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हंगरी के संसदीय चुनावों में दक्षिणपंथी रुझान

११ अप्रैल २०१०

हंगरी में रविवार को संसदीय चुनाव शुरू हुए हैं. जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार आर्थिक संकट का सामना कर रहे यूरोपीय संघ के सदस्य देश हंगरी में सत्ता परिवर्तन के संकेत हैं.

विक्ट ओरबान और उनकी पत्नी वोट डालते हुएतस्वीर: AP

जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार अनुदारवादी फ़िदेश पार्टी प्रधानमंत्री गॉर्डन बायनाई की समाजवादी पार्टी को सत्ता से हटा देगी. इसके अलावा अति दक्षिणपंथी जोब्बिक पार्टी के पहली बार संसद में प्रतिनित्व पाने के भी संकेत हैं.

अतिदक्षिणपंथी जोब्बिक पार्टी पहली बार संसद में होगीतस्वीर: AP

लगभग 80 लाख मतदाता 386 सीटों वाले संसदीय चुनाव में मतदान के अधिकारी हैं. मिश्रित पद्धति से होने वाले चुनाव में हर मतदाता के पास दो वोट होते हैं. एक अपने चुनाव क्षेत्र में उम्मीदवार के लिए और दूसरा पार्टी के लिए.

चुनाव क्षेत्र में जीत हासिल करने के लिए उम्मीदार का पूर्ण बहुमत पाना ज़रूरी है. यदि उसे पहले चरण में आधे से अधिक मत पाकर जीत हासिल नहीं होता तो दूसरे चरण का मतदान 25 अप्रैल को होगा.

परम्परागत पोशाकों में वोट डालते मतदातातस्वीर: AP

वैश्विक वित्तीय संकट के सामने आने से पहले ही हंगरी आर्थिक मुश्किलों से गुज़र रहा था और उसे दिवालिया होने से बचने के लिए यूरोपीय संघ के पहले सदस्य देश के रूप में संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 20 अरब यूरो का राहत पैकेज लेना पड़ा था.

इसका लाभ अति दक्षिणपंथी पार्टी जोब्बिक को मिला है. इसके साथ अब प्रतिबंधित राष्ट्रवादी गुट हंगैरियन गार्ड के सदस्य जुड़े हुए हैं जो पिछले साल रोमा विरोधी प्रदर्शनों के कारण सुर्खियों में आया था.

जनमत संग्रह के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की फ़िदेश पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिलने की संभावना है. इसके विपरीत प्रधानमंत्री गॉर्डन बायनाई की समाजवादी पार्टी को भारी शिकस्त मिलने के संकेत हैं. वह जोब्बिक पार्टी से भी पिछड़ कर तीसरे स्थान पर जा सकती है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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