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स्वाद और गंध की समझ पर हमला करता है कोरोना

१ अप्रैल २०२०

कोरोना संक्रमण पर हुए एक रिसर्च के अनुसार फ्लू और कोविड-19 में फर्क करने का सबसे आसान तरीका है स्वाद और गंध पर ध्यान देना. रिसर्चरों के अनुसार ज्यादातर संक्रमित लोगों में इसकी कमी देखी गई.

Projekt Zukunft vom 17.02.2019 Geschmack
तस्वीर: SRG

अमेरिका और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने मिल कर एक ऐसा ऐप तैयार किया है जिसमें कोविड-19 से बीमार हुए लोग अपने संक्रमणों की जानकारी दे सकते हैं. इस ऐप पर लोगों से मिली जानकारी के आधार पर ही वैज्ञानिक यह पता लगाने में कामयाब हुए हैं कि कोरोना संक्रमण में स्वाद और गंध की अनुभूति पर असर होता है. अधिकतर लोगों ने कहा कि संक्रमण के दौरान उन्हें स्वाद और गंध का कोई अंदाजा ही नहीं रहा. पॉजिटिव टेस्ट करने वाले 60 फीसदी लोगों ने ऐसा होने की बात कही.

लंदन के किंग्स कॉलेज के अनुसार अब तक केवल बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों पर ही ध्यान दिया जा रहा था लेकिन अब नए लक्षणों से बीमारी का पता लगाने में और मदद मिल सकेगी. ऐप बनाने वालों का कहना है कि अगर सभी संक्रमित लोग अपने अपने तजुर्बों को ऐप पर डालें तो इससे रिसर्चरों को बहुत फायदा हो सकता है.

तस्वीर: Imago/Michael Westermann

यह रिसर्च अमेरिका के हावर्ड मेडिकल स्कूल के साथ मिलकर की जा रही है. हावर्ड मेडिकल स्कूल के एंड्र्यू चैन का कहना है, "ऐप पर आधारित इस रिसर्च के जरिए कोविड-19 के हॉटस्पॉट का पता लगाने में मदद मिल सकेगी. साथ ही नए लक्षणों का पता लगाया जा सकेगा. यह तय किया जा सकेगा कि कहां क्वारंटीन करना है, कहां वेंटिलेटर भेजने हैं और भविष्य में कहां संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है."

ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर का कहना है, "अगर हम बाकी लक्षणों के साथ तुलना कर के देखें तो पता चलता है कि स्वाद और गंध का अहसास ना होने वालों पर कोविड-19 का खतरा तीन गुना ज्यादा था." स्पेक्टर के अनुसार ब्रिटेन में ऐसे 50,000 लोग मौजूद हो सकते हैं जिनका अब तक टेस्ट नहीं हुआ है लेकिन जो संभवतः कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. 24 से 29 मार्च के बीच करीब 15 लाख लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर अपने लक्षणों की जानकारी दे चुके थे. हालांकि इसमें से सिर्फ 1702 का ही आधिकारिक रूप से टेस्ट हुआ था और इनमें से पॉजिटिव टेस्ट करने वालों की संख्या मात्र 579 ही थी.

आईबी/एनआर (रॉयटर्स)

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