हमले के पीछे फिल्म या अल कायदा
१६ सितम्बर २०१२![](https://static.dw.com/image/16240094_800.webp)
एक्यूएपी यानी अल कायदा इन अरेबियन पेनिन्सुला (अरब प्रायद्वीप में अल कायदा) ने अपनी वेबसाइट पर धमकी दी है कि मध्य पूर्व और अफ्रीका में अमेरिकी दूतावासों पर और भी हमले किए जाएंगे. एक्यूएपी ने पश्चिमी देशों में रहने वाले मुसलमानों से अपील की है कि वे उन देशों में अमेरिकियों से बदला लेने की तैयारी करें.
इन बातों पर नजर रखने वाले अमेरिका के एक ग्रुप ने एक्यूएपी के बयान की पुष्टि की है. बयान में कहा गया है कि शेख अबू याहया की मौत से उमर अल मुख्तार के वफादार आहत हुए और उन्होंने पैगंबर का अपमान करने वाले लोगों के खिलाफ कदम उठाने का फैसला किया. उमर अल मुख्तार को लीबिया में क्रांति का नायक माना जाता है.
लीबियाई शहर बेनगाजी में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हमला ऐसे दिन हुआ, जिस दिन मिस्र में भी इस्लाम के खिलाफ बनी फिल्म के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे. अमेरिका और लीबिया ने शुरू से ही कहा है कि यह हमला उस विवादित फिल्म के विरोध में हुआ है. लेकिन अब अल कायदा ने इसे अपने नेता की मौत से भी जोड़ दिया है.
हालांकि यमन के एक्यूएपी ने हमले की सीधी जिम्मेदारी नहीं ली है. चार दिन पहले ही अल कायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि जून में अमेरिकी सैनिकों के एक ड्रोन हमले में अल कायदा के दूसरे सबसे बड़े नेता अबू याहया की मौत हो गई.
लीबिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष मुहम्मद अल मेगारियाफ ने भी माना है कि अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हमला एक सोची समझी साजिश के तहत हुआ. शनिवार को समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि गैर लीबियाई ताकतों का भी इसमें हाथ हो सकता है. इस हमले में लीबिया में अमेरिकी राजदूत क्रिस स्टीवेंस और तीन अन्य अमेरिकियों की जान गयी. अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि हमलावरों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाएगी.
इस बीच लीबिया सरकार ने हमले से जुड़े 50 लोगों की पहचान की बात कही है. अधिकारियों ने बताया कि अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ चल रही है.
लीबिया की सबसे बड़ी सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अब्दल मोनेम अल हूर ने कहा, "हमारे पास हमले में शामिल 50 लोगों की जानकारी है. हमारे पास उनके नाम हैं, हम जानते हैं कि वे कौन हैं, लेकिन और भी लोग इससे जुड़े हो सकते हैं."
हूर ने इनके फरार होने की बात भी खारिज नहीं की है, "चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हो सकता है कि कई बेनगाजी हवाई अड्डे से फरार हो गए हों. शायद वे मिस्र गए हों, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं की जा सकती. हमने सीमा पार करने के सभी रास्तों पर उनके बारे में बता दिया है."
आईबी/एजेए (एएफपी/रॉयटर्स)