1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

हर 40वें सेकंड एक इंसान ले रहा है अपनी जान

१० सितम्बर २०१९

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया भर में अनगिनत आत्महत्याओं के कारणों और परिस्थितियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने के प्रयास करने की जरूरत है.

Junger Mann steht bei trübem Wetter an der Ostsee
तस्वीर: picture-alliance

पिछले कुछ सालों में विश्व भर में आत्महत्या की दर में कमी देखी गई है लेकिन फिर भी हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति खुद अपनी जान देता है. संयुक्त राष्ट्र की जेनेवा स्थित एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, आज भी केवल 38 देशों में ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई आत्महत्या निरोधक रणनीति है. संगठन के महानिदेशक टेड्रोस आधानोम कहते हैं. "हर मौत उसके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के लिए दुखद होती है. और आत्महत्या को रोकना संभव है." 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ज्यादातर भावनाओं के अतिरेक में उठाए जाने वाले इस गंभीर कदम को लेकर मीडिया में जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग किए जाने की जरूरत है. युवा लोगों में तरह तरह के तनाव से निपटने की क्षमता विकसित करने की भी बहुत जरूरत है. जिन लोगों में पहले से ही आत्महत्या की प्रवृत्ति नजर आती हो, उनकी मदद करने और खतरनाक जानलेवा चीजों से उन्हें दूर रखने से भी ऐसी घटनाओं में कमी लाई जा सकती है. यह सारे कदम खुदखुशी की दर घटाने में कारगर साबित हुए हैं.

डब्लूएचओ ने बताया कि 1995 से 2015 के बीच, श्रीलंका में कीटनाशक बैन करने के एक कदम से आत्महत्या के मामलों में 70 फीसदी की कमी आई है. दक्षिण कोरिया में ऐसी ही एक नीति के कारण 2011 से 2013 के बीच ही आत्महत्या के मामले आधे हो गए. 2000 से 2016 के बीच, वैश्विक आत्महत्या दर गिर कर 9.8 प्रतिशत रह गई है, जिसका मतलब है 100,000 लोगों में 10.5 आत्महत्या से मौतें.

अमेरिका विश्व का एकलौता इलाका रहा जहां इन्हीं 16 सालों के दौरान आत्महत्या के मामलों में कमी की बजाए बढ़ोत्तरी देखी गई. दुनिया भर में युवाओं की जान गंवाने का दूसरा सबसे बड़ा कारण आत्महत्या ही है. इसके अलावा, 15 से 29 साल की उम्र वाले लोगों की जान सबसे ज्यादा सड़क हादसों में जाती है.

आरपी/आईबी (डीपीए, एएफपी)

______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay |

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें