सैमसंग ने गैलेक्सी नोट 7 फोन का प्रोडक्शन रोक दिया है. फोन के फटने या फोन में आग लगने की कई घटनाओं के बाद सैमसंग को उत्पादन रोकना पड़ा.
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आईफोन को टक्कर देने के लिए दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग ने हाल ही में गैलेक्सी नोट 7 स्मार्टफोन बाजार में उतारा. सैमसंग को उम्मीद थी कि नया फोन एप्पल के बाजार में सेंध लगायेगा. शुरुआती बिक्री भी अच्छी हुई. लेकिन तभी गैलेक्सी नोट 7 में आग लगने और फोन के फटने की खबरें सामने आने लगीं. ऐसा एक जगह नहीं बल्कि कई देशों में हुआ.
स्मार्टफोन बाजार की सबसे बड़ी कंपनी सैमसंग ने माना कि फोन की बैटरी में दिक्कत है. ग्राहकों के फोन बदलने के लिए पहली रिप्लेसमेंट स्कीम चलाई गई. इसके तहत दो सितंबर को दुनिया भर से 25 लाख फोन वापस मंगाए गए. कंपनी ने बैटरी चेंज भी की, लेकिन फिर भी फोनों में आग लगने के या बैटरी फटने के मामले सामने आते रहे.
इस बीच चीन के प्रोडक्ट सेफ्टी रेगुलेटर ने भी सैमसंग को गैलेक्सी नोट 7 वापस लेने का निर्देश दिया है. चीन में नोट 7 की 1,90,984 यूनिट्स बिकी थीं. सैमसंग के लिए चीन का आदेश भी एक बड़ा झटका है. चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है. चीन के रेगुलटर ने यह भी कहा है कि सैमसंग को ग्राहकों को पूरा पैसा वापस करना होगा या फिर नोट 7 को किसी और डिवाइस से बदलना होगा.
दुनिया भर से आ रही शिकायतों के चलते सैमसंग को गैलेक्सी नोट 7 के उत्पादन को रोकने का एलान करना पड़ा. कंपनी ग्राहकों के भरोसे को बरकरार रखना चाहती है. सैमसंग ने यह भी कहा है कि वह दक्षिण कोरिया में अपनी फैक्ट्री में इंस्पेक्शन और क्वालिटी कंट्रोल को बेहतर करेगी. बाजार विश्लेषकों के मुताबिक नोट 7 के चलते सैमसंग की प्रतिष्ठा को झटका लगा है. हो सकता है कि कंपनी को इस मॉडल का उत्पादन हमेशा के लिए बंद करना पड़े. सैमसंग को नोट 7 की नाकामी से 10 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है. इसका असर लंबे समय तक सैमसंग की ब्रांड वैल्यू पर भी पड़ सकता है.
(कैसे इतना स्मार्ट हुआ स्मार्टफोन)
कैसे हुआ 'स्मार्ट फोन' इतना स्मार्ट?
स्मार्टफोन्स का दखल हमारी जिंदगी में इतना बढ़ चुका है कि शायद उनके विकास की यह कहानी आप अपने स्मार्टफोन पर ही देख रहे हैं. इन तस्वीरों में देखिए फोन के 'स्मार्टफोन' होते जाने की यह रोचक कहानी...
तस्वीर: Colourbox
सिमोन पर्सनल कम्युनिकेटर
1994 में आईबीएम अपना सिमोन पर्सनल कम्युनिकेटर लेकर आया. ये बहुत स्मार्ट तो नहीं था पर यहीं से शुरूआत हुई. इससे कॉल और मेसेज तो किए ही जा सकते थे साथ में ईमेल और फैक्स भी.
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ब्लैकबेरी
1999 में ब्लैकबेरी की ईमेल डिवाइस ब्लैकबेरी 850 आई. यह एक फोन नहीं बल्कि एक पेजर था, ईमेल करने के लिए. इसके बाद ब्लैकबेरी ढेर सारे फीचर्स के साथ अपना पहला मोबाइल फोन ब्लैकबेरी 5810 लेकर बाजार में उतरा, जिसे बेहद पसंद किया गया. एक लिहाज से इसके साथ ही स्मार्टफोन्स ने आकार लेना शुरू किया.
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पहला 'स्मार्टफोन'
जब स्वीडिश कंपनी एरिक्सन ने 2000 में अपना आर 380 बाजार में उतारा तो पहली बार इस फोन के लिए 'स्मार्टफोन' शब्द का इस्तेमाल हुआ. यह सिंबियन ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ एक हल्का फ्लिप फोन था.
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सिंबियन
2011 में एंड्राइड के आने से पहले स्मार्टफोन्स के बाजार में सिंबियन की ही धूम थी. नोकिया अपने सिंबियन फोन्स के साथ मोबाइल बाजार के सबसे बड़े हिस्से में कब्जा किए हुए था.
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आईफोन
एप्पल ने 2007 में अपना पहला मल्टी टच स्क्रीन फोन, आईफोन लांच किया. ये डिजाइन और तकनीक का बेजोड़ नमूना था. स्मार्टफोन्स की दुनिया में ये क्रांति थी. इसके बाद आईफोन सीरिज के स्मार्टफोन्स अपनी खूबसूरती और बेजोड़ तकनीक और फीचर्स से लगातार धूम मचाते गए.
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वायरस का खतरा
कैस्पर स्काई लैब ने 2010 में एंड्राइड से जुड़े पहले वायरस को पहचाना. स्मार्ट फोन्स में लोग बेहिचक अपने बेहद निजी दस्तावेज और पासवर्ड शेयर करते हैं. ऐसे में वासरस स्मार्ट फोन्स की दुनिया के लिए चुनौती हैं. हालांकि एप्पल के आईओएस के साथ वायरस की कोई दिक्कत नहीं है.
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एंड्रॉइड
2008 में गूगल स्मार्टफोन मार्केट में अपना नया आॅपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड लेकर आया. आईओएस एप्पल ने सिर्फ आईफोन्स के लिए तैयार किया था जबकि एंड्रॉइड को मोबाइल बाजार की तकरीबन सारी ही कंपनियों ने अपना लिया. एंड्रॉइड ने सारे ही फोन्स को 'स्मार्ट' बना डाला.
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स्मार्टफोन्स का भविष्य
लोगों के रोजमर्रा के जीवन में गहराई से शामिल हो चुके स्मार्टफोन्स को और अधिक स्मार्ट बनाने की कंपनियों में होड़ लगी हुई है. ये भविष्य में संभावनाओं से भरा बड़ा बाजार है. ऐसे में स्मार्टफोन्स के और भी स्मार्ट होते जाने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.