स्कॉटलैंड एक बार फिर यूनाइटेड किंगडम से आजादी के लिए जनमत संग्रह करवाएगा. खुद ब्रिटेन को भी पता है कि स्कॉटलैंड का जनमत संग्रह रोकना अब असंभव सा है.
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यूनाइटेड किंगडम की सरकार के सामने जनमत संग्रह के लिए एक तारीख तय करने के अलावा और विकल्प नहीं है. स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टर्जन के मुताबिक जनमत संग्रह 2018 के अंत में कराया जा सकता है. वोटिंग यूनाइटेड किंगडम से यूरोपीय संघ से औपचारिक रूप से बाहर होने से ठीक पहले होगी.
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरीजा मे बार बार कह चुकी हैं कि ऐस जनमत संग्रह की जरूरत नहीं है. वहीं ब्रेजिक्ट से परेशान स्कॉटलैंड यूरोपीय संघ में बने रहना चाहता है. सितंबर 2014 में भी स्कॉटलैंड में आजादी के लिए जनमत संग्रह हुआ था. उस जनमत संग्रह में 55 फीसदी लोगों ने यूके से आजादी के खिलाफ वोट दिया था. तब स्कॉटलैंड के लोगों की उम्मीद थी कि यूके यूरोपीय संघ में बना रहेगा. अब मामला साफ है. यूके ब्रेक्जिट की राह पर है.
(जानिये क्या है, यूके, ग्रेट ब्रिटेन, ब्रिटेन और इंग्लैंड का चक्कर)
यूके, जीबी, ब्रिटेन और इंग्लैंड में फर्क
कभी यूके, कभी ग्रेट ब्रिटेन तो कभी इंग्लैंड, आखिर ये चक्कर क्या है. चलिए इस समझते हैं ताकि आगे ये कंफ्यूजन न रहे.
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यूनाइटेड किंगडम (यूके)
असल में इसका पूरा नाम यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉदर्न आयरलैंड है. यूके में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स आते हैं. इन चारों के समूह को ही यूके कहा जाता है.
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ग्रेट ब्रिटेन
इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के संघ को ग्रेट ब्रिटेन कहा जाता है. तीनों अलग अलग प्रांत हैं. तीनों प्रांतों की अपनी संसद है लेकिन विदेश नीति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फैसला ग्रेट ब्रिटेन की संघीय संसद करती है. तस्वीर में बायीं तरफ इंग्लैंड का झंडा है, दायीं तरफ स्कॉटलैंड का. बीच में ग्रेट ब्रिटेन का झंडा है.
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ब्रिटेन
यह नाम रोमन काल में इस्तेमाल हुए शब्द ब्रिटानिया से आया है. ब्रिटेन इंग्लैंड और वेल्स को मिलाकर बनता है. हालांकि अब सिर्फ ब्रिटेन शब्द का इस्तेमाल कम होता है. यूरो 2016 में इंग्लैंड बनाम वेल्स का मैच.
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इंग्लैंड
इंग्लैंड एक देश है. जिसकी राजधानी लंदन है. स्काटलैंड और वेल्स की तरह इंग्लैंड की अपनी फुटबॉल और क्रिकेट टीम हैं. इन टीमों में दूसरे प्रांतों के खिलाड़ी शामिल नहीं होते हैं.
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राजधानियां
उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट है. स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा है और वेल्स की राजधानी कार्डिफ है.
भाषा
अंग्रेजी भाषा होने के बावजूद इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में लहजे का फर्क है. आम तौर पर मजाक में लोग एक दूसरे इलाके के लहजे का मजाक भी उड़ाते हैं.
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खासियत
स्कॉटलैंड के लोगों को अपनी विश्वप्रसिद्ध स्कॉच पर गर्व है. बैगपाइपर का संगीत स्कॉटलैंड की पहचान है. वहीं आयरलैंड के लोग आयरिश व्हिस्की और बियर का गुणगान करते हैं. इंग्लैंड मछली और चिप्स के लिए मशहूर है.
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मतभेद
राजस्व के आवंटन के अलावा ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड) के प्रांतों के बीच विदेश नीति को लेकर भी मतभेद रहते हैं. यूरोपीय संघ की सदस्यता को लेकर मतभेद सामने भी आ चुके हैं. अगर ग्रेट ब्रिटेन यूरोपीय संघ से निकला तो स्कॉटलैंड स्वतंत्र देश बनने का एलान कर चुका है.
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ईयू से मतभेद
यूरोपीय संघ के आलोचकों का कहना है कि ईयू की सदस्यता से ब्रिटेन को आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंची है. तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरे करीब करीब बर्बाद हो चुके हैं. बड़ी संख्या में पोलैंड से आए प्रवासियों का मुद्दा भी समय समय पर उठता रहा है.
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राजनैतिक खींचतान
यूरोपीय संघ की नीतियां सदस्य देशों को लागू करनी पड़ती हैं. चाहे वह बजट का वित्तीय घाटा हो, शरणार्थियों का मुद्दा हो या फिर मार्केट रेग्युलेशन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन इसे राजनीतिक हस्तक्षेप करार दे चुके हैं.
