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स्पेन को 100 अरब की मदद पर चर्चा

९ जून २०१२

बैंक संकट के कारण स्पेन के यूरो बेल आउट पैकेज में शामिल होने के संकेत हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि बैंकों को कम से कम 40 अरब यूरो की जरूरत है. यूरो जोन के वित्त मंत्री 100 अरब डॉलर की मदद का फैसला ले सकते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/ZB

हालांकि स्पेन की सरकार इस बात से मना कर रही है कि उसे यूरो बेलआउट पैकेज से मदद चाहिए लेकिन यूरो जोन को किसी भी समय मैड्रिड की अर्जी का इंतजार है. यूरो देशों के वित्त मंत्रियों ने टेलिफोन कॉन्फ्रेंस में अर्जी की स्थिति में स्पेन को मदद पर चर्चा की है. ईयू सूत्रों के अनुसार स्पेन को कर्ज में डूबे बैंकों की मदद के लिए ज्यादा से ज्यादा 100 अरब यूरो मुहैया हो सकता है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि मुश्किलों का सामना कर रहे स्पेन के बैंकों को संकट से उबरने के लिए कम से कम 40 अरब यूरो की मदद चाहिए. मुद्रा कोष के अनुसार यह स्पेन के वित्तीय संस्थानों के स्ट्रेस टेस्ट का नतीजा है. हालांकि मुद्रा कोष ने कहा है कि यह न्यूनतम जरूरी राशि है. बैंकों को एकदम स्वस्थ बनाने के लिए 60 से 80 अरब यूरो की जरूरत है. देश के दो बड़े बैंकों बीबीवीए और बैंको सांतांदर को पैसा चुकाने में सक्षम बताया है, लेकिन बाकी संस्थानों की आलोचना की गई है.

शौएब्ले, स्पेनी वाणिज्य मंत्री लुइस दे गिंडो और मारियो ड्रागीतस्वीर: picture-alliance/dpa

स्पेन की सरकार अब तक इस पर जोर दे रही थी कि वह मदद के लिए अर्जी नहीं देगी. शनिवार को सरकारी सूत्रों ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है और यूरो वित्त मंत्रियों के टेलिफोन कॉन्फ्रेंस के नतीजों का इंतजार किया जा रहा है. उसके बाद ही स्पेनी सरकार मदद लेने के बारे में कोई बयान देगी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार स्पेन शनिवार को ही बैंकों के लिए सहायता की अर्जी दे सकता है. रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार 100 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता की अर्जी हो सकती है.

यूरोपीय सरकारी हल्कों से कहा गया है कि स्पेन ने कुछ दिन पहले ही मदद के बारे में अनौपचारिक पूछताछ की है. यूरो जोन के प्रमुख जाँ क्लोद युंकर ने हड़बड़ी में फैसला न लेने की चोतावनी दी है. उनका कहना है कि आर्थिक नजरिए से स्पेन का यूरो बेलआउट पैकेज के भीतर आना जरूरी नहीं है. जर्मन वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले ने कहा है कि क्या सही है, इसका फैसला स्पेन को करना है. इसके विपरीत जर्मन केंद्रीय बैंक बुंडेसबंक के प्रमुख येंस वाइडमन ने स्पेन को मदद लेने की सलाह देते हुए कहा है, यदि वित्तीय जरूरतों के कारण स्पेन दबाव महसूस कर रहा है तो उसे उस यंत्र का इस्तेमाल करना चाहिए जो इसी के लिए बनाया गया है.

मैड्रिड में गलियारे में सोया एक बेघरतस्वीर: dapd

स्पेन भले ही यूरोपीय बचाव छतरी के नीचे आने से हिचक रहा हो, जर्मन राजनीतिज्ञ स्पेन को जल्द ही मदद लेने की सलाह दे रहे हैं. सत्ताधारी सीडीयू के नेता फोल्कर काउडर ने कहा है कि स्पेन अपनी ताकत से बैंकों को पूंजी से नहीं भर पाएगा. विपक्षी एसपीडी के नेता फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने भी स्पेन को चेतावनी दी है कि वह बचाव छतरी के नीचे आने में देर न लगाए.

स्पेन की हिचक की एक वजह यह भी है कि यूरोपीय बेलआउट पैकेज से मदद लेने का मतलब राष्ट्रीय संप्रभुता खोना भी है. मदद के लिए उसे यूरोपीय शर्तों का पालन भी करना होगा. उधर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टीन लागार्द ने यूरोपीय देशों से अपने कर्ज के लिए साझा जिम्मेदारी की मांग की है. कर्ज चुकाने की साझा गारंटी वित्तीय बाजारों के लिए इस बात का संकेत होगा कि यूरोपीय संघ खुद को गंभीरता से लेता है.

रिपोर्ट: महेश झा (एएफपी, रॉयटर्स)

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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