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घूंघट वाले सरकारी विज्ञापन पर विवाद

२८ जून २०१७

सवाल उठ रहे हैं कि एक ओर सरकार 'बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ' के नारे देती है, तो दूसरी तरफ ऐसे विरोधाभासी विज्ञापन कैसे जारी कर सकती है.

Indien Pakistan Symbolbild Vergewaltigung
तस्वीर: Getty Images

हरियाणा सरकार के जारी किए गए एक विज्ञापन पर काफी विवाद हो रहा है. इसमें घूंघट वाली एक महिला की तस्वीर बनी हुई है और इसकी आन बान को ही हरियाणा की पहचान बताया गया है. इस विज्ञापन के कारण कई हलकों में राज्य सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है. हरियाणा की बॉक्सिंग चैंपियन गीता फोगट समेत हजारों लोगों ने सोशल मडिया पर भी प्रतिक्रियाएं दी हैं.

विज्ञापन को लेकर सरकार इसलिए भी निशाने पर है कि एक ओर तो वे 'बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ' के नारे देते हैं और दूसरी तरफ ऐसी विरोधाभासी विज्ञापन जारी करते हैं. यह विज्ञापन किसानों के लिए जारी की गयी एक बुकलेट में छापा गया है.

इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर आरोप लगाते हुये कहा है कि ये विज्ञापन भाजपा के संकीर्ण दृष्टिकोण को उजागर करता है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि यह भाजपा सरकार की रूढ़ीवादी मानसिकता का प्रतीक है और उन्हें अब इससे बाहर आने की जरूरत है.

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे कि विज्ञापन में इस तरह का कैप्शन क्यों छपा. उन्होंने कहा कि विज्ञापन में जो छपा है हम उसे स्वीकार नहीं करते.

भारत में सदियों से चली आ रही घूंघट और पर्दा प्रथा का बीते कई दशकों से लगातार विरोध भी होता आया है. हरियाणा की ही एक स्कूल टीचर मंजू यादव ने साल 2015 में घूंघट के खिलाफ कैंपेन चलाया था. गांव बल्लभगढ़ की रहने वाली यादव ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि पुरुष हमें नियंत्रण में रखने के लिए घूंघट या पर्दे में रहने की बात कहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी पुरुष को कहा जाए कि वह एक दिन भी अपना चेहरा ढक कर रखे तो वो ऐसा नहीं कर पाएगा. मंजू को हरियाणा के 50 से भी अधिक गावों का समर्थन मिला था.

दुनिया भर के कई देशों में पर्दा, घूंघट या बुर्के जैसे महिला के चेहरे और व्यक्तित्व पर परदा डालने वाले ड्रेस कोड का विरोध होता आया है. जैसे ईरान का #MenInHijab अभियान. सन 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सिर ढकना अनिवार्य हो गया. 2014 में ईरानी पत्रकार अलीनेजाद की फेसबुक पेज पर की गयी पहल से जुड़ कर ईरान के पुरुष ऐसी पाबंदियों के खिलाफ महिलाओं के साथ एक अभियान का हिस्सा बने और पुरुषों ने उनके साथ हिजाब में अपनी तस्वीरें साझा की थीं.

एसएस/आरपी (एएफपी)

 

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