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स्नोडेन को माफ नहीं करेगा अमेरिका

४ नवम्बर २०१३

एनएसए की जासूसी गतिविधियों की जानकारी देने वाले एडवर्ड स्नोडेन को अमेरिका ने माफ करने से इनकार किया है. व्हाइट हाउस के सलाहकार डैन फीफर ने कहा स्नोडेन ने कानून का उल्लंघन किया है और उनके प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

पिछले हफ्ते जर्मनी की ग्रीन पार्टी के नेता हंस क्रिस्टियान श्ट्रोएबेले की स्नोडेन से मुलाकात के बाद अमेरिकी संसद के प्रमुख सदस्यों, खुफिया मामलों की समिति के सदस्यों और व्हाइट हाउस सलाहकार डैन फीफर ने इस बारे में बातचीत की. अमेरिकी न्यूज चैनल से बात करते हुए फीफर ने कहा, "स्नोडेन को अमेरिका वापस आना होगा और कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा."

अमेरिकी सांसद डायेन फींस्टीन ने भी कहा है कि स्नोडेन ने नरमी का वह मौका गंवा दिया. उन्होंने कहा, "अगर वह फोन उठाकर व्हाइट हाउस की खुफिया मामलों की समिति से कहते कि मेरे पास कुछ ऐसी जानकारी है जो आपके लिए महत्वपूर्ण है, तो उनके पास मौका हो सकता था." फींस्टीन ने आगे कहा, "ऐसे में हम उनसे मिलते और इस जानकारी पर गौर करते. लेकिन वैसा हुआ नहीं और उन्होंने राष्ट्र को भारी नुकसान पहुंचाया है." वह मानती हैं कि स्नोडेन पर मुकदमा चलना ही चाहिए.

अमेरिका में सरकार के खिलाफ जासूसी के आरोप झेल रहे एडवर्ड स्नोडेन को अगस्त में रूस में शरण मिली. अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के नेता माइक रॉजर्स ने भी कहा कि स्नोडेन को आरोपों से मुक्ति देने की कोई वजह नहीं दिखती. रॉजर ने कहा, "अगर वह वापस आकर इस बात की जिम्मेदारी लेने को तैयार हों कि उन्होंने सरकारी जानकारी की चोरी की और उसका दुरुपयोग किया, तो मैं उनसे बातचीत के लिए तैयार हूं." साथ ही उन्होंने कहा स्नोडेन ने जो किया है उसकी उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी. इस बातचीत में वह बता सकते हैं कि उन्होंने जो किया वह क्यों किया.

एडवर्ड स्नोडेन से पिछले हफ्ते जर्मनी के ग्रीन पार्टी के नेता हंस क्रिस्टियान श्ट्रोएबेले ने मुलाकात कीतस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के फोन पर एनएसए की जासूसी की खबरों के बाद से यूरोप में अमेरिका के खिलाफ नाराजगी और बढ़ गई. एनएसए की जासूसी गतिविधियों की जानकारी देने वाले एडवर्ड स्नोडेन से पिछले हफ्ते जर्मनी के ग्रीन पार्टी के नेता हंस क्रिस्टियान श्ट्रोएबेले ने मुलाकात की और बर्लिन आकर एनएसए के खिलाफ गवाही देने का न्यौता दिया था. फींस्टीन ने उनकी इस मुलाकात पर भी सवाल उठाए और कहा कि जहां तक सहयोगी राष्ट्रों की आपसी बात है, उनके निजी फोन की जासूसी करना, खासकर नेताओं की, यह एक जासूसी हरकत से ज्यादा राजनीतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने यह भी कहा, "हमें इस मामले को ध्यान से देखने की जरूरत है, और कुछ अपवाद को छोड़ राष्ट्रपति वह कर रहे हैं." एक दूसरे इंटरव्यू में अमेरिकी केंद्रीय खुफिया समिति और एनएसए के पूर्व प्रमुख माइकल हेडेन ने कहा कि जासूसी के पूरे मामले में जर्मनी के लिए ज्यादा खराब स्थिति है. उन्होंने कहा, "मैं चांसलर के लिए शर्मिंदगी का अनुमान लगा सकता हूं. इस मामले ने उनके लिए खराब राजनीतिक स्थिति पैदा की है."

जर्मन ग्रीन पार्टी के श्ट्रोएबेले ने स्नोडेन से मिलकर उन्हें आश्वासन दिया कि उनके हकों का सम्मान किया जाएगा. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि अगर स्नोडेन बर्लिन ना भी आ सके तो उस हाल में जर्मनी से वकीलों को बयान दर्ज करने के लिए रूस भेजा जा सकता है. अमेरिका पहले ही स्नोडेन के पासपोर्ट को अमान्य कर चुका है और जर्मनी समेत कई अन्य देशों से स्नोडेन को अमेरिका वापस भेजने के लिए भी कहा गया है.

स्नोडेन ने कहा था कि वह जर्मन संसद में अमेरिकी जासूसी के बारे में गवाही देने के लिए भी तैयार है, बशर्ते उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाए. अमेरिका को लिखे अपने खत में स्नोडेन ने उन पर लगे आरोपों से उन्हें मुक्त करने की मांग की थी. साथ ही स्नोडेन ने यह भी लिखा था, "जो लोग सच बोल रहे हैं वह अपराध नहीं कर रहे."

एसएफ/एनआर (एएफपी,एपी)

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