1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हांग कांग में पालतू जानवरों के दाह संस्कार का बढ़ता चलन

६ सितम्बर २०२१

हांग कांग में पालतू जानवरों के लिए एक दर्जन से ज्यादा शवदाह-गृह खुल गए हैं. लोगों का कहना है कि सरकारी एजेंसियां मृत पालतू जानवरों के शरीर को कचरे के गड्ढों में डाल देती हैं.

USA Urnen für Haustiere
तस्वीर: Getty Images/J. Moore

हांग कांग में एक तो जमीन प्राप्त करना एक मुश्किल काम है और उसके ऊपर से शवों को दफनाने का खर्च बहुत अधिक है. ऐसे में जानवरों के लिए दर्जन भर से ज्यादा शवदाह-गृह बनाए गए हैं, जहां पालतू जानवरों का दाह संस्कार किया जाता है.

कुत्तों के लिए पॉज गार्जियन रेस्क्यू शेल्टर नाम का आश्रय चलाने वाले केंट लुक कहते हैं कि इस विकल्प की वजह से पालतू जानवरों को एक करुणामयी दाह संस्कार मिल रहा है. लुक एक साथ करीब 500 बेघर कुत्तों की देखभाल करते हैं और इनमें से कई की देखरेख तो उन्हें उन कुत्तों के अंत समय तक करनी पड़ती है.

अंतिम विदाई

उनका मानना है कि एक सम्मान-पूर्ण अंतिम विदाई से उनके कुत्तों को जीवन के अंत में भी इज्जत मिलती है. उन्होंने यह भी बताया कि वो अगर अपने कुत्तों के शवों को सरकार को सौंप देंगे तो उन्हें शहर के कचरे के कई गड्ढों में से एक में डाल दिया जाएगा.

हांग कांग में जानवरों के शवों को कचरे के गड्ढों में डाल दिए जाने की संभावना रहती हैतस्वीर: Lam Yik/Reuters

लुक कहते हैं, "हम यह नहीं चाहते कि इन शवों को कचरे में डाल दिया जाए. हम चाहते हैं कि इनके साथ थोड़ी इज्जत से पेश आया जाए." दाह संस्कार पास ही में स्थित एक पशुओं के लिए बने एक शवदाह-गृह में किए जाते हैं, जहां एक 'सांकेतिक' शुल्क भी लिया जाता है.

इंसानों के जैसा दाह-संस्कार

कई पालतू जानवरों के मालिक ज्यादा पैसे भी देते हैं. यह शुल्क 180 डॉलर से शुरू होता है और बड़े पशुओं के लिए और अधिक शुल्क भी देना पड़ सकता है. जानवरों के मालिकों को अलग से एक कमरा दे दिया जाता है जहां वे उन्हें अंतिम विदाई दे सकते हैं.

हांग कांग में मास्क पहने एक महिला अपने कुत्ते के साथतस्वीर: picture-alliance/AP Photo/K. Cheung

बाद में अगर वे चाहें तो शव के जल जाने के बाद बची भस्म को घर ला सकते हैं या एक शवदाह केंद्र के बागीचे में बिखेर सकते हैं. जोई वॉन्ग ने अपनी बिल्ली सुएट सुएट के लिए दाह संस्कार चुना. उन्होंने बताया कि वो अपनी बिल्ली की भस्म को अपनी बालकनी में लगे ताड़ के एक पेड़ के नीचे बिखेरना चाहती हैं.

वॉन्ग चाहती थीं कि सुएट सुएट को इंसानों की तरह दाह संस्कार मिले. उन्होंने बताया, "वो बालकनी से हमें देख सकती है...और वो हमारी जिंदगी का हिस्सा बनी रह सकती है और हमारे बच्चों को बड़ा होते हुए देख सकती है."

सीके/वीके (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें