हाथी की त्वचा पर झुर्रियों का क्या फायदा
३ अक्टूबर २०१८![Global Ideas küssende Tiere Elefanten](https://static.dw.com/image/42582737_800.webp)
स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों ने काफी रिसर्च करने के बाद वैज्ञानिकों ने बताया है कि हाथियों की त्वचा पर करोड़ों बारीक रेखाओं का जाल होता है. इनकी मदद से हाथियों की त्वचा सामान्य चिकनी त्वचा के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा पानी ग्रहण कर सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा और स्विस इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइनफॉर्मेटिक्स के वैज्ञानिकों की इस रिसर्च की रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में छपी है.
रिपोर्ट में रिसर्चरों ने लिखा है, "विशाल शरीर के आकार और गर्म वातावरण में आवास होने के कारण अफ्रीकी हाथियों के पास जरूरत से ज्यादा गर्मी से बचने का एक ही तरीका है कि वो अपनी त्वचा पर जमा हुए पानी के वाष्पीकरण के जरिए कैलोरी खर्च करें."
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हाथियों की त्वचा पर बनी रेखाएं महज झुर्रियां नहीं हैं बल्कि उनके त्वचा के नाजुक बाहरी हिस्से का अंग हैं. त्वचा किसी महीने जाली के फ्रेम की तरह विकसित होती है और जब यह जीव हरकत करता है तो इन अंगों में तनाव आता है.
अफ्रीकी हाथी पानी में जम कर नहाते, सूंड से फव्वारे छोड़ते और कीचड़ में लोटपोट होते हैं. उनके शरीर में स्वेद ग्रंथियां नहीं होती. यह ग्रंथी पसीना निकालती है. ऐसी स्थिति में त्वचा पर बनी इन आड़ी तिरछी रेखाओं में पानी जमा हो जाता है और गर्मी से लड़ने में हाथियों की मदद करता है. इसके जरिए हाथी अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं. इसके अलावा यही झुर्रियां कीड़ों और सूर्य के विकिरण से भी लड़ने में मदद करती हैं.
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)