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ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, "ये होना ही था. मुझे नहीं लगता कि हम इसे रोक पाने की हालत में हैं." ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र के हवाले से अखबार ने लिखा कि, "अब बहस सिर्फ इस पर है कि इसकी तारीख क्या होगी."
ब्रिटेन स्कॉटलैंड के जनमत संग्रह को जितना हो सकी उतनी देर तक टालने की कोशिश करेगा. अखबार के मुताबिक यह संभव है कि जनमत संग्रह को ब्रेक्जिट होने के बाद कराने की कोशिश की जाए. अगले जनमत संग्रह में अगर स्कॉटलैंड ने यूके से अलग होने के फैसला किया तो दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा झटका होगा.
एक जनमत संग्रह के बाद 23 जून 2016 को यूनाइटेड किंगडम ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया. जनमत संग्रह में इंग्लैंड और वेल्स ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए वोट दिया. वहीं उत्तरी आयरलैंड और स्कॉटलैंड ने यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में वोट दिया. अंत में बहुमत यूरोपीय संघ से बाहर निकलने वालों का साबित हुआ. इस तरह यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ का नाता टूट गया.
जनमत संग्रह के बाद अब ब्रेक्जिट की कानूनी और तकनीक प्रक्रियाएं चल रही हैं. दिसंबर 2018 तक यह पूरी हो जाएंगी और यूनाइटेड किंगडम 28 देशों के समूह यूरोपीय संघ से बाहर हो जाएगा. आशंका इस बात की भी है कि स्कॉटलैंड के बाद उत्तरी आयरलैंड भी यूके से अलग होने की मांग कर सकता है.
(यूरोपियन यूनियन की टाइम लाइन)
यूरोपियन यूनियन की टाइम लाइन
28 देशों के संघ यूरोपियन यूनियन के इतिहास में अब तक कौन सी अहम घटनाएं घटीं, इन तस्वीरों में देखें.
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1957
व्यापार की उलझनों को मिटाने के लिए, बेल्जियम, फ्रांस, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड्स और पश्चिमी जर्मनी ने मिलकर रोम की संधि के तहत यूरोपियन इकॉनोमिक कम्युनिटी यानि ईईसी का गठन किया.
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1973, 1981, 1985
1973 में डेनमार्क, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम भी इसके सदस्य बन गए. इसके बाद 1981 में ग्रीस और 1985 में स्पेन और पुर्तगाल भी ईईसी के सदस्य बने.
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1985
14 जून 1985 को 10 सदस्य देशों में से 5 ने शेंगेन समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते से सहमत सदस्य देशों की सीमाएं आपस में खुल गई. 2016 तक 26 देश शेंगेन इलाके से जुड़ गए हैं.
1992-1993
7 फरवरी 1992 में सदस्य देशों ने नीदरलैंड्स के मास्त्रिष्ट में यूरोपियन यूनियन की संधि पर हस्ताक्षर किए और 1993 में यह संधि लागू हो गई.
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2004
30 अप्रैल 2004 को ईयू के 15 सदस्यों की संख्या के 25 पहुंच जाने के मौके पर डब्लिन में एक समारोह का आयोजन हुआ. इसी साल जून में सदस्य देशों ने ईयू के संविधान को पारित किया. जिस पर अक्टूबर में सभी देशों ने हस्ताक्षर कर लिए.
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2005
फ्रांस में यूरोपीय संघ के संविधान के खिलाफ जनमत संग्रह हुआ जिसमें उसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद ऐसा ही नीदरलैंड्स में भी हुआ. जबकि संविधान के प्रभावी होने के लिए सभी 27 देशों की सहमति की जरूरत थी.
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2007
यूरोपीय संघ के नेता एक ऐसे समझौते के मसौदे पर सहमत हुए जिसे यूरोपीय संघ के दो देशों की ओर से खारिज हुए संविधान का विकल्प बनना था. इसे लिस्बन समझौता कहा गया.
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2009
लिस्बन समझौते के तहत 19 नवंबर 2009 को बेल्जियम के प्रधानमंत्री हरमन फान रूम्पे यूरोपीय आयोग के पहले अध्यक्ष बने.
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2012
यूरोपीय संघ को वर्ष 2012 में यूरोप में शांति और सुलह, लोकतंत्र और मानव अधिकारों की उन्नति में योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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2013
क्रोएशिया ने 28वें सदस्य के बतौर 1 जुलाई 2013 में यूरोपीय संघ में पदार्पण किया.
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2016
23 जून को यूरोपीय संघ में बने रहने या ना बने रहने पर लंबी बहस के बाद ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह में ब्रिटिश मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाने का फैसला लिया.
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2020
31 जनवरी 2020 को आखिरकार ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर हो गया. हालांकि यूरोपीय संघ के नियमों के तहत 11 महीने के लिए संक्रमण काल में कई चीजों को लागू रखने का फैसला किया गया जो 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है.