दो देशों के नेता जब एक दूसरे से मिलते हैं तो काफी देर तक हाथ मिलाते हैं. पत्रकार ठीक से तस्वीर ले सकें इसलिए उन्हें ऐसा करना पड़ता है. लेकिन जितनी ज्यादा देर हाथ मिलाएंगे, उतना ही ज्यादा बीमारी का खतरा भी होता है.
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हाथ मिलाना अभिवादन का विख्यात तरीका है, लेकिन एक कला भी है. यदि महिला और पुरुष को एक दूसरे से हाथ मिलाना है, तो पहले पुरुष को हाथ बढ़ाना चाहिए. हाथ जितना कस कर मिलाएं, उतनी ही गर्मजोशी दिखती है. ठीक तरह से हाथ कैसे मिलाएं, इसके लिए खास ट्रेनिंग भी दी जाती है. लेकिन तेजी से फैलते वायरसों के युग में वैज्ञानिकों की मानें तो इस चलन को बदलने की जरूरत है. ब्रिटेन में हुए एक शोध में पाया गया है कि अगर हाथ मिलाने की जगह, एक दूसरे से मुट्ठी टकरा लें, तो बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण को दस गुना कम किया जा सकता है.
संक्रमण पर अहम शोध
'फिस्ट बंप' यानि मुट्ठी मिलाने का चलन केवल युवा लोगों में देखा जाता है, जो इसे काफी 'कूल' मानते हैं. ऐसा ही एक चलन 'हाई फाइव' का है जिसमें हाथ उठा कर एक दूसरे को ताली दी जाती है. इससे भी बीमारियों के फैलने का खतरा आधा हो जाता है.
रिसर्च करने वाले ब्रिटेन के डॉक्टर डेव विथवर्थ का कहना है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से एक अहम शोध साबित होगा, "लोग हाथ मिलाने के सेहत पर होने वाले नतीजों के बारे में सोचते ही नहीं हैं. लेकिन अगर लोगों को हाथ की जगह मुट्ठी मिलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए तो इससे बीमारियों को रोकने में बड़ी मदद मिल सकती है."
रिसर्च के लिए लोगों को ऐसे दस्ताने पहनाए गए जिन पर ई