हम कब किससे बात करेंगे, किससे नहीं मिलेंगे, यह समझना बहुत मुश्किल है. लेकिन वैज्ञानिकों ने इंसान के सामाजिक व्यवहार के बारे में एक जबरदस्त खोज की है. इसके तार हजारों साल पुराने आदिमानवों से जुड़े हैं.
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यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया हेल्थ सिस्टम के शोध में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं. अब तक यह समझा जाता था कि हमारा प्रतिरोधी तंत्र सिर्फ बीमारियों से लड़ता है और शरीर की हिफाजत करता है. लेकिन नई खोज कहती है कि इम्यून सिस्टम की भूमिका सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है.
यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंस विभाग के प्रमुथ जोनाथन किपनिस के मुताबिक प्रतिरोधी तंत्र हमारा सामाजिक व्यवहार भी तय करता है. किपनिस कहते हैं, "अब तक माना जाता था कि मस्तिष्क और अनुकूल होने वाला प्रतिरोधी तंत्र अलग अलग हैं, दिमाग में होने वाली इम्यून एक्टिविटी को पैथोलॉजी माना जाता था. लेकिन अब हम ये दिखा रहे हैं कि ये दोनों बहुत ही करीबी से एक दूसरे के साथ काम करते हैं, इतना ही नहीं क्रमिक विकास के दौरान हुए बदलावों का असर भी हमारे व्यवहार में दिखता है और इम्यून सिस्टम इसके प्रति रिस्पॉन्ड करता है."
(देखिये: हमारे गहरे मनोविज्ञान में छुपी बातें)
सेक्स और अट्रैक्शनः 10 बातें
सेक्शुअल अट्रैक्शन का कोई एक आधार वैज्ञानिक नहीं खोज पाए हैं. लेकिन डॉ. जस्टिन लेमिलर कुछ मजेदार बातें बताते हैं. उन्होंने द साइकॉलजी ऑफ ह्यूमन सेक्शुऐलिटी नाम मशहूर किताब लिखी है. उन्हीं के ब्लॉग से कुछ मजेदार बातें.
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खुद से आकर्षण
हम अपने जैसे लोगों की ओर आकर्षित होते हैं. एक प्रयोग में लोगों को कुछ तस्वीरें दिखाई गईं और पूछा गया कि कौन सबसे आकर्षक है. एक तस्वीर उनकी अपनी भी थी जिसमें बदलाव कर दिए गए थे. सबसे ज्यादा लोगों ने उसी तस्वीर को चुना.
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माता-पिता से आकर्षण
जो लोग हमें अपने माता-पिता की याद दिलाते हैं हम उनकी ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसी तरह ज्यादा उम्र के माता-पिता की संतानें ज्यादा उम्र के लोगों की ओर अधिक आकर्षित होती हैं.
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एक्सरसाइज के बाद
एक्सरसाइज के बाद आपके दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. उसी वक्त आप किसी से मिलें तो उसकी ओर आकर्षित होने की संभावना ज्यादा होगी क्योंकि आपका दिमाग समझेगा कि धड़कने उसे देखकर बढ़ी हैं.
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शराब का असर
रिसर्च से पता चला है कि नशे में लोग ज्यादा आकर्षित होते हैं. जितनी ज्यादा आप पिएंगे, सामने वाला आपको उतना ज्यादा आकर्षित करेगा.
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हलो का असर ज्यादा
रिसर्च बताती है कि पिक अप लाइन ज्यादा असर नहीं करतीं. उसके बजाय सीधा सादा हलो बोलकर दिलचस्प बातचीत करके आप सामने वाले को ज्यादा आकर्षित कर सकते हैं.
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सारी इंद्रियों का कमाल
आप किसकी ओर आकर्षित हैं इसका फैसला सिर्फ आखें नहीं करतीं. सारी इंद्रियां मिलकर फैसला करती हैं. मसलन, उसकी गंध कैसी है, उसकी आवाज कैसी है और यह भी उसका स्वाद कैसा है.
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पीरियड्स का रोल
महिलाएं किस तरह के पुरुषों की ओर आकर्षित होंगी यह उनके माहवारी के दिनों पर भी निर्भर कर सकता है. मसलन, जब वे फर्टिलिटी के सबसे संवेदनशील दौर में होती हैं तब उन्हें भारी आवाज वाले गठीले और रौबीले मर्द ज्यादा अच्छे लगते हैं.
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रंगों का असर
पुरुषों पर रंगों का असर काफी होता है. उन्हें लाल रंग पहने हुए महिलाएं ज्यादा आकर्षित कर सकती हैं.
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मौसम का असर
सेक्शुअल अट्रैक्शन मौसम दर मौसम भी बदलती हैं. मसलन सर्दियों में पुरुष महिलाओं की ओर गर्मियों की अपेक्षा ज्यादा आकर्षित होते हैं.
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मुश्किल से मिले तो बेहतर
रिसर्च बताती हैं कि जिन्हें पाना जितना ज्यादा मुश्किल होता है, उनकी ओर आकर्षण उतना ही ज्यादा होता है.
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वैज्ञानिक खुद भी हैरान हैं. किपनिस कहते हैं, "ये अंचभित करने वाला है, लेकिन शायद हमारे भीतर बेहद सूक्ष्म स्तर पर दो पौराणिक ताकतें लड़ रही हैं: पैथोजीन्स और इम्यून सिस्टम. हमारे व्यक्तित्व के एक हिस्से को शायद इम्यून सिस्टम निर्देश देता है."
इसे समझाते हुए शोध प्रमुख जोनाथन किपनस कहते हैं, "इम्यून मॉलीक्यूल असल में तय करते हैं कि हमारा दिमाग कैसे काम करेगा. अब यह देखना है कि हमारे मस्तिष्क के विकास और उसके काम काज में इम्यून सिस्टम की भूमिका कितनी व्यापक है."
शोधकर्ताओं के मुताबिक पौराणिक काल में जब इंसान खानाबदोश था, उस वक्त सामाजिक व्यवहार बेहद अहम था. सामाजिक व्यवहार के आधार पर ही कबीले में जगह, हैसियत व जिंदा बचने की संभावनाएं बनती और बिगड़ती थी. इंसान ने ऐसा हजारों साल तक किया. वैज्ञानिकों को लगता है कि यही गुण आज भी हमारे भीतर हैं. इम्यून सिस्टम को जब खतरा महसूस होता है तो वह सामाजिक व्यवहार पर असर डालता है ताकि जान बचाई जा सके. माहौल और सामाजिक ताना बाना बदलने के बावजूद यह हमारे भीतर बरकरार है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस खोज की मदद से तनाव, अवसाद और ऑटिज्म जैसे रोगों का इलाज किया जा सकेगा.