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हम नहीं हटेंगे मुबारक, तुम हटो

२ फ़रवरी २०११

हुस्नी मुबारक ने सितंबर में गद्दी छोड़ने की पेशकश की है, लेकिन जनता इंतजार के लिए तैयार नहीं. आज नौवें दिन भी काहिरा में प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं. यमन के राष्ट्रपति ने भी अगले चुनाव से दूर रहने की घोषणा की है.

जाएंगे, पर सितंबर मेंतस्वीर: AP

"हम नहीं हटेंगे, उसे हटना है", काहिरा के ताहिर स्क्वायर पर प्रदर्शनकारियों का नारा है. विरोध प्रदर्शनों के नौवें दिन वे जनता तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि मुबारक को गद्दी से उतारने के लिए दबाव बनाए रखना जरूरी है. इससे पहले कल शाम को राष्ट्रपति मुबारक ने घोषणा की थी कि वे सितंबर में होने वाले चुनाव में उम्मीदवार नहीं होंगे. यानी वे गद्दी छोड़ेंगे, लेकिन अभी नहीं.

जनता तब तक इंतजार के लिए तैयार नहीं दिखती है. विरोध के इस ज्वार में प्रमुख भूमिका निभा रहे 6 अप्रैल युवा आंदोलन के एक प्रवक्ता ने राष्ट्रपति मुबारक की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह उन्हें मंजूर नहीं है, क्योंकि इससे उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं. उन्होंने घोषणा की कि विरोध और प्रदर्शन जारी रहेंगे. विपक्ष के नेता के रूप में उभर रहे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद अल बारादेई ने कहा कि हमेशा की तरह फिर एक बार मुबारक जनता की आवाज सुनने से इनकार कर रहे हैं. देश के सबसे बड़े विपक्षी दल मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रवक्ता मोहम्मद मुरसी ने कहा कि इस घोषणा से जनता की कोई मांग पूरी नहीं होती है. उनका कहना था कि रियायतें बहुत देर से आई हैं.

इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मुबारक पर दबाव बढ़ गया है. जिस वक्त मुबारक टेलीविजन पर चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रहे थे, उसी वक्त वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति से कह दिया है कि लोकतंत्र और मुक्त चुनावों की ओर देश का सफर अभी शुरू होना चाहिए और उसमें सभी विपक्षी नेताओं की भागीदारी होनी चाहिए. राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि यह परिवर्तन कायदे से, सार्थक रूप से और शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए.

राष्ट्रपति मुबारक भी अपने समर्थकों को लामबंद करने की कोशिश किए जा रहे हैं. कल जब सारे देश में 10 लाख से अधिक लोग मुबारक को हटाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, उनके लगभग 2000 समर्थक भी काहिरा की सड़कों पर उतरे. सरकारी टेलिविजन में कहा गया है कि आज भी मुबारक के समर्थक प्रदर्शन की कोशिश करेंगे.

ट्यूनीशिया से शुरू हुआ अरब लोकतंत्र का ज्वार मिस्र में आकर रुक नहीं गया है. जॉर्डन और सीरिया में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. और इस बीच यमन के राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह ने भी संसद में घोषित किया है कि 2013 में कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने राष्ट्रीय एकता के गठबंधन में शामिल होने के लिए विपक्ष से अपील की. राजधानी सना में आज विपक्ष की ओर से प्रदर्शन किए जाने वाले हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उ भट्टाचार्य

संपादन: ए जमाल

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