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हमलों के साये में शिनजियांग का ट्रेड फेयर

१ सितम्बर २०११

गुरुवार को चीन के शिनजियांग प्रांत के उरुम्ची में ट्रेड फेयर शुरू हुआ. लेकिन चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बल इस तरह तैनात थे जैसे कोई ट्रेड फेयर नहीं बल्कि कोई संवेदनशील राजनीतिक सम्मेलन हो रहा हो.

तस्वीर: dapd

ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार इस ट्रेड फेयर पर आतंकवादी हमलों का साया मंडरा रहा है. चीनी अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बल अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर पर हमलों की कई साजिशें नाकाम कर चुके हैं.

चीन-यूरेशिया एक्सपो में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और किर्गिस्तान की कार्यवाहक राष्ट्रपति रोजा ओटुनबायेवा समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई हस्तियां हिस्सा ले रही हैं. इसलिए मामला गंभीर और संवेदनशील है.

क्या है चीन का इरादा

चीन चाहता है कि उरुम्ची को एशिया में व्यापारिक केंद्र के तौर पर पहचान मिले. इसलिए इस ट्रेड फेयर की उसके लिए काफी अहमियत है और वह यहां किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता. लेकिन उरुम्ची उस शिनजियांग प्रांत की राजधानी है जहां की मूल मुस्लिम आबादी के कुछ लोग सरकार के खिलाफ हिंसक विद्रोह कर रहे हैं. हाल ही में यहां आतंकी हमलों की कई वारदात हो चुकी हैं.

तस्वीर: dapd

शहर के सबसे ताकतवर अधिकारी और उरुम्ची की कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता जू हैलुन कहते हैं कि पुलिस ने सुरक्षा पर आए कई गंभीर खतरों को नाकाम किया है. हालांकि उन्होंने ऐसे एक ही मामले का जिक्र किया जिसमें उरुम्ची से उड़ान भर रहे एक विमान में चाकू लेकर घुसे व्यक्ति को पकड़ा गया. अधिकारियों को संदेह है कि यह व्यक्ति विमान में हमले की योजना बना रहा था. जू ने कहा, "ऐसे बहुत सारे मामले हो चुके हैं जिन्हें पुलिस ने नाकाम कर दिया. अलगाववादी, धार्मिक उग्रवादी और आतंकवादी ट्रेड फेयर को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे."

सुरक्षा की खातिर

चीन के उप प्रधानमंत्री ली केकियांग ने गुरुवार को ट्रेड फेयर का उद्घाटन किया तो सब कुछ शांतिपूर्ण रहा. पांच दिन के इस मेले के लिए सुरक्षा के बेहद कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. अत्याधुनिक स्वाट ईकाई के दस्ते तैनात किए गए हैं. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने पर भी रोक लगा दी गई है. यहां तक कि प्रशासन ने शहर में होने वाली कबूतरों की दौड़ को भी रोक दिया है.

बीजिंग, शंघाई और अन्य शहरों से विमानों के जरिए उरुम्ची पहुंच रहे लोगों को गहन सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ रहा है. ये सारे कदम जू के निर्देशों पर ही उठाए जा रहे हैं. 2009 में उरुम्ची में मुस्लिम उइगुर समुदाय के विद्रोह के बाद हुए दंगों में कई लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद वहां स्थिरता लाने के मकसद से जू को नियुक्त किया गया.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

दशकों से चल रहा है आंदोलन

उइगुर समुदाय और तुर्क मूल के लोग संस्कृति, भाषा, धर्म के आधार पर चीनी मूल के लोगों से भिन्न हैं. इसलिए उनकी तरफ से अलगाववादी मांगें सुनाई दे रही हैं. हाल ही में यह आंदोलन काफी सक्रिय हो गया. इसलिए पिछले दो महीने से यहां प्रशासन बेहद सख्ती से इसे कुचलने में लगा है.

जू बताते हैं कि उरुम्ची के ट्रेड फेयर को सुरक्षा देने के लिए 20 हजार सामुदायिक कर्मचारियों को भी लगाया गया है. इनका काम शहर में लोगों की निगरानी करना और कुछ भी संवेदनशील नजर आने पर सूचना देना है. इसके लिए लगभग 25 हजार डॉलर खर्च किए जा रहे हैं. जू कहते हैं, "इस नीति के जरिए हम किसी भी तरह के खतरे से निपटने में सक्षम हो रहे हैं. हम न भीड़ को बढ़ने देंगे और न हिंसा फैलने देंगे."

उग्रवादी उइगुर कई दशकों से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. हालांकि इसकी सक्रियता इतनी कभी नहीं रही जितनी आजकल है. शिनजियांग चीन के लिए बेहद संवेदनशील इलाका है. यह कुदरती संसाधनों से भरपूर है. यहीं पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया से चीन की सीमाएं लगती हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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