
सूर्य में विस्फोट
सूर्य की सतह पर अचानक बेहद चमकदार प्रकाश दिखने की घटना को सन फ्लेयर कहा जाता है. धरती से ऐसा हर रोज नहीं दिखाई पड़ता. कभी कभार होने वाली इस घटना के दौरान सूर्य के कुछ हिस्से असीम ऊर्जा छोड़ते हैं. इस ऊर्जा से एक खास चमक पैदा होती है जो आग की लपटों जैसी नजर आती है.
तस्वीर: Reuters
सन फ्लेयर से सौर तूफान
अगर यह असीम ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहे तो इसके साथ सूर्य से अति सूक्ष्म नाभिकीय कण भी निकलते है. यह ऊर्जा और कण ब्रह्मांड में फैल जाते हैं. असल में यह बहुत जबरदस्त नाभिकीय विकीरण है, जिसे सौर तूफान भी कहा जाता है.
तस्वीर: AP
अहम है दिशा
सौर तूफान राह में आने वाली हर चीज पर असर डालता है. अगस्त 2014 के अंत में शुरू हुए सौर तूफान की दिशा फिलहाल पृथ्वी की तरफ नहीं है. लेकिन नासा ने चेतावनी दी है कि इस साल के अंत में एक सौर तूफान पृथ्वी की तरफ आएगा.
तस्वीर: NASA/AP/dapd
सूर्य को समझने का मौका
सन फ्लेयर वैज्ञानिकों को सूर्य को समझने का मौका भी देता है. अब तक यह पता चला है कि सौर तूफान की वजह से ब्रह्मांड में मौजूद कण इतने गर्म हो जाते हैं कि वे भी प्रकाश की गति से यात्रा करने लगते हैं.
तस्वीर: AP/NASA
कैसा है हमारा सूरज
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक सूर्य कुछ इस तरह का है. इसे तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है. कोर में नाभिकीय क्रियाएं होती है. इन क्रियाओं से पैदा हुई विकीरण ऊर्जा को रैडिएटिव जोन बाहर फेंकता है. कनवेक्शन या संवहन जोन विकीरण ऊर्जा को सतह तक लाता है.
तस्वीर: NASA/SOHO
चुंबकीय क्षेत्र का कवच
सूर्य से लगातार आते आवेशित कणों से धरती को पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बचाता है. धरती के गर्भ से निकलने वाली चुंबकीय शक्तियां वायुमंडल के आस पास कवच का काम करती हैं. ये आवेशित कणों का रुख मोड़ देती हैं. लेकिन सौर तूफान के वक्त कई आवेशित कण चुंबकीय कवच को भेद देते हैं.
तस्वीर: ESA
इंसान की मुश्किल
जुलाई 2013 में एक बहुत ही बड़ा सौर तूफान धरती के करीब से गुजरा था. अगर सौर तूफान धरती से टकराता तो भारी मुश्किल पैदा हो सकती थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक सौर तूफान एक झटके में सारी सैटेलाइटों को खराब कर सकता है.