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ब्रिटेन को चीन की धमकी 

२१ जुलाई २०२०

ब्रिटेन के हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को स्थगित करने पर चीन ने ब्रिटेन को "परिणामों" की चेतावनी दी है. ब्रिटेन ने हांगकांग में चीन के नए सुरक्षा कानून को लागू करने के विरोध में प्रत्यर्पण संधि को स्थगित कर दिया था.

Hongkong Proteste mit britischem Pass
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/Kin Cheung

ब्रिटेन में चीन के दूतावास की वेबसाइट पर एक वक्तव्य में संधि को स्थगित करने की आलोचना की गई है और लिखा है, "यूके पक्ष गलत रास्ते पर और आगे निकल गया है." वक्तव्य में यह भी लिखा है, "चीन यूके पक्ष को तुरंत हांगकांग के मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करने के लिए कहता है जो कि चीन का आतंरिक मामला है. अगर यूके गलत रास्ते पर और आगे जाने पर अड़ा रहता है, तो उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे."

ब्रिटेन से पहले यह कदम अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया उठा चुके हैं. ब्रिटेन ने इसके पहले अपने सारे मोबाइल नेटवर्कों में से हुआवे के सारे 5जी उपकरण हटाने की शपथ ली थी. ब्रिटेन के राजनेता चीन में नस्लीय अल्पसंख्यक समूहों के साथ हो रहे बर्ताव के लिए भी बीजिंग की आलोचना कर रहे हैं. प्रत्यर्पण संधि के स्थगन की पुष्टि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने सोमवार 20 जुलाई को ब्रिटेन की संसद में की.

उन्होंने चीन के मुख्य भू-भाग के खिलाफ पहले से लागू "संभावित रूप से घातक हथियारों" के व्यापार पर लगी रोक को हांगकांग में भी लागू करने की घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि चीन के "असाधारण परिवर्तन" और वैश्विक मामलों में उसकी अहम भूमिका को देखते हुए ब्रिटेन चीन के साथ रचनात्मक रूप से संबंध रखना चाहता है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एक वैश्विक ताकत होने के नाते चीन के कुछ अंतरराष्ट्रीय दायित्व भी हैं और ऐसे किसी भी देश के साथ एक सकारात्मक संबंध रखने में उस से असहमत होने का अधिकार भी शामिल है.

प्रत्यर्पण संधि के स्थगन की पुष्टि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने सोमवार 20 जुलाई को ब्रिटेन की संसद में की.तस्वीर: picture-alliance/empics/House of Commons

नए सुरक्षा कानून के बारे में बात करते हुए राब ने कहा कि इस कानून ने "हमारी प्रत्यर्पण संधि से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पूर्वाधारणाओं को उल्लेखनीय ढंग से बदल दिया है", जिनमें कुछ मामलों पर चीन के मुख्य भू-भाग में सुनवाई होने का प्रावधान शामिल है. उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून में कानूनी या न्यायिक सुरक्षा के प्रावधान नहीं हैं और हांगकांग में इसके संभावित इस्तेमाल को लेकर चिंताएं हैं.

इस कानून की वजह से लंदन और बीजिंग के बीच कूटनीतिक संबंधों में कलह उत्पन्न हुई है. पश्चिमी ताकतें इस कानून को हांगकांग में नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए खतरे के रूप में देखती हैं.

इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पेयो मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात करेंगे. पॉम्पेयो पिछली बार जब जनवरी में लंदन गए थे तब अमेरिका और ब्रिटेन के बीच चीन को लेकर थोड़ा तनाव था. अमेरिका ने ब्रिटेन को हुआवे के बारे में चेतावनी दी थी जिसे नजरअंदाज करते हुए जॉनसन ने कंपनी को ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क को शुरू करने की इजाजत दे दी थी.

इस वजह से पॉम्पेयो ने ब्रिटेन पर गुप्त जानकारी साझा करने के पश्चिमी तंत्र को खतरे में डाल देने का आरोप लगाया था. उस समय ब्रिटेन के चीन के साथ संबंध फल-फूल रहे थे, लेकिन उसके बाद के महीनों में ब्रिटेन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन के चीन के साथ झगड़ों में वाशिंगटन की तरफ झुकता चला गया है.

सीके/एए (एएफपी)

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