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हमले के शिकार लोगों के शोक में डूबा नॉर्वे

२४ जुलाई २०११

नॉर्वे में शाही दंपति, प्रधानमंत्री येंस स्टोल्टेनबर्ग और अन्य मंत्रियों ने रविवार को राजधानी ओस्लो के मुख्य गिरिजाघर में उन 92 लोगों की याद में प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया जो शुक्रवार को हुए दो हमलों में मारे गए.

तस्वीर: dapd

गिरिजाघर के बाहर सैंकड़ों आम लोग भी जमा थे और पूरी इमारत फूलों से पटी थी. शुक्रवार को ओस्लो में बीचोबीच एक जोरदार धमाका हुआ जिसमें सात लोग मारे गए उसके कुछ देर बाद ही पास के एक द्वीप पर भीषण गोलीबारी में 87 लोगों की जानें गईं. इन हमलों में सैंकड़ों लोग घायल भी हो गए.

ओस्लो के बिशप ओले क्रिस्टियान क्वार्मे ने बताया, "हम यहां शोक और उम्मीद के प्रतीक के तौर पर जमा हुए हैं." शोक सभा में मौजूद ज्यादातर लोगों ने काले कपड़े पहने हुए थे. राजा हेराल्ड पंचम, महारानी सोनिया और आला राजनेता, सत्ताधारी लेबर पार्टी की युवा शाखा के प्रमुख एस्किल पेदेरसन भी इस शोक सभा में मौजूद थे. बंदूकधारी ने द्वीप पर लेबर पार्टी के युवा सम्मेलन में ही गोलीबारी की.

तस्वीर: picture alliance/dpa

नॉर्वे के प्रधानमंत्री येंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "जिस भी व्यक्ति की जान गई है, वह त्रासदी है." शुक्रवार को हुए धमाके में सरकारी कार्यालयों को निशाना बनाया गया. स्टोल्टेनबर्ग ने बताया कि मृतकों में से कई को निजी रूप से जानते थे. मारे गए लोगों की तस्वीरें जल्द ही जारी कर दी जाएंगी. स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "तभी त्रासदी का पूरा रूप हमारे सामने आ पाएगा." जब प्रधानमंत्री ये बातें कह रहे थे तो उनका गला बार बार भर आता था. उन्होंने कहा, "हमारा देश बहुत छोटा है लेकिन हमें इस पर गर्व है. हम इसके मूल्यों को कभी नहीं छोड़ेंगे."

जर्मनी में खतरा नहीं

इस बीच जर्मनी के गृह मंत्री ने कहा है कि देश में नव नाजीवादियों की ओर से किसी तरह का आतंकवादी खतरा नहीं है. हांस पीटर फ्रीडरिष ने कहा, "हमारे सुरक्षा बल धुर दक्षिणपंथियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. फिलहाल दक्षिणपंथियों की ओर से कोई आंतकवादी गतिविधि दिखाई नहीं देती."

तस्वीर: dapd

बिल्ड अम सोंटाग अखबार के साथ बातचीत में फ्रीडरिष ने कहा, "नॉर्वे में हुई घटना ने दिखा दिया है कि कट्टरपंथ किस कदर खतरनाक हो सकता है, भले ही उसके पीछे मकसद कुछ भी हो."

हमले की निंदा

भारत ने नॉर्वे में 92 लोगों की जान लेने वाले हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "ओस्लो और उटोया द्वीप पर हुए हमलों से हम सदमे में हैं जिनमें इतने सारे लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए. हम इन हमलों की निंदा करते हैं."

तस्वीर: dapd

भारत के धर्मशाला में निर्वासित जीवन बिता रहे तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई ने भी हमलों पर दुख जताया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "दलाई लामा ने दुख जताया और नॉर्वे के लोगों और प्रधानमंत्री के साथ एकजुटता जताई है जिनके साथ तिब्बत के विशेष और नजदीकी रिश्ते रहे हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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