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स्टार लेखकों की मांग इंटरनेट सुरक्षा बढ़े

१० दिसम्बर २०१३

अमेरिका की बड़ी इंटरनेट कंपनियों के बाद सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय स्टार लेखकों ने भी बेहतर डाटा सुरक्षा और सरकारों के जरिए नागरिकों की कम निगरानी की मांग की है. 560 प्रमुख लेखकों की अपील आज अखबारों और इंटरनेट में छपी है.

आम लोगों की व्यापक निगरानी का विरोध करने वाले स्टार लेखकों में नोबेल पुरस्कार विजेता गुंटर ग्रास, एलफ्रीडे येलिनेक, ओरहान पामुक और जेएम कोएट्जे के अलावा उमबैर्तो इको, मार्गरेट एटवुड, खोआओ रिबेरो, हेनिंग मांकेल, रिचर्ड फोर्ड और डेविड ग्रोसमैन जैसे लेखक शामिल हैं. उन्होंने मांग की है कि संयुक्त राष्ट्र डिजीटल अधिकारों पर बाध्यकारी संधि पास करे. जर्मनी और ब्राजील ने इस सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र में पहल की है.

जासूसी का भंडाफोड़

लेखकों की इस पहल के पीछे अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए द्वारा दुनिया भर में की जा रही व्यापक जासूसी की खबरें हैं. एनएसए के पूर्व एजेंट एडवर्ड स्नोडेन ने पिछले महीनों में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की दुनिया भर में की जा रही जासूसी का भंडाफोड़ किया है. चीन और रूस जैसे देश भी आलोचना के केंद्र में हैं जो अपने नागरिकों के इंटरनेट और टेलीकॉम डाटा पर नजर रखते हैं.

व्यापक जासूसीतस्वीर: Evgeniya Ponomareva - Fotolia.com

सोमवार को गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, ट्विटर, लिंक्डइन, याहू और एओएल ने राष्ट्रपति बराक ओबामा और अमेरिकी संसद के नाम खुला पत्र लिखकर जासूसी की प्रक्रिया में संशोधन की मांग की थी. आईटी उद्योग की इन बड़ी कंपनियों ने नागरिकों की जासूसी को कम करने और उस पर अधिक नियंत्रण की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि स्नोडेन के रहस्योद्घाटनों ने "यह दिखाया है कि दुनिया भर में चल रही निगरानी की प्रथा को बदले जाने की कितनी जरूरत है."

आईटी कंपनियों ने कहा है कि बहुत से देशों में संतुलन सरकार के पक्ष में और संविधान में लिखित निजी अधिकारों के खिलाफ हो गया है. इससे आजादी को नुकसान हो रहा है. आईटी कंपनियों ने मांग की है, "अब बदलाव का समय आ गया है." उनका कहना है कि सरकारी निगरानी पर कानूनी सीमाएं लगाई जानी चाहिए और उन्हें जोखिम के अनुपात में तथा पारदर्शी और स्वतंत्र नियंत्रण में होना चाहिए. आईटी कंपनियों का कहना है कि अमेरिका को इसमें अच्छा उदाहरण पेश करना चाहिए और सुधारों की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.

गुंटर ग्रासतस्वीर: dapd

कारोबार का डर

अमेरिका आईटी कंपनियों को डर है कि खुफिया एजेंसियों की जासूसी से यूजर्स का भरोसा कम होगा और उनके कारोबार पर इसका असर होगा. गूगल प्रमुख लैरी पेज ने लिखा है कि यूजर्स के डाटा की सुरक्षा महत्वपूर्ण है. माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कानूनी अधिकारी ब्रैड स्मिथ का कहना है, "लोग ऐसी तकनीक का इस्तेमाल नहीं करेंगे जिनमें उनका भरोसा नहीं होगा."

पिछले जून से एनएसए और साथी एजेंसियों की जासूसी के कई मामले सामने आए हैं. एनएसए ने दुनिया भर में आम लोगों के ईमेल और टेलीफोन डाटा की जासूसी के अलावा साथी देशों के राजनेताओं की भी जासूसी की. उनमें जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल भी शामिल थीं. पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बराक ओबामा ने खुफिया एजेंसियों पर लगाम लगाने की बात कही है.

एमजे/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)

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