स्कैन से पकड़ में आएगा अल्जाइमर
७ जून २०११![03.11.2006 projekt zukunft alzheimer 6](https://static.dw.com/image/2224093_800.webp)
गंभीर दिमागी बीमारी अल्जाइमर का पता लगाने वाला ब्रेन स्कैन अगले साल से दुनिया भर के अस्पतालों में उपलब्ध हो सकता है. जानकारों का कहना है कि इससे घातक बीमारी का पता लगाने में मदद मिलेगी. "पोजिट्रान इमिशन टोमोग्राफी" (पीईटी) स्कैन नाम की तकनीक के जरिए बीटा एमल्योड प्रोटीन की खोज कर उसका विश्लेषण करेगा. यह प्रोटीन अल्जाइमर से जुड़ा हुआ है.
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में स्थित ऑस्टिन अस्पताल के परमाणु चिकित्सा के प्रोफेसर क्रिस्टोफर रोव कहते हैं, " एमल्योड इमेजिंग के साथ पीईटी स्कैन जल्द ही क्लिनिकल प्रैक्टिस के लिए व्यापक तौर पर उपलब्ध होंगे. यह संज्ञानात्मक गिरावट के मूल्यांकन में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगा."
अल्जाइमर के लिए पीईटी स्कैन के तीन अध्ययनों के नतीजे टेक्सास में परमाणु चिकित्सा की वार्षिक बैठक में पेश की गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे अल्जाइमर के इलाज के संकेत मिलेंगे. अब तक अल्जाइमर को ठीक करने के लिए कोई इलाज नहीं है. दुनिया में करीब 1.8 करोड़ लोग अल्जाइमर पीड़ित है.
स्वस्थ बुजुर्गों के मस्तिष्क में अमल्योड पट्टिका लंबे समय के अंतराल में बनती हैं और तेजी से बढ़ती हैं और इस वजह से याददाश्त में गिरावट आती है. 60 या 65 वर्ष पार करते करते अक्सर लोगों को इस बीमारी का शिकार होना पड़ता है. इसके बाद हर दस साल में अल्जाइमर के मरीजों में वृद्धि होती जाती है. कम उम्र के लोगों में अमूमन यह नहीं होता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आमिर अंसारी
संपादनः महेश झा