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हसन अली को देश छोड़कर न जाने देने के आदेश

११ फ़रवरी २०११

स्विस बैंकों में अरबों डॉलर काला धन जमा कराने का आरोप झेल रहे व्यवसायी हसन अली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि हसन अली को भारत से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.

तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि विदेशी बैंकों में काला धन रखने वालों के नाम वह सार्वजनिक कर देगी. सरकार का कहना है कि नाम जारी करने से पहले वह उनके खिलाफ औपचारिक रूप से मामला दर्ज होने का इंतजार कर रही है.

सोलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने का आरोप झेल रहे लोगों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. एक बार उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया तो फिर नाम सार्वजनिक कर दिए जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि पुणे के व्यवसायी हसन अली को देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. हसन अली पर हजारों करोड़ रुपये विदेशी बैंकों में रखने का आरोप है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "यह सुनिश्चित करना आपका फर्ज है कि मुकदमा चलाने के लिए वह मौजूद रहे." सोलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि हसन अली भारत में ही है और सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए जरूरी कदम उठा रही है. पुणे के व्यवसायी हसन अली पर आरोप है कि उन्होंने स्विट्जरलैंड के बैंकों में आठ अरब डॉलर जमा किए हुए हैं.

बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अदालत में एक याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह सरकार को विदेशी बैंकों से काला धन वापस लाने का आदेश दे.

ऐसी आशंका है कि विदेशी बैंकों में भारत का सैकड़ों अरब डॉलर काला धन जमा हो सकता है. जेठमलानी की ओर से दलील देते हुए अनिल दीवान ने कहा कि सरकार ने इस दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उ भट्टाचार्य

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