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'हम होंगे कामयाब'

२३ दिसम्बर २०१२

चैंपियंस लीग में तीन जर्मन क्लबों को मजबूती से खड़े देख जर्मनी में कई फुटबॉल प्रेमियों को खिताबों के सपने आने लगे हैं. कोई कहता है चैंपियंस लीग जीतेंगे, तो किसी को लगता है कि ब्राजील से वर्ल्ड कप जर्मनी आएगा.

तस्वीर: Getty Images

यूरोप के प्रतिष्ठित फुटबॉल मुकाबले चैंपियंस लीग की आखिरी 16 टीमें तय हो चुकी हैं. तीन टीमें जर्मनी की हैं. ग्रुप बी में शाल्के 04 शीर्ष पर है. ग्रुप डी में जर्मन लीग चैंपियन बोरुसिया डॉर्टमुंड टॉप पर है. डॉर्टमुंड के नीचे रियाल मैड्रिड है. ग्रुप एफ में भी शीर्ष पर जर्मन क्लब बायर्न म्यूनिख है.

तीन ग्रुपों में अपनी टीमों को शीर्ष पर देखने के बाद जर्मन फुटबॉल प्रेमियों को लग रहा है कि फुटबॉल का खिताबी सूखा 2013 में खत्म हो सकता है. जर्मनी यूरो 2008 नहीं जीत सका. 2010 के वर्ल्ड कप में भी टीम सेमीफाइनल में हार गई. यूरो 2012 में भी उसे सेमीफाइनल में इटली ने बाहर कर दिया. इसी साल चैंपियंस लीग के फाइनल में भी जर्मन क्लब आर्सेनल से हार गया.

लेकिन साल बीतते बीतते जर्मनी की फुटबॉल टीमों से जुड़े बड़े नाम एक बार फिर उत्साहित होने लगे हैं. जर्मन टीम के पूर्व खिलाड़ी आंद्रेआस मोलर को लग रहा है कि मई 2013 में चैंपियंस लीग की ट्रॉफी जर्मनी आएगी. 2001 में आखिरी बार बायर्न म्यूनिख ने चैंपियंस लीग जीती थी. फुटबॉल की प्रसिद्ध वेबसाइट गोल डॉट कॉम से बातचीत में मोलर ने कहा, "मुझे लगता है कि तीनों टीमें बहुत दूर जा सकती है. ग्रुप स्टेज से ही वह शानदार प्रदर्शन करती आ रही हैं. चैपियंस लीग में उनके पास कुछ असाधारण हासिल करने का मौका है. इस बात की अच्छी संभावना है कि एक जर्मन टीम इस बार चैंपियंस लीग जीत सकती है."

बायर्न के पास एक और मौका.तस्वीर: picture-alliance/dpa


राष्ट्रीय टीम के मैनेजर ओलिवर बियरहोफ तो चैंपियंस लीग से भी आगे की सोच रहे हैं. बियरहोफ कहते हैं, "हमारे पास अब कई नए खिलाड़ी हैं जो गजब की क्षमता से भरे हुए हैं. यूरो 2012 की गई गलतियों से हम सबक ले चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभव पाने की वजह से हमारी उम्मीदों में उछाल आया है."

टीम मैनेजर को लग रहा है कि नए खिलाड़ियों के बलबूते जर्मनी ब्राजील में होने वाला 2014 का वर्ल्ड कप जीत सकेगा.

वैसे इसमें कोई शक नहीं है कि बीते छह महीनों में जर्मनी को कई नए और जबरदस्त खिलाड़ी मिले हैं. चैंपियंस लीग और घरेलू लीग की वजह से मार्को रॉयस, मारियो गोएत्जे और यूलियान ड्राक्सलेर की प्रतिभा सामने आई. लंबे वक्त बाद फुटबॉल प्रेमियों को लग रहा है कि जर्मनी की राष्ट्रीय टीम के पास अब स्पेन या बार्सिलोना की तरह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का कॉलेज है.

ओएसजे/आईबी (एएफपी)

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