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स्कूली बच्चों को खुद टॉयलेट पेपर लाने का आदेश

२१ सितम्बर २०११

स्कूल के बच्चे खूब नटखट होते हैं लेकिन जर्मनी के सैक्सनी अनहाल्ट प्रदेश के विटनबर्ग में हेड मास्टर ने बच्चों को अनुशासित करने का नया रास्ता निकाला है और उनसे हर दिन अपना टॉयलेट पेपर लेकर आने को कहा है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

हाले से निकलने वाले दैनिक मिटेलडॉयचे त्साइटुंग ने खबर दी है  कि स्कूल के टॉयलेट को बार बार जानबूझकर गंदा करने की घटना पर काबू न पाने के बाद विटनबर्ग के बेसिक स्कूल के प्रबंधन ने यह कड़ा कदम उठाया है. हेड मास्टर गाब्रिएले कौएलर ने अखबार को बताया कि समस्या सालों से चल रही है. बच्चे टॉयलेट को पेपर के रोल और भीगे पेपर को बिखरा कर गंदा कर देते थे और टॉयलेट को जाम कर देते हैं.

बार बार की चेतावनी और बच्चों को समझाए जाने का कोई असर नहीं हुआ. इस मुद्दे पर क्लासों और स्कूल में चर्चा के बावजूद जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हेड मास्टर ने टॉयलेट से पेपर हटा लेने और बच्चों से अपना अपना टॉयलेट पेपर लेकर आने का आदेश दिया.

तस्वीर: Fotolia/sil

पिछले सप्ताह समस्या इतनी बढ़ गई कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के माता पिता को खत लिखकर उनसे अपने बच्चों के साथ टॉयलेट पेपर भेजने को कहा. कोएलर ने कहा है कि यह फैसला सीमित अवधि के लिए है और आपात स्थिति में शिक्षकों के पास जरूरतमंद बच्चों के लिए टॉयलेट पेपर उपलब्ध रहता है.

अभिभावक संघ ने स्कूल के फैसले की आलोचना की है लेकिन हेडमास्टर को शिक्षा विभाग का समर्थन मिला है. सैक्सनी अनहाल्ट की राजधानी में शिक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने अखबार से कहा कि स्कूल का फैसला कानून सम्मत है.

इस साल अप्रैल में मैक्लेनबुर्ग वेस्ट पोमेरेनिया के स्ट्रालजुंड की नगरपालिका के एक वामपंथी सदस्य को पालिका भवन से टॉयलेट पेपर चुराते हुए पकड़ लिया गया था. सफाई कर्मचारी ने इसकी शिकायत की थी, लेकिन पार्टी ग्रुप की एक बैठक के बाद 24 वर्षीय सदस्य को टॉयलेट पेपर रोल ले जाते हुए पकड़ा गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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