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हमारे साथ नाइंसाफी हुई, अपील करेंगे: बट

६ फ़रवरी २०११

स्पॉट फिक्सिंग मामले में आईसीसी की पाबंदी लगने के बाद मोहम्मद आमेर और सलमान बट ने कहा है कि उनकी दलीलों को गंभीरता से नहीं सुना गया. फैसले का अध्ययन करने के बाद दोनों क्रिकेटरों ने सजा के खिलाफ अपील करने की बात कही.

तस्वीर: AP

सलमान बट और मोहम्मद आमेर ने पाकिस्तान लौटकर अपना नाम भ्रष्टाचार के आरोपों से दूर करने का संकल्प लिया है. सलमान बट और मोहम्मद आमेर जब पाकिस्तान में एयरपोर्ट से बाहर निकले तो उनका कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ. दोनों खिलाड़ियों ने खुद को निर्दोष बताया है.

तस्वीर: AP

बट ने कहा, "मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं वो सही नहीं हैं. मैं दोषी नहीं हूं और मैं अपने रुख पर कायम हूं. मैं तब तक आराम से नहीं बैठूंगा जब तक अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत साबित नहीं कर देता. मुझे नहीं लगता कि हमारी दलीलों को ध्यान से सुना गया और हम पर लगी पाबंदी नाइंसाफी है."

मोहम्मद आमेर ने भी आईसीसी ट्राइब्यूनल की सुनवाई पर निराशा जाहिर की है. "मैं निर्दोष हूं और मुझे विश्वास है कि मैं बरी हो जाऊंगा. मेरे ऊपर लगी पाबंदी एक बड़ा झटका है. हम आईसीसी के विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद हम तय करेंगे कि हम कैसे अपील करें."

सलमान बट का भी कहना है कि वह देखना चाहते हैं कि आखिर किस आधार पर ट्राइब्यूनल ने उनके खिलाफ यह फैसला दिया. फैसले का अध्ययन कर लेने के बाद उसके खिलाफ अपील किए जाने की तैयारी है.

पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान सलमान बट और तेज गेंदबाजों मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमेर को आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधी ट्राइब्यूनल ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी मानते हुए उन पर दस साल, सात साल और पांच साल का प्रतिबंध लगाया है. सलमान बट पर पाबंदी के दस साल में से पांच साल निलंबित पाबंदी के हैं जबकि आसिफ के सात में से दो साल निलंबित पाबंदी है.

सजा की शर्तों के मुताबिक कम से कम पांच साल तक ये तीनों क्रिकेटर अब नहीं खेल पाएंगे. सजा शनिवार को दोहा में सुनाई गई. बट पर पाबंदी के दस साल में से पांच साल तभी निलंबित पाबंदी के होंगे अगर वह फिर से कोई अपराध नहीं करते और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के भ्रष्टाचार निरोधी मुहिम में हिस्सा लेते हैं. यही शर्त मोहम्मद आसिफ के साथ रखी गई है. वैसे लंदन में भी तीनों खिलाड़ियों के खिलाफ आपराधिक मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं.

मोहम्मद आमेर के वकील ने पाबंदी की सजा के खिलाफ अपील करने की बात कही है लेकिन तीनों खिलाड़ियों में सिर्फ मोहम्मद आमेर के लिए ही उम्मीद है कि वह फिर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल पाएं. मोहम्मद आमेर की उम्र अन्य दोनों खिलाड़ियों की तुलना में काफी कम है.

यह मामला पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए चौथे टेस्ट का है जिसमें पैसे लेकर पहले से तयशुदा समय पर नो बॉल फेंकी गई और एक अखबार ने पैसों के लेनदेन का स्टिंग ऑपरेशन किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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