हमले के अधिकार से बचेंगे पुतिन
२४ जून २०१४पुतिन ने यह एलान ऐसे समय में किया है, जब रूस समर्थक विद्रोही पूर्वी यूक्रेन में युद्धविराम पर अमल करने को तैयार हो गए हैं. इस युद्धविराम का प्रस्ताव यूक्रेन के नए राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको ने रखा था. उम्मीद जताई जा रही है कि इसके बाद इलाके में थोड़ी शांति आ सकती है. कई महीनों की अस्थिरता और हिंसा के बीच सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोगों को घर बार छोड़ना पड़ा है.
क्रेमलिन की वेबसाइट पर सूचना है कि पुतिन ने रूसी संसद के ऊपरी सदन से कहा है कि एक मार्च के उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया जाए, जिसके तहत यूक्रेन में बल प्रयोग की इजाजत मिलती. रूसी सांसद वलेरी शिनयाकिन ने कहा कि इस मुद्दे पर बुधवार को वोटिंग होगी.
यूक्रेन संकट की वजह से रूसी बाजारों पर बुरा प्रभाव पड़ा था. मंगलवार के इस घटनाक्रम के बाद शेयर बाजार में 1.6 फीसदी का उछाल आया. यूक्रेन संकट की वजह से अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं.
फरवरी में रूस समर्थक यूक्रेनी राष्ट्रपति के जनविद्रोह के दबाव में पद से हटने के बाद पुतिन ने संसद से उस अधिकार की मांग की थी. मार्च में काले सागर के पास बसे क्रीमिया को एक जनमत संग्रह के बाद रूस में मिला लिया गया. ताजा कार्रवाई से रूस यह संकेत देना चाहता है कि वह तनाव में कमी लाने का प्रयास कर रहा है.
यूक्रेन और पश्चिमी देशों का आरोप रहा है कि रूस पूर्व में विद्रोहियों को समर्थन दे रहा है और सीमा पर अपनी सेनाओं को तैनात कर रहा है. लेकिन इस फैसले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति पोरोशेंको ने पुतिन की तारीफ की है.
इस बीच जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर पोरोशेंको और दूसरे अधिकारियों से मिलने यूक्रेनी राजधानी पहुंचे. उन्होंने यूरोप में सुरक्षा और सहयोग (ओएससीई) के पर्यवेक्षकों से कहा है कि वे युद्धविराम के बाद यूक्रेन की स्थिति पर नजर रखें. कीव जाने से पहले श्टाइनमायर ने ब्रसेल्स में कहा कि यह हफ्ता यूक्रेन के लिए निर्णायक साबित हो सकता है.
एजेए/एमजे (एपी, डीपीए, रॉयटर्स)