स्कॉटलैंड ने मशहूर स्कॉच व्हिस्की को लेकर ब्रिटेन को चेतावनी दी है. स्कॉटलैंड चाहता है कि ब्रेजिक्ट के बाद भी स्कॉच का रुतबा बरकरार रहे.
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स्कॉटलैंड के वित्त मंत्री कीथ ब्राउन ने ब्रिटिश सरकार से स्कॉच व्हिस्की के रुतबे की रक्षा करने को कहा है. ब्रिटिश अधिकारियों को लिखे पत्र में ब्राउन ने चेतावनी दी कि अगर स्कॉच व्हिस्की की रुतबे पर आंच आयी तो 5.3 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित होगा. ब्राउन ने कहा, "स्कॉटलैंड की संस्कृति और उसकी पहचान होने के साथ साथ, हमारी व्हिस्की 20,000 लोगों को रोजगार देती है."
स्कॉटलैंड में बनने वाली 33 फीसदी स्कॉच यूरोपीय संघ के देशों में बिकती है. यूरोपीय संघ स्कॉच का सबसे बड़ा बाजार है.
यूरोपीय संघ के मौजूदा कानूनों में स्कॉच की परिभाषा साफ तौर तय की गयी है. नियमों के मुताबिक कम से कम तीन साल तक लकड़ी के कूपे में रहने और पूरी तरह परिपक्व होने के बाद ही व्हिस्की जैसे अल्कोहॉलिक पेय को स्कॉच व्हिस्की का दर्जा मिलता है.
ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन को नए बाजार की तलाश है. अमेरिका और ब्रिटेन के बीच ट्रांसअटलांटिक ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट पार्टनरशिप (TTIP) पर चर्चा हो रही है. इस संधि पर चर्चा के दौरान अमेरिका स्कॉच की तय परिभाषा में नरमी लाने की इच्छा जता चुका है. यानि कम से कम तीन साल बैरल में रहने और परिपक्व होने से पहले ही व्हिस्की को स्कॉच का दर्जा दिया जा सकेगा. स्कॉटलैंड इसी पर नाराजगी जता रहा है. स्कॉटलैंड में बनने वाली 90 फीसदी स्कॉच व्हिस्की निर्यात की जाती है. यूरोपीय संघ के बाद अमेरिका स्कॉच का दूसरा बड़ा बाजार है.
(यूके, जीबी, ब्रिटेन और इंग्लैंड में फर्क)
यूके, जीबी, ब्रिटेन और इंग्लैंड में फर्क
कभी यूके, कभी ग्रेट ब्रिटेन तो कभी इंग्लैंड, आखिर ये चक्कर क्या है. चलिए इस समझते हैं ताकि आगे ये कंफ्यूजन न रहे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R.Peters
यूनाइटेड किंगडम (यूके)
असल में इसका पूरा नाम यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉदर्न आयरलैंड है. यूके में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स आते हैं. इन चारों के समूह को ही यूके कहा जाता है.
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ग्रेट ब्रिटेन
इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के संघ को ग्रेट ब्रिटेन कहा जाता है. तीनों अलग अलग प्रांत हैं. तीनों प्रांतों की अपनी संसद है लेकिन विदेश नीति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फैसला ग्रेट ब्रिटेन की संघीय संसद करती है. तस्वीर में बायीं तरफ इंग्लैंड का झंडा है, दायीं तरफ स्कॉटलैंड का. बीच में ग्रेट ब्रिटेन का झंडा है.
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ब्रिटेन
यह नाम रोमन काल में इस्तेमाल हुए शब्द ब्रिटानिया से आया है. ब्रिटेन इंग्लैंड और वेल्स को मिलाकर बनता है. हालांकि अब सिर्फ ब्रिटेन शब्द का इस्तेमाल कम होता है. यूरो 2016 में इंग्लैंड बनाम वेल्स का मैच.
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इंग्लैंड
इंग्लैंड एक देश है. जिसकी राजधानी लंदन है. स्काटलैंड और वेल्स की तरह इंग्लैंड की अपनी फुटबॉल और क्रिकेट टीम हैं. इन टीमों में दूसरे प्रांतों के खिलाड़ी शामिल नहीं होते हैं.
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राजधानियां
उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट है. स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा है और वेल्स की राजधानी कार्डिफ है.
भाषा
अंग्रेजी भाषा होने के बावजूद इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में लहजे का फर्क है. आम तौर पर मजाक में लोग एक दूसरे इलाके के लहजे का मजाक भी उड़ाते हैं.
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खासियत
स्कॉटलैंड के लोगों को अपनी विश्वप्रसिद्ध स्कॉच पर गर्व है. बैगपाइपर का संगीत स्कॉटलैंड की पहचान है. वहीं आयरलैंड के लोग आयरिश व्हिस्की और बियर का गुणगान करते हैं. इंग्लैंड मछली और चिप्स के लिए मशहूर है.
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मतभेद
राजस्व के आवंटन के अलावा ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड) के प्रांतों के बीच विदेश नीति को लेकर भी मतभेद रहते हैं. यूरोपीय संघ की सदस्यता को लेकर मतभेद सामने भी आ चुके हैं. अगर ग्रेट ब्रिटेन यूरोपीय संघ से निकला तो स्कॉटलैंड स्वतंत्र देश बनने का एलान कर चुका है.
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ईयू से मतभेद
यूरोपीय संघ के आलोचकों का कहना है कि ईयू की सदस्यता से ब्रिटेन को आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंची है. तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरे करीब करीब बर्बाद हो चुके हैं. बड़ी संख्या में पोलैंड से आए प्रवासियों का मुद्दा भी समय समय पर उठता रहा है.
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राजनैतिक खींचतान
यूरोपीय संघ की नीतियां सदस्य देशों को लागू करनी पड़ती हैं. चाहे वह बजट का वित्तीय घाटा हो, शरणार्थियों का मुद्दा हो या फिर मार्केट रेग्युलेशन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन इसे राजनीतिक हस्तक्षेप करार दे चुके हैं.