इंग्लैंड के स्टोनहेंज के पास एक महत्वपूर्ण इमारत के अवशेष मिले हैं जो स्टोनहेंज के इतिहास पर नया प्रकाश डाल सकते हैं. संभव है कि वो एक पवित्र इलाके की चौहद्दी हो या डरिंग्टन वॉल्स हेंज नामक एक गोलाकार इमारत का अहाता.
पुरातत्त्वविदों ने बताया है कि उन्हें इंग्लैंड के विश्व-प्रसिद्ध स्टोनहेंज के पास धरती के नीचे एक महत्वपूर्ण इमारत के अवशेष मिले हैं जो लिखित इतिहास से भी पुराने समय के हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे स्टोनहेंज के इतिहास पर नया प्रकाश पड़ सकता है.
ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के एक समूह के विशेषज्ञों का कहना है कि उस स्थल पर कम से कम 20 विशाल शाफ्ट हैं, जो व्यास में 10 मीटर से भी ज्यादा चौड़े हैं और पांच मीटर से भी ज्यादा गहरे हैं. ये 20 गड्ढे साथ मिल कर एक बड़ा घेरा बनाते हैं जो व्यास में दो किलोमीटर से भी ज्यादा बड़ा है.
ये नई खोज डरिंग्टन वॉल्स में स्थित है, जो कि स्टोनहेंज से करीब दो किलोमीटर दूर एक निओलिथिक युग का गांव है. शोधकर्ताओं का कहना है कि गड्ढों को करीब 4,500 साल पहले खोदा गया था और संभव है कि वो एक पवित्र इलाके की चौहद्दी हों या डरिंग्टन वॉल्स हेंज नामक एक गोलाकार इमारत का अहाता हो.
डरिंग्टन गड्ढों के समूह के आस-पास की जगह को दर्शाता हुआ एक चित्र.तस्वीर: Crown copyright and database rights 2013
सेंट ऐन्ड्रूज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के रिचर्ड बेट्स का कहना है कि रिमोट सेंसिंग और सैंपलिंग के द्वारा की गई इस खोज ने "एक ऐसे बीते हुए वक्त के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है जिसमें एक ऐसा पेंचीदा समाज नजर आता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे."
ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय के पुरातत्त्वविद विन्स गैफ्नी ने इस "उल्लेखनीय" खोज पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि दुनिया के सबसे ज्यादा अध्ययन किए जा चुके स्थलों में से एक स्टोनहेंज अभी भी ऐसी नई खोज दे सकता है. उन्होंने कहा, "जब इन गड्ढों पर पहली बार ध्यान दिया गया था तो यह सोचा गया था कि ये प्राकृतिक होंगे." लेकिन जियोफिजिकल सर्वेक्षणों ने वैज्ञानिकों को इजाजत दी कि वो "बिंदुओं को मिला सकें और यह देखें कि यहां एक विशाल स्तर पर एक पैटर्न था."
पूरे ब्रिटेन में पत्थरों के घेरे फैले हुए हैं जिन्हें हजारों साल पहले बनाया गया था लेकिन आज भी इनके बनाए जाने की वजह एक रहस्य बनी हुई है. इनमें सबसे प्रसिद्ध है स्टोनहेंज जो कि 3000 ईसापूर्व से 1600 ईसापूर्व के बीच में बनाई गई एक विशाल संरचना है. यह ब्रिटेन के सबसे लोकप्रिय पर्यटन आकर्षणों में से है.
स्टोनहेंज के पास मिले पत्थर के खम्भों का एक कलाकार के द्वारा बनाया हुआ चित्र.तस्वीर: picture-alliance/dpa/EPA/Stonehenge Hidden Landscape Project
यह हजारों ऐसे लोगों के लिए एक तरह का आध्यात्मिक केंद्र भी है जो मानव समझ से परे की वास्तविकताओं में विश्वास रखते हैं. ये लोग गर्मियों और सर्दियों में सोल्स्टिस पर यहां आते हैं. बीते सप्ताह के अंत पर ही इस साल गर्मियों के सोल्स्टिस का जश्न होना था लेकिन कोरोनावायरस महामारी की वजह से वह हो ना सका.
रिसर्चरों के मुताबिक अब तक ज्ञात स्टोनहेंज तो बस शुरुआत थी. जमीन के अंदर बहुत कुछ और है जिसका डिजिटल मैप तैयार किया गया है...
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रिसर्चरों की टीम के प्रमुख विंसेंट गैफ्नी के मुताबिक यह स्टोनहैंज के बारे में नई जानकारी नहीं बल्कि जानकारियां मिलने की एक नई शुरुआत है. चार साल तक काम करके रिसर्चरों को जमीन के भीतर पत्थर के और भी धार्मिक स्मारक होने के सबूत मिले हैं.
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स्टोहेंज की मौजूदगी वैज्ञानिकों को हैरान करती आई है और इसके इतिहास के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है. इस इलाके पर रिसर्च के दौरान टीम को 17 ऐसे स्मारक मिले हैं जिनके बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थीं.
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यह डिजिटल मैप है जो स्टोनहैंज के इलाके में मिले नए स्मारकों की मौजूदगी दिखाता है. रिसर्चरों ने इनका पता लगाने के लिए मैग्नोमीटर, जमीन भेदने वाले रडार, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन सेंसर और 3डी लेजर का इस्तेमाल किया.
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चार साल का यह प्रोजेक्ट स्टोनहेंज पर अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. इस तस्वीर में एक रिसर्चर मोटर में फिट मैग्नेटोमीटर की मदद से जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
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डुरिंग्टन वॉल्स का अस्तित्व 4500 साल पहले का माना जाता है. इसे उस समय का पारंपरिक कारणों से महत्वपूर्ण स्मारक माना जाता है. परिधि में यह करीब 1.5 किलोमीटर है. रिसर्चरों को उम्मीद है कि स्टोनहेंज की तरह इसके इर्द गिर्द भी जमीन के नीचे बड़े बड़े पत्थर हैं.
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मैप में एक बड़ी सी लकड़ी की बनी इमारत का भी जिक्र है. माना जाता है कि यहां पुराने समय में अंतिम संस्कार किया जाता रहा होगा.
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लकड़ी का बना यह ढांचा स्टोहेंज से भी पुराना माना जा रहा है. रिसर्चरों का मानना है कि इसका निर्माण 3000 और 2000 ईसा पूर्व के बीच किया गया होगा.
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रिसर्च में शामिल लुडविग बोल्ट्समान इंस्टीट्यूट के निदेशक वोल्फगांग नॉयबाउअर के मुताबिक हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है बिना आक्रामक तरीके के सांस्कृतिक धरोहर का पता लगाना. उन्होंने कहा यह सिर्फ आधुनिक तकनीक से ही संभव है.
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डिजिटल तस्वीरों में कई प्रागैतिहासिक काल के गड्ढे और कुछ कब्र जैसे टीले भी मिले हैं. इनसे कांस्य युग, लौह युग और रोमन काल की रिहाइश का पता चलता है.
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5 सितंबर 2014 को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा स्टोनहेंज पहुंचे. माना जाता है कि स्टोनहेंज का निर्माण नवपाषाण और कांस्य युग में किया गया था. यह भी धारणा है कि इस इलाके का इस्तेमाल अंतिम संस्कार और अन्य धार्मिक रस्मों के लिए किया जाता था.