1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'हत्याकांड के पीछे सीरिया का हाथ'

२१ अक्टूबर २०१२

फ्रांस का कहना है कि लेबनान के खुफिया अधिकारी की हत्या में सीरिया का हाथ हो सकता है. हत्याकांड के बाद सीरिया पर दवाब और बढ़ गया है. लेबनान में भी गृहयुद्ध का खतरा मंडराने लगा है.

तस्वीर: AP

लेबनान की राजधानी बेरूत में रविवार को हजारों लोग खुफिया विभाग के अधिकारी विसाम अल हसन की अंतिम यात्रा में शरीक हुए. हसन को उसी कब्रगाह में दफनाया गया जहां 2005 में लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक अल हरीरी को दफनाया गया था. रफीक अल हरीरी की भी बम हमले में मौत हुई थी. तब भी आरोप सीरिया पर लगे. हसन की मौत भी शुक्रवार को कार बम हमले में हुई.

दो महीने पहले हसन ने बम धमाके की एक साजिश का पर्दाफाश किया. आरोप लगे कि साजिश पड़ोसी देश सीरिया ने रची. शुक्रवार को बेरुत में हसन को एक कार बम के जरिए निशाना बनाया गया. हमले में हसन समेत आठ लोगों की मौत हो गई और 80 घायल हुए.

लेबनान के विपक्षी दलों का आरोप है कि हमले में सीरिया की सरकार भी शामिल है. अब यह भी आशंका जताई जा रही है कि सीरिया की अशांति का असर पूरे इलाके पर पड़ सकता है. गृहयुद्ध का डर भी जताया जा रहा है. हत्याकांड के अगले दिन बेरुत में अशांति रही. प्रदर्शनकारियों ने बेरुत में कई सड़कों को बंद कर दिया. सड़कों पर जगह जगह टायर जलाए गए और बदूंकधारी भी दिखाई पड़े.

तस्वीर: Reuters

लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री साद अल हरीरी ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को सीधे तौर पर हत्याकांड का जिम्मेदार ठहराया है. विपक्षी दल लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती के इस्तीफे की मांग करने लगे हैं. मिकाती की सरकार में सीरिया के शियाओं के सहयोगी हिज्बुल्लाह भी शामिल हैं.

हसन सुन्नी मुसलमान थे. राजनीतिक रूप से वह हरीरी के करीबी माने जाते थे. उनकी हत्या से सुन्नी समुदाय गुस्से में हैं. 1975 से 1990 तक गृहयुद्ध की मार झेलने वाले लेबनान में अब भी शिया और सुन्नियों के बीच खटास है. सीरिया के मुद्दे पर भी लेबनान का समाज बंटा हुआ है. एक तरफ वे लोग हैं जो असद का समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विद्रोहियों से हमदर्दी रखने वाले लोग हैं. सीरिया के राष्ट्रपति असद अलवी मुसलमान हैं. अलवी संप्रदाय की जड़ों में शिया इस्लाम है.

तस्वीर: AFP/Getty Images

हालांकि लेबनान की सरकार अब तक खुद को सीरिया से दूर बनाए हुए है. प्रधानमंत्री मिकाती सीरिया के प्रति अलगाव की नीति अपनाए हुए है. लेकिन अब लगने लगा है कि पडो़सी देश की आंच लेबनान तक पहुंचने लगी है.

पश्चिमी देशों को भी लग रहा है कि हसन की हत्या के पीछे सीरिया का हाथ हो सकता है. फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरौं फाबीउस कहते हैं, "हम पूरी तरह नहीं जानते कि इसके पीछे कौन है लेकिन हर चीज सीरिया की त्रासदी के विस्तार की ओर इशारा कर रही है. मुझे लगता है कि जो कुछ सीरिया में हो रहा है उससे पता चलता है कि बशर अल असद का जाना कितना जरूरी हो गया है." फ्रांस का आरोप है कि असद अब तुर्की, लेबनान और जॉर्डन में भी हिंसा फैलाना चाह रहे हैं.

ओएसजे/आईबी (रॉयटर्स, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें