स्पेन के लोकप्रिय फुटबॉलरों में शामिल रहे शावी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा की है. वे देश के सर्वाधिक पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों में हैं और खेल के सफल टिकी टाका स्टाइल के प्रमुख खिलाड़ियों में रहे हैं.
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लीग फुटबॉल में बार्सिलोना के लिए खेलने वाले शावी ने राष्ट्रीय टीम के लिए 133 मैच खेले और 2008 और 2012 के यूरोपीय चैंपियनशिप और 2010 की विश्व कप जीत के अहम किरदार रहे हैं. राष्ट्रीय टीम में उनसे ज्यादा मैच सिर्फ गोलकीपर और कप्तान इकर कासियास ने खेले हैं. शावी के लिए 2013-14 का सीजन बहुत ही खराब रहा जब उनका क्लब बार्सिलोना पिछले छह सालों में पहली बार लीग जीतने में विफल रहा और स्पेन ब्राजील में हुए वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज पर ही बाहर हो गया.
वर्ल्ड कप के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे अपना करियर मध्य पूर्व या अमेरिका के किसी क्लब के लिए खेलने के साथ समाप्त करेंगे. लेकिन उन्होंने बार्सिलोना के नए कोच और पहले टीम के साथी रहे लुइस एनरिके के साथ क्लब में बने रहने का फैसला किया जबकि 2016 के यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाइंग मैचों के शुरू होने से पहले अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को विदा कहने का फैसला लिया.
एक ट्रेनिंग सत्र के बाद संन्यास की घोषणा करते हुए 34 वर्षीय शावी ने कहा, "मैं उन सारे सालों के लिए शुक्रगुजार हूं." उन्होंने कहा, "मैं 20 का नहीं हूं, लेकिन मुझमें अभी भी बच्चों वाला उत्साह है. मैं पिछले सीजन की समाप्ति पर दो स्तरों पर असंतुष्ट था और बारसा या राष्ट्रीय टीम के लिए अपने को फायदेमंद नहीं मान रहा था. मैं लुइस एनरिके का अहसानमंद हूं जिसने मुझे समझाया कि मैं अभी भी महत्वपूर्ण हो सकता हूं. "
शावी ने तीन बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है. इसके अलावा अपने क्लब बार्सिलोना के साथ उन्होंने सात बार ला लीगा टाइटल और दूसरी ट्रॉफियां जीती हैं. नवंबर 2000 में नीदरलैंड्स के साथ हुए मैच से अपने करियर की शुरुआत करने वाले शावी ने चार वर्ल्ड कप और तीन यूरोपीय चैंपियनशिपों में खेला है और स्पेन के लिए खेले गए 133 मैचों में 100 में जीत हासिल की है. अपने अंतिम मैच में उन्हें नीदरलैंड्स के खिलाफ 1-5 से हार का मुंह देखना पड़ा. चिली के साथ हुए मैच में उनके स्थान पर कोक को रखा गया जिसे उन्होंने अपना स्वाभाविक उत्तराधिकारी बताया है.
एमजे/एजेए (रॉयटर्स)
यूरोप का सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर
विश्व कप के फौरन बाद यूरोपीय लीग फुटबॉल में खेलने वाले 10 खिलाड़ियों को छांटा गया है. इनमें से कोई एक होगा 2014 में फ्रांक रिबेरी का उत्तराधिकारी. रिबेरी ने पिछले साल यह खिताब जीता था.
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डिएगो कोस्टा (चेल्सी)
स्पेन के 25 साल के कोस्टा ने पुर्तगाल के एक क्लब से अपने सफर की शुरुआत की. लेकिन जल्द ही चोटी की तरफ बढ़ने लगे. स्पेनी टीम के नियमित स्ट्राइकर ने अटलेटिको मैड्रिड के लिए इस साल 27 गोल किए. अब वह चेल्सी पहुंच गए हैं.
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आंखेल डी मारिया (रियाल मैड्रिड)
अर्जेंटीना फुटबॉल टीम में मेसी के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी डी मारिया यूरोप में मेसी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी टीम रियाल मैड्रिड से खेलते हैं. 26 साल के डी मारिया कभी आक्रामक मिडफील्डर तो कभी विंगर के तौर पर मैदान में दौड़ते हैं.
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क्रिस्टियानो रोनाल्डो (रियाल मैड्रिड)
पुर्तगाल का यह करिश्माई खिलाड़ी मौजूदा वक्त में दुनिया का सबसे बड़ा फुटबॉलर है. लेकिन विश्व कप में उसकी टीम को पहले ही दौर में बाहर होना पड़ा. फिर भी रोनाल्डो यूरोपीय चैंपियन रियाल के हिस्सा तो हैं ही.
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खामेस रोड्रिगेस (मोनाको)
ब्राजील के फुटबॉल विश्व कप ने अगर किसी खिलाड़ी को सबसे बड़ी पहचान दी, तो वह हैं 23 साल के कोलंबियाई सितारे रोड्रिगेस. उनकी टीम भले ही क्वार्टर फाइनल में हार गई हो लेकिन तब तक उन्होंने छह गोल करके गोल्डन बूट जीत लिया.
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फिलिप लाम (बायर्न म्यूनिख)
जर्मनी की राष्ट्रीय और सबसे लोकप्रिय टीम बायर्न म्यूनिख के कप्तान 30 साल के फिलिप लाम लगभग एक दशक से दोनों टीमों के सबसे बड़े डिफेंडर हैं. वैसे मौका पड़ने पर विपक्षी खेमे में घुस कर गोल दागने में भी उनका जवाब नहीं.
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मानुएल नॉयर (बायर्न म्यूनिख)
बर्लिन की दीवार के नाम से मशहूर जर्मनी और बायर्न के गोलकीपर नॉयर के नाम से एक युग लिखा जा सकता है. 28 साल के नॉयर को इस विश्व कप में गोल्डन ग्लव्स का खिताब भी मिला है.
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थोमस मुलर (बायर्न म्यूनिख)
लगातार दो वर्ल्ड कप में 10 गोल करने वाले मुलर हाल के दिनों में जर्मन लीग टीम के भी प्रमुख स्तंभ बन गए हैं. 24 साल के मुलर ने पिछले वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट और इस बार सिल्वर बूट जीता है. बायर्न में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है.
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आर्यन रोबेन (बायर्न म्यूनिख)
जर्मन क्लब से खेलने वाले नीदरलैंड्स के रोबेन ने लगातार दो बार अपनी टीम को वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया. 30 साल के रोबेन पिछले 10 साल से हर साल कोई न कोई खिताब जीतते आ रहे हैं.
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लुइस सुआरेस (बार्सिलोना)
उरुग्वे के स्ट्राइकर 27 साल के सुआरेस अपनी फुटबॉल से ज्यादा दांत काटने की हरकत के लिए मशहूर हैं. लेकिन इस साल उन्होंने इंग्लिश प्रीमियर लीग में ताबड़तोड़ गोल किए हैं. अब वह मेसी के साथ खेलने बार्सिलोना जा रहे हैं.
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लियोनेल मेसी (बार्सिलोना)
अर्जेंटीना के महान डिएगो माराडोना के उत्तराधिकारी समझे जाने वाले मेसी ने 27 साल में वह सब कुछ पा लिया है, जो कई फुटबॉलरों को पूरे करियर में नहीं मिलता.