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स्कैंडल से दो चार होते ओबामा

१४ मई २०१३

राष्ट्रपति पद की एक पूरी पारी खेलने के बाद बराक ओबामा को पहली बार अहसास हुआ कि स्कैंडलों से सामना करना कैसा होता है. लीबिया में अमेरिकी राजदूत पर हमला और दूसरे मुद्दों ने उन्हें घेर कर रख दिया.

तस्वीर: Getty Images

आरोप है कि अमेरिका की इंटर्नल रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) ने पिछले साल टी पार्टी मूवमेंट और दूसरी कंजरवेटिव ग्रुप से जुड़े लोगों को निशाना बनाया और उनसे इतने सवाल पूछे कि उन्हें अपने कार्यक्रम रद्द करने पड़े. इसके अलावा यह भी आरोप है कि पिछले साल लीबिया के बेनगाजी में जब अमेरिकी टीम पर हमला हुआ, तो उसे दबाया गया ताकि दूसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे बराक ओबामा किसी मुश्किल स्थिति में न फंसें.

राष्ट्रपति ओबामा अभी इन आरोपों से जूझ ही रहे थे कि एक प्रमुख समाचार एजेंसी ने दावा किया कि पिछले साल उनके कई रिपोर्टरों के फोन के आंकड़े जमा किए गए हैं.

अचानक इतने स्कैडलों के सामने आने के बाद ओबामा की दूसरी पारी की तुलना पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल से की जाने लगी है, जो खास तौर पर मोनिका लेंविस्की कांड से घिरा था. लेकिन क्लिंटन की तरह ओबामा पर किसी तरह का निजी आरोप नहीं लगा है.

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की सारा बाइंडर का कहना है, "मुझे लगता है कि आईआरएस स्कैंडल राष्ट्रपति और डेमोक्रैट पार्टी के लिए बेहद खराब समय में सामने आया है. आने वाले दिनों में रिपब्लकिन पार्टी जहां इस मुद्दे पर राजनीति कर सकती है, वहीं मीडिया भी इसे बढ़ा चढ़ा कर पेश कर सकती है."

तस्वीर: REUTERS

इस मामले के बाद ओबामा प्रशासन और आईआरएस के व्यवहार पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि आईआरएस एक स्वतंत्र एजेंसी है लेकिन आरोप लग सकते हैं कि उसे ओबामा प्रशासन का साथ मिला हुआ है.

ऐसा ही आरोप कानून मंत्रालय पर भी लग सकता है. कहा जा रहा है कि मंत्रालय ने दो महीने तक समाचार एजेंसी एपी के पत्रकारों के फोन रिकॉर्ड जमा किए. अगले साल अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने हैं और सीनेट में ओबामा की डेमोक्रैट पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. ओबामा के सामने लीबिया के बेनगाजी शहर में पिछले सितंबर हुए हमले की भी जवाबदेही बन रही है. इस मामले की जांच चल रही है. पिछले हफ्ते इससे जुड़े ईमेल सामने आए, जिनमें दावा किया गया कि हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने इसे अलग रंग देने की कोशिश की. रिपब्लिकन पार्टी का दावा है कि ओबामा प्रशासन ने इस मामले को इसलिए दबाने की कोशिश की ताकि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कमजोर न दिखे.

ओबामा का कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी राजनीतिक मंशा से ऐसा कर रहे हैं, ताकि पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को कठघरे में खड़ा किया जा सके. पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन 2016 में डेमोक्रैटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो सकती हैं.

अमेरिका में बंदूक संस्कृति और लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के बीच फंसे राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए ये स्कैंडल अच्छे संकेत नहीं. अमेरिका में 2014 में मध्यावधि चुनाव होने हैं, जिनमें सीनेट का फैसला होगा. आम तौर पर सीनेट पर कब्जा जमाने वाली पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करती है.

एजेए/एमजी (एपी, रॉयटर्स)

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