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हम्माम की फीफा में पेशी

२२ जुलाई २०११

एशियाई फुटबॉल के सस्पेंड किए गए अध्यक्ष मोहम्मद बिन हम्माम ने सवाल किया है कि क्या इस बात की कोई गारंटी है कि उनके खिलाफ जांच में पक्षपात नहीं बरता जाएगा. उन पर फीफा अध्यक्ष के चुनाव में घूस देने के आरोप हैं.

FILE - In this May 10, 2011 file picture Mohamed bin Hammam, chief of the Asian Football Confederation, talks to local media in Port of Spain, Trinidad & Tobago. FIFA is investigating allegations of bribery involving presidential candidate Mohamed bin Hammam and FIFA vice president Jack Warner. The two senior officials will face an ethics investigation at FIFA headquarters on Sunday, three days before bin Hammam challenges incumbent Sepp Blatter in the presidential election. FIFA said the bribery allegations related to bin Hammam's meeting with Caribbean football leaders on May 10-11 in Warner's native Trinidad to lobby for support. (AP Photo/Shirley Bahadur, File)
मोहम्मद बिन हम्मामतस्वीर: AP

कतर के फुटबॉल अधिकारी ने दावा किया है कि उनके खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर वह अपना मामला अंतरराष्ट्रीय खेल अदालत में ले जाएंगे. फीफा के अध्यक्ष पद के चुनाव में उन्होंने सेप ब्लाटर को चुनौती दी थी लेकिन वोटिंग से ठीक पहले अपना नाम वापस ले लिया था. इसके बाद ब्लाटर निर्विरोध जीत गए.

बिन हम्माम ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "मुझे इस बात का पूरा यकीन है कि मेरे खिलाफ बेहद कमजोर और टिक न पाने वाले सबूत हैं. यह बात साफ है कि वे इतने कमजोर हैं कि किसी भी अदालत में उन्हें नहीं माना जा सकता है."

बिन हम्माम ने पैसे दिए

फीफा की आचार समिति इस बात की जांच कर रही है कि क्या 62 साल के बिन हम्माम ने फीफा अध्यक्ष पद के चुनाव में उनके पक्ष में वोटिंग के लिए कैरीबियाई फुटबॉल यूनियन के सदस्यों को घूस की पेशकश तो नहीं की. जांच के बाद शनिवार तक यह समिति अपना फैसला सुना सकती है.

बिन हम्माम के साथ सीएफयू अधिकारी डेबी मिंगुएल और जेसन सिल्वेस्टर को 29 मई को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संबंधी सभी कार्रवाइयों से सस्पेंड कर दिया गया है. बाकी के दोनों आरोपियों के खिलाफ भी शुक्रवार को ही ज्यूरिख में सुनवाई हो रही है. फुटबॉल के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय के बंद कमरे में जब कार्रवाई शुरू हुई, तो बिन हम्माम ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि सुनवाई उस तरह से होगी, जैसा कि हम लोग चाहते हैं. ऐसा लगता है कि फीफा ने अपना फैसला कई हफ्ते पहले ही तय कर लिया है. अगर हमें दोषी साबित करने वाला फैसला आता है, तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा."

कतर में स्टेडियमतस्वीर: picture alliance/dpa

फीफा में गड़बड़ी

उनका कहना है, "मुझे सस्पेंड किए जाने के बाद से मुझे लगता है कि अब वे इस स्थिति में नहीं हैं कि उन्होंने गलती की है. हालांकि उन्हें इसका साहस दिखाना चाहिए था और अपनी गलती सुधारनी चाहिए थी."

हाल के दिनों में फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था फीफा घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी है. ऐसी भी अटकलें लगाई गई हैं कि कतर ने 2022 की विश्वकप मेजबानी हासिल करने के लिए गलत रास्तों को अपनाया. हालांकि यह बात साबित नहीं हो पाई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ईशा भाटिया

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