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हवा में उड़ने वाली टैक्सी का दुबई में परीक्षण

२६ सितम्बर २०१७

दुबई में सोमवार को पहली बार उड़ने वाली टैक्सी यानी ड्रोन टैक्सी का सफल परीक्षण किया गया. दुनिया की पहली ड्रोन ट्रैक्सी सेवा की शुरुआत करने के लिए जोरशोर से जुटी है सरकार.

VAE Selbstfliegendes Lufttaxi Testflug in Dubai
तस्वीर: Reuters/S. Kumar

इस उड़ने वाली टैक्सी को जर्मन ड्रोन कंपनी वोलोकॉप्टर ने तैयार किया है जो दिखने में दो सीट वाले एक छोटे हेलीकॉप्टर के केबिन जैसा है. जिसके ऊपर 18 शक्तिशाली पंख लगे हैं. दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद के सामने इस टैक्सी की पहली उड़ान में कोई यात्री नहीं था.

बिना रिमोट कंट्रोल से चलने वाली यह टैक्सी अधिकतम 30 मिनट तक हवा में उड़ान भर सकती है. इसमें आपात स्थिति के लिए बहुत सारे इंतजाम किये गये हैं. इनमें बैकअप बैटरी, पंख और सबसे बुरे हालात का सामना करने के लिए कई पैराशूट भी रखे गये हैं.

तस्वीर: Reuters/S. Kumar

वोलोकॉप्टर इस परियोजना के लिए एक दर्जन से ज्यादा यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियो से मुकाबले में है. सभी कंपनियों के पास साइंस फिक्शन से प्रेरित एक कल्पना है जिसमें शहरी यातयात के लिए एक नये तरह की गाड़ी बनाने का विचार है. ऐसी गाड़ी जो बिना ड्राइवर वाली इलेक्ट्रिक कार और छोटी उड़ान भरने वाली विमानों के बीच में कही है.

इन कंपनियों में विमान बनाने वाली दिग्ज कंपनी एयरबस भी शामिल है जो 2020 तक खुद से उड़ान भरने वाली हवाई टैक्सियों को तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसके अलावा गूगल वाले लैरी पेज के समर्थन वाली किट्टी हॉक उबर भी इस दौड़ में हैं जो अपने साझेदारों के साथ हवाई टैक्सी बनाने की नीति पर काम कर रहे हैं.

तस्वीर: Reuters/S. Kumar

वोलोकॉप्टर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फ्लोरियान रॉयटर का कहना है, "सेवा के शुरू होने पर स्मार्टफोन में एक ऐप के जरिये पास में मौजूद वोलोकॉप्टर के लिए आर्डर किया जा सकेगा. वोलोकॉप्टर खुद आपके पास पहुंचेगा और आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा देगा." फ्लोरियान के मुताबक, "यह टैक्सी जीपीएस के सहारे उड़ान भरने में सक्षम है और जल्दी ही इसे इस तरह से तैयार कर दिया जाएगा कि रास्ते में पड़ने वाली अंजान चीजों से भी यह बच कर निकल सके." फ्लोरियान के मुताबिक अगले पांच वर्षों के भीतर इस टैक्सी को शुरू किया जा सकता है.

तस्वीर: Reuters/S. Kumar

सोमवार को परीक्षण उड़ान के दौरान टैक्सी 200 मीटर की ऊंचाई पर पांच मिनट तक खाड़ी के तटवर्ती इलाके में रेत और हवाओं के बीच उड़ान भरती रही.

संयुक्त अरब अमीरात ने इलाके में जंग से जूझते देशों से अलग खुद को एक प्रगतिशील और हाईटेक समाज बनाने की कोशिश की है. यूएई मंगल ग्रह पर 2021 तक अपना यान भेजने की कोशिश में है. यह अरब जगत का पहला अंतरिक्ष अभियान होगा. दुबई पहले ही बिना ड्राइवर वाली मेट्रो और रोबोट वाले पुलिसकर्मियों को प्रोटोटाइप बना चुका है. 

शेख हमदान ने अपने एक बयान में कहा है, "आविष्कारों को बढ़ावा और आधुनिक तकनीकी विकास को अपनाने से ना सिर्फ देश का विकास होगा बल्कि इसका भविष्य भी बनेगा." 

एनआर/एए (रॉयटर्स)

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