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स्विस विदेशी कानून में संशोधन पर ईयू की निगाह

२९ नवम्बर २०१०

स्विट्जरलैंड में विदेशियों पर हुए जनमत संग्रह के बाद यूरोपीय संघ के आयोग ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगी कि बैर्न सरकार अपराधी विदेशियों के निष्कासन की मांग को किस तरह से राष्ट्रीय कानून में तब्दील करती है.

तस्वीर: AP

यूरोपीय आयोग की एक प्रवक्ता ने ब्रसेल्स में कहा, "हमें भरोसा है कि स्विस सरकार अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का पालन करेगी." स्विट्जरलैंड और यूरोपीय संघ के बीच कामगारों की मुक्त आवाजाही का समझौता है. लेकिन समझौते में सार्वजनिक व्यवस्था, सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों से सख्ती करने का प्रावधान है.

इस बीच स्विट्जरलैंड के अति दक्षिणपंथियों को पड़ोसी ऑस्ट्रिया से बधाई मिली है. अति दक्षिणपंथी एफपीओए पार्टी के प्रमुख हंस क्रिस्टियान श्ट्राखे ने कहा है कि अपराध करने वाले विदेशियों के निष्कासन वाला जनमत संग्रह आदर्श है. श्ट्राखे ने कहा, "स्विस एक बार फिर दिखा रहे हैं कि किस ओर जाना है."

रविवार को स्विट्जरलैंड में हुए जनमत संग्रह में बहुमत ने अपराधी विदेशियों के निष्कासन की मांग करने वाले पहल का समर्थन किया था. जनमत संग्रह कराने की पहल स्विस पीपल्स पार्टी एसवीपी ने की थी, जिसने एक साल पहले मस्जिदों की मीनार बनाने पर प्रतिबंध लगाने पर भी सफल जनमत संग्रह कराया था. इस पहल के कानून बन जाने से सजायाफ्ता विदेशी बिना किसी नोटिस के निष्कासित कर दिए जाएंगे.

स्विस सरकार के अनुसार इस समय हर साल 350 से 400 लोगों को स्विट्जरलैंड से निष्कासित किया जाता है. एसवीपी के अनुसार उसकी पहल के कानून बन जाने के बाद निष्कासित किए जाने वाले विदेशियों की संख्या बढ़कर 1500 तक पहुंच जाएगी.

स्विस गिरजों ने मतदान में देशवासियों के रवैये पर निराशा जताई है. इवांजेलिक गिरजा संघ और कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ने देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. एक साझा बयान में कहा गया है कि स्विट्जरलैंड को एक भरोसेमंद कानूनसम्मत राज्य बने रहना चाहिए जिसमें मानवाधिकारों को हर सरकारी कार्रवाई के केंद्र में होना चाहिए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एन रंजन

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