हाइडेलबर्ग: एक रोमानी शहर
२८ जुलाई २००९विभिन्न देशों से आए इन सैलानियों की भाषाओं का एक समुद्र अनायास ही हाइडेलबर्ग की रूमानियत को गाढ़ा बना देता है. कैमरे चमकते हैं किले की बेशुमार तस्वीरें उतारी जाती हैं. जर्मनी के सबसे ज़्यादा फोटोप्रिय इलाकों में एक यह भी है.
साल दर साल लाखों करोड़ों सैलानी हाइडेलबर्ग की यात्रा को उमड़ते हैं.
मशरूम और वाइन
जर्मन शहर का रोमान देखना हो तो हाइडेलबर्ग है. जंगलों से घिरे इस इलाक़े में किले के अवशेष आज भी अपनी जादुई उपस्थिति के साथ पर्यटकों को बुलाते हैं. बगल में बहती है ख़ामोश नेकर नदी जिस पर एक बहुत पुराना सुंदर पुल बना हुआ है. दूसरे विश्व युद्ध के बमों से अछूता रह गया किस्मत का धनी पुराना हाइडेलबर्ग शहर किसी तस्वीर की किताब का पन्ना लगता है. मैडीटरैनियन जलवायु होने की वजह से मशरूम और अंगूर की खेती के लिए ये जगह सर्वथा उपयुक्त है. हाइडेलबर्ग में प्रकृति और इतिहास एक दूसरे से जुड़े हैं, शहर की एक विशेष भावना और उसके उल्लास के साथ.
चढ़ाई से दिखता स्वर्ग
समय समय पर हाइडेलबर्ग में कई जानी मानी शख़्सियतें आकर रही हैं. कवियों की तो प्रेरणा भूमि ये रहा ही है. गोएथे, क्लेमेंस फॉन ब्रेनटानो और योसेफ फॉन आईशेनडॉर्फ जैसे रचनाकारों ने हाइडेलबर्ग के ‘फिलोसोफेनवेग' यानी दार्शनिक पथ की यात्रा की है. हाईलिगेनबर्ग की पहाड़ियों पर साढ़े छह सौ फुट की ऊंचाई पर ये चिंतन पथ समूचे शहर और क़िले का एक भव्य अप्रतिम नज़ारा पेश करता है. एक महा अलौकिक छटा का ये दर्शन हाइडेलबर्ग आने वालों के लिए किसी नेमत से कम नहीं. मौसम साफ रहे तो दूर स्थित ब्लैक फॉरेस्ट के किनारे की एक झलक भी दिख जाती है.
पढ़ाई की बस्ती
हाईडेलबर्ग के स्वप्निल नज़ारों ने सैलानियों को ही अपनी तरफ़ नहीं खींचा. हाईडेलबर्ग यूनिवर्सिटी के लिए देश दुनिया से छात्र और शोधार्थी आते हैं. एक लाख चालीस हज़ार की आबादी वाले इस शहर में हर पांचवां शख़्स छात्र है.
शिव प्रसाद जोशी