हजारों साल पुराने पुरुष प्रेम संबंध को दिखाएगी प्रदर्शनी
२७ जून २०१८
समलैंगिक संबंध या एलजीबीटी समुदाय के हकों की लड़ाई आज की नहीं है. यह सदियों पहले भी था और तब का समाज ऐसे संबंधों को मंजूरी देता था या नहीं, इसे बताने के लिए ब्रिटिश म्यूजियम पूरे देश में घूमकर प्रदर्शनी को दिखाएगा.
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ब्रिटिश म्यूजियम में समलैंगिक संबंधों के इतिहास पर एक प्रदर्शनी लगने वाली है. इसमें मशहूर रोमन शासक हाद्रियान और उनके प्रेमी एंटिन्योस के संबंधों को दिखाता हुआ एक आर्टवर्क है जो 11 हजार साल पुराना है. दावा किया जा रहा है कि छोटे पत्थरों का यह आर्टवर्क दुनिया के सबसे पुराने प्रेम संबंध को दिखाता है.
म्यूजियम का कहना है कि यह आर्टवर्क उन्हें इस्राएल के जुडेन मरुस्थल में मिला. आर्टवर्क का नाम ´आइन साखरी लवर्स´ रखा गया है जिसमें दो लोगों के प्रेम संबंध को दिखाया है. माना जा रहा है कि इस रचना से समलैंगिकता के इतिहास पर एक बार फिर रोशनी डाली जा सकेगी.
कब कहां मिला समलैंगिकों का शादी का अधिकार
ऑस्ट्रेलिया की संसद ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने वाला बिल पास कर दिया है. दुनिया के कई और देशों ने पहले ही इस तरह की शादियों को कानूनी रूप से वैध शादी का दर्जा दे रखा है.
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नीदरलैंड्स (अप्रैल 2001)
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बेल्जियम (जून 2003)
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कनाडा (जुलाई 2005)
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स्पेन (जुलाई 2005)
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दक्षिण अफ्रीका (नवंबर 2006)
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नॉर्वे (जनवरी 2009)
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स्वीडन (मई 2009)
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आइसलैंड (जून 2010)
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पुर्तगाल (जून 2010)
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अर्जेंटीना (जुलाई 2010)
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डेनमार्क (जून 2012)
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उरुग्वे (अप्रैल 2013)
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फ्रांस (मई 2013)
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न्यूजीलैंड (अगस्त 2013)
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ब्रिटेन (मार्च 2014)
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स्कॉटलैंड (दिसंबर 2014)
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ब्राजील (दिसंबर 2014)
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लग्जमबर्ग(जनवरी 2015)
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आयरलैंड (मई 2015)
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संयुक्त राज्य अमेरिका (जून 2015)
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कोलंबिया (अप्रैल 2016)
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फिनलैंड (मार्च 2017)
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माल्टा (जुलाई 2017)
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ऑस्ट्रेलिया (दिसंबर 2017)
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भारत (सितंबर 2018)
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सितंबर से ब्रिटिश म्यूजियम एलजीबीटीक्यू के इतिहास पर अपनी प्रदर्शनी पूरे देश में घूम-घूमकर दिखाएगी जिसमें यह 11 हजार साल पुराना आर्टवर्क भी शामिल होगा. म्यूजियम के प्रवक्ता स्टुअर्ट फ्रोस्ट के मुताबिक, "यह खोज म्यूजियम के कलेक्शन और एलजीबीटीक्यू मुहिम को और आगे बढ़ाएगा." रेडियो पर समलैंगिकों के लिए शो "गेडियो"
इसके अलावा प्रदर्शनी में पहली सदी ईसापूर्व का एक सिल्वर कप होगा जिसमें दो पुरुषों को संबंध बनाते देखा जा सकता है. इसका नाम 19वीं सदी में बॉस्टोनियन के आर्ट कलेक्टर नेड वॉरेन के नाम पर वॉरेन कप रखा गया है. वह इसे ´पवित्र प्याला´ कहते थे जो बताती है कि समलैंगिकता को सदियों पहले मंजूरी मिल गई थी. साल 1999 में ब्रिटिश म्यूजियम ने इस कप को 10.8 लाख पाउंड में खरीदा था.
कला को बचाने की जुगत
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प्रदर्शनी की यात्रा के दौरान 18वीं सदी की दो महिलाओं के भी कप देखने को मिलेंगे जिन्हें ´यूरोप की मशहूर कुआंरी हस्तियां´ कहा जाता था. म्यूजियम के निदेशक हार्टविग फिशर का कहना है कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि म्यूजियम जैसी संस्थाएं समलैंगिकता और कला के बारे में आम लोगों को जानकारी दे रही है. 1753 में स्थापित ब्रिटिश म्यूजियम दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला म्यूजियम है.
समलैंगिकता की आजादी वाले इस्लामी देश
कई इस्लामी देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता अपराध नहीं है. हालांकि कानूनी दर्जा मिलने के बावजूद भेदभाव इनके हिस्से में आ ही जाता है...
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तुर्की
1858 में ओटोमन खिलाफत ने समान सेक्स संबंधों को मान्यता दी थी. तुर्की आज भी उसपर कायम है. यहां समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को मान्यता दी जाती है. हालांकि संविधान से रक्षा ना मिलने के कारण इनके साथ भेदभाव आम है.
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माली
माली उन चुनिंदा अफ्रीकी देशों में से है जहां एलजीबीटी संबंधों को कानूनी दर्जा प्राप्त है. हालांकि यहां के संविधान में सामाजिक स्थलों पर यौन संबंध पर मनाही है. लेकिन माली में भी एलजीबीटी समुदाय के साथ बड़े स्तर पर असामनता का व्यवहार किया जाता है.
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जॉर्डन
एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में जॉर्डन का संविधान सबसे प्रगतिशील माना जाता है. 1951 में समान सेक्स संबंधों के कानूनी होने के बाद सरकार ने समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों के सम्मान के लिए होने वाली हत्याओं के खिलाफ भी सख्त कानून बनाए.
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इंडोनेशिया
1945 का कानून साफ तौर पर यौन संबंध पर पाबंदी नहीं लगाता. इंडोनेशिया में एशिया की सबसे पुरानी एलजीबीटी संस्था है जो कि 1980 से सक्रिय है. भेदभाव के बावजूद यहां का समलैंगिक समुदाय अपने अधिकारों के लिए लड़नें में पीछे नहीं रहता.
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अलबेनिया
हालांकि अलबेनिया मुस्लिम देश है, इसे दक्षिणपूर्वी यूरोप में एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए अहम माना जाता है. इस गरीब बालकान देश में समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को असमानता से बचाने के लिए भी कई अहम कानून हैं.
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बहरैन
इस खाड़ी देश में समान सेक्स के बीच संबंध को 1976 में मान्यता मिली. हालांकि अभी भी बहरैन में क्रॉस ड्रेसिंग यानि लड़कों का लड़कियों की तरह कपड़े पहनना मना है.
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फलीस्तीन
गाजा पट्टी में समान सेक्स के बीच संबंध आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित हैं. लेकिन ऐसा पश्चिमी छोर पर नहीं है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि यहां समलैंगिकों के अधिकारों की रक्षा की जाती है. फलीस्तीन में एलजीबीटी पर पाबंदी हमास से नहीं इंगलैंड से आई थी जब यह इलाका ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था.