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स्टेम सेल थेरेपी में काजोल ने की मदद

१५ सितम्बर २०१०

बॉलीवुड अदाकारा काजोल ने बच्चे के जन्म के बाद कॉर्ड ब्लड और टिशू (ऊतकों) को कॉर्ड ब्लड बैंक में जमा कर दिया है. बच्चे के जन्म के तुरंत बाद अंब्लिकल कॉर्ड यानी नाभि रज्जु के रक्त और ऊतक से स्टेम सेल मिलते हैं.

तस्वीर: AP

स्टेम सेल्स यानी मूल कोशिकाएं गंभीर बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. यही नहीं गंभीर बीमारी की स्थिति में बच्चे के इलाज में बहुत काम आ सकती है. काजोल ने बेटे के जन्म के बाद चेन्नई के लाइफ सेल इंटरनेशनल नाम के कॉर्ड ब्लड बैंक में बच्चे को मां से जोड़ने वाली नलिका का रक्त और कोशिकाएं जमा कर दी हैं.

स्टेम सेल वैज्ञानिक शोध के लिए बहुत अहमतस्वीर: AP

ल्यूकेमिया, लिम्फोमिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में स्टेम सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. साथ ही बोन मैरो यानी अस्थि मज्जा में अनियमितताएं भी स्टेम सेल के जरिए दूर की जा सकती हैं.

कॉर्ड ब्लड उसे कहते हैं जो बच्चे के जन्म के बाद नाभि रज्जु में रह जाता है. इन ऊतकों में मेसेनकाइमल स्टेम सेल (एमएससीएस) होते हैं. इससे जोड़ने वाले ऊतक बनाए जा सकते हैं. ये रीढ़ की हड्डी में हुए घाव, कार्टिलेज यानी उपास्थि को ठीक कर सकते हैं.

चेन्नई का लाइफ सेल इंटरनेशनल ऐसा केंद्र है जहां स्टेम सेल बैंकिंग की सुविधा है. मतलब आप अपने बच्चे के स्टेम सेल्स वहां जमा कर सकते हैं. इस बैंक के करीब 25 हज़ार सदस्य हैं. जिसमें रितिक रोशन, फरहान अख्तर सहित विप्रो चेयरमन अजीम प्रेमजी के बच्चों के साथ ही कई नेताओं के भी नाम हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः एस गौड़

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