हजारे ने मांगा सिब्बल का इस्तीफा
११ अप्रैल २०११नई दिल्ली से अपने गृह राज्य महाराष्ट्र के रवाना होने से पहले हजारे ने कहा, "अगर सिब्बल को लगता है कि कुछ नहीं होगा तो उन्हें जल्द से जल्द संयुक्त समिति से इस्तीफा दे देना चाहिए. वह क्यों अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. उन्हें देश के लिए दूसरी चीजें करनी चाहिए. वह कमेटी में क्यों रहना चाहते हैं. अगर आपको लगता है कि कुछ नहीं होगा तो फिर संयुक्त समिति से हट जाइए."
सिब्बल ने रविवार को एक सार्वजनिक बैठक में कहा, "मैं सवाल करता हूं कि अगर एक गरीब बच्चे के पास शिक्षा पाने के साधन नहीं है तो फिर लोकपाल बिल से क्या होगा. अगर किसी गरीब को स्वास्थ्य सेवाएं चाहिए तो वह राजनेता को फोन करेगा. लोकपाल बिल से कैसे मदद मिलेगी."
हजारे की मांग के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने सोमवार को कहा कि वह हजारे के साथ हैं और चाहते हैं कि लोकपाल बिल का मसौदा जल्द से जल्द तैयार हो ताकि हर जगह फैले भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके. अपने पहले के बयान पर सफाई देते हुए सिब्बल ने कहा कि उनका मतलब था कि इस बिल की संभावनाएं अलग हैं जबकि आम आदमी की समस्याएं दूसरी हैं. सिब्बल ने कहा, "मैंने कहा था कि अगर आप अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहते हैं तो इसका लोकपाल से कोई लेना देना नहीं है. लोकपाल विधेयक सिर्फ भ्रष्टाचार से जुड़ा है और अगर हम अच्छा बिल लाएंगे तो इससे भ्रष्टाचार रुकेगा." सिब्बल ने कहा कि वह हजारे के साथ बैठक ऐसा बिल तैयार करेंगे जिसका लक्ष्य एकदम साफ हो.
इस बीच हजारे ने जेडी (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी के इस बयान को आड़े हाथ लिया कि अगर महात्मा गांधी आज जिंदा होते तो वह भी भ्रष्टाचार में फंस गए होते या राजनीति छोड़ देते, हजारे ने कहा, "अगर हमारे नेता इस तरह की बातें कर रहे हैं तो आप कैसे भ्रष्टाचार को खत्म कर सकते हैं." 73 वर्षीय हजारे ने दिल्ली में सफल मुहिम चला कर सरकार को लोकपाल बिल के लिए मजबूर किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम