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हवाई प्रदूषण पर ईयू चीन में तूतू मैंमैं

७ जनवरी २०१२

यूरोपीय संघ ने विमानों से निकलने वाले खतरनाक धुएं पर लगाई फीस हटाने से इनकार कर दिया है और चीन ने यह फीस देने से. यूरोपीय संघ ने सभी एयरलाइंस को प्रदूषण परमिट खरीदने का नियम बनाया है.

तस्वीर: picture-alliance/WILDLIFE

27 देशों वाले यूरोपीय संघ ने इस साल से उन सभी एयरलाइंस को प्रदूषण परमिट खरीदना जरूरी कर दिया है जो इन देशों से उड़ान भरना या लैंड करना चाहती हैं. हालांकि अमेरिका और चीन ने इस फीस का कड़ा विरोध किया है लेकिन यूरोपीय संघ ने इसे हटाने से उतनी ही कड़ाई से इनकार भी कर दिया है. उधर कुछ एयरलाइंस ने इस फीस का भार भाड़े में बढ़ोतरी कर अपने यात्रियों पर डालना भी शुरू कर दिया है.

दोनों अड़े

यूरोपीय संघ में क्लाइमेट एक्शन आयुक्त कोनी हेडेगार्ड का कहना है, "हम अपना नियम नहीं बदल रहे और ढीला भी नहीं कर रहे हैं. जैसे अगर चीन के लोग यूरोप में व्यवसाय करना चाहते हैं तो उन्हें यहां के स्वास्थ्य और सुरक्षा नियमों का ध्यान रखना होगा. यह भी ठीक उसी तरह है अलग नहीं. अगर आप यूरोप में काम करना चाहते हैं तो आपको कानून का, पर्यावरण से जुड़े कानून का ध्यान रखना होगा."

उधर चीन हवाई यातायात संघ ने चेतावनी दी है कि उनकी एयरलाइन यह फीस नहीं देगी. यूरोपीय प्रणाली के मुताबिक फीस नहीं भरने पर कंपनियों को प्रति टन कार्बन डायऑक्साइड के लिए 100 यूरो का जुर्माना भरना होगा या अंतिम उपाय के तौर पर उन एयरलाइंस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. एक टन कार्बन डायऑक्साइड के लिए फिलहाल सात यूरो फीस रखी गई है.

तस्वीर: Lufthansa Bildarchiv

जुर्माना बाद में

लेकिन चीनी एयरलाइंस को इतनी जल्दी जुर्माना नहीं भुगतना पड़ेगा क्योंकि उनके पास वार्षिक उत्सर्जन को नापने के लिए और 2012 में प्रदूषण करने के अधिकार को खरीदने के लिए अगले साल 30 अप्रैल तक का समय होगा.

यूरोपीय संघ के एमिशन ट्रेडिंग सिस्टम के मुताबिक एयरलाइंस को निर्धारित सीमा से ज्यादा कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन पर दंड देना होगा. एयरलाइंस को 15 फीसदी उत्सर्जन के अधिकार खरीदने होंगे. इस हिसाब से यूरोपीय संघ को सालाना 3 करोड़ 20 लाख यूरो मिलेंगे.

दुनिया भर में सिर्फ यूरोपीय संघ ही ऐसा क्षेत्र है जहां एयरलाइंस को कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन पर दंड देना पड़ रहा है. पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए यूरोपीय संघ ने यह कदम उठाया है.

तस्वीर: AP

फैसले पर नाराजगी

यूरोपीय संघ के इस कदम पर कई देशों ने नाराजगी जताई है. चीनी विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ से इस मुद्दे को दोस्ताना तरीके से सुलझाने की सलाह दी है. यह फीस लागू होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस मानी जाने वाली डेल्टा एयरलाइंस ने अपने टिकट में छह यूरो की बढ़ोतरी की है. जर्मनी की लुफ्तांसा ने भी किराया बढ़ाने का संकेत दे दिया है. यूरोपीय आयोग का कहना है कि एयरलाइंस यह कीमत झेल सकती हैं.

न्यूयॉर्क से लंदन आने वाली उड़ान के दौरान प्रति यात्री 385 किलो कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन होता है जिसका खर्च प्रति व्यक्ति 5.40 डॉलर है. यूरोपीय आयोग का दावा है कि चूंकि फीस सिर्फ 15 प्रतिशत पर देनी है इसलिए एयरलाइंस को ज्यादा खर्च नहीं आएगा.

रिपोर्टः एएफपी, आभा एम

संपादनः ए जमाल

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