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हमलों के साए में पाकिस्तानी राजनेता

५ जनवरी २०११

पाकिस्तान में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर देश में चरमपंथी हिंसा के ताजा शिकार हैं. उन्हें मंगलवार को उन्हीं के एक सुरक्षा गार्ड ने ताबड़ तोड़ गोलियां मार कर मौत की नींद सुला दिया. हाल के सालों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं.

तस्वीर: DW

18 अक्टूबर 2007: जब पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो आठ साल के बाद स्वदेश लौटी तो कराची में उन्हें निशाना बनाने की कोशिश हुई. इस बम हमले में 139 लोग मारे गए.

7 दिसंबर 2007: रावलपिंडी की एक चुनावी रैली में हुए आत्मघाती हमले में बेनजीर भुट्टो मारी गईं. उनके दर्जनों समर्थक भी इस हमले में मारे गए. हमला उस वक्त हुआ जब वह राजधानी इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी में एक चुनावी सभा कर वहां से निकल रही थीं.

तस्वीर: AP

2 अक्टूबर 2008 : आवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता असफंदयार वली खान के घर के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया. इस हमले में एएनपी नेता तो बच गए लेकिन चार लोगों की मौत हो गई.

6 अक्टूबर 2008: एक आत्मघाती हमले में 18 लोग मारे गए और पाकिस्तानी राजनेता राशिद अकबर नोवानी घायल हो गए. नोवानी पंजाब प्रांत की भख्खर सीट से मुख्य विपक्षी पार्टी के शिया सांसद हैं.

2 अगस्त 2010: सिंध में प्रांतीय असेंबली के सदस्य और एमक्यूएम नेता रजा हैदर की कराची में गोली मार कर हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद शहर में भड़की हिंसा में 40 दूसरे लोग भी मारे गए.

16 सितंबर 2010: लंदन में निर्वासन की जिंदगी बिता रहे एमक्यूएम के संस्थापक सदस्य इमरान फारूक की हत्या कर दी गई.

4 जनवरी 2011: पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की इस्मालाबाद में उन्हीं के एक सुरक्षा गार्ड ने हत्या कर दी. वह सत्ताधारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सबसे उदारवादी नेताओं में से एक थे और कट्टरपंथ के खुले आलोचक थे. उन्हें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का करीबी समझा जाता था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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