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स्नोडेन ने रूस से शरण मांगी

१६ जुलाई २०१३

अमेरिका के खुफिया दस्तावेज लेकर देश छोड़ने वाले एडवर्ड स्नोडेन ने रूस से फौरी तौर पर शरण मांगी है. वह कई दिनों से मॉस्को एयरपोर्ट पर रह रहे हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने आरोप लगाया कि अमेरिका की साजिश की वजह से स्नोडेन को रूस में "फंसना" पड़ गया है. इसके बाद क्रेमलिन से जुड़े एक वकील ने बताया कि स्नोडेन ने आधिकारिक तौर पर उनके देश में शरण मांगी है.

अमेरिका को 30 साल के स्नोडेन की तलाश है, जिन पर उसने जासूसी से जुड़े अहम दस्तावेज लेकर फरार होने का आरोप लगाया है. वह रूस की राजधानी मॉस्को के एक एयरपोर्ट में लगातार चौथे हफ्ते ट्रांसिट लाउंज में रह रहे हैं. हांग कांग से रूस पहुंचने के बाद उन्होंने किसी देश की सीमा में दाखिला नहीं लिया है.

स्नोडेन के साथ मंगलवार की सुबह मुलाकात करने वाले वकील अनातोली कुशेरेना ने बताया, "रूसी अधिकारियों के सामने प्रस्ताव रख दिया गया है." यह काम प्रवासी विभाग के साथ मिल कर किया गया है. इस मामले में संघीय प्रवासी विभाग ने कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

क्रेमलिन के करीबी माने जाने वाले वकील कुशेरेना ने बताया कि पिछले हफ्ते मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान उनकी स्नोडेन से भेंट हुई और बाद में उनसे मदद मांगी गई. उनका कहना है, "वह लगातार मुझसे सलाह ले रहे हैं."

मॉस्को के टर्मिनल पर पत्रकारों की भीड़तस्वीर: Kirill Kudryavtsev/AFP/Getty Images

अमेरिका के पूर्व नागरिक स्नोडेन 23 जून को हांग कांग से रूस पहुंचे और उसके बाद से एयरपोर्ट पर ही फंसे हैं. उन्होंने 24 जून को क्यूबा जाने वाली एक फ्लाइट में चेक इन तो किया लेकिन विमान पर सवार नहीं हुए.

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए यह एक अजीब स्थिति है. खुले तौर पर अमेरिका के भगोड़े को राजनीतिक शरण देने से दोनों बड़ी ताकतों में तनाव पैदा हो सकता है, जबकि ऐसा न करने से रूस के मानवाधिकारों पर सवाल उठ सकते हैं.

सोमवार को पुतिन ने इशारा किया कि स्नोडेन उनके लिए अनचाहा तोहफा हैं और वे "जब चाहें, जा सकते हैं". पुतिन ने इलजाम लगाया कि अमेरिका की वजह से स्नोडेन उनके देश में फंसे हैं क्योंकि अमेरिकी दबाव की वजह से कोई भी देश उन्हें अपने यहां से होकर जाने देने के लिए तैयार नहीं है.

कुशेरेना ने बताया कि वह स्नोडेन को रूसी कानून, वहां शरण की शर्तें और दूसरी बातों के बारे में बता रहे हैं, "इससे पहले उन्हें इन बातों की जरा भी जानकारी नहीं थी. उन्हें इन बातों को समझना होगा."

अमेरिका ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है, जिसके बाद से वह किसी भी देश के नागरिक नहीं हैं. उन्होंने पहली बार शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कुछ लोगों से मुलाकात की. इसी दौरान उन्होंने इशारा कर दिया था कि वह कानूनी तौर पर लातिन अमेरिका जाना चाहते हैं, पर इसमें थोड़ा समय लगेगा. और इस दौरान वह रूस में अस्थायी शरण चाहते हैं.

स्नोडन मॉस्को एयरपोर्ट पर कई एक्टिविस्टों और नेताओं से मिलेतस्वीर: DW/J.Winogradow

वेनेजुएला, बोलीविया और निकारागुआ ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे स्नोडेन को शरण दे सकते हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता स्वेतलाना गनुषकिना का कहना है कि आम तौर पर रूस किसी को राजनीतिक शरण देने में तीन महीने का समय लगाता है. हालांकि अगर उसका आवेदन स्वीकार कर लिया गया, तो उसे खुले तौर पर घूमने फिरने और रहने की इजाजत दे दी जाती है. उनका कहना है कि राष्ट्रपति खुद राजनीतिक शरण का फैसला करते हैं और यह कभी कभार ही दिया जाता है.

गनुषकिना का कहना है कि उन्हें ताज्जुब है कि इस काम में इतना वक्त लगा, "हर कोई ड्रामा कर रहा है. मुझे नहीं पता कि क्या वे खुद से कोई कदम नहीं उठा रहे हैं या यह भी हमारे ही लोगों की वजह से हो रहा है."

हालांकि रूस सरकार ने बार बार कहा है कि वह स्नोडेन के मामले में कुछ नहीं करना चाहती लेकिन सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से उनकी मुलाकात बिना सरकारी हरी झंडी के मुमकिन नहीं.

एजेए/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)

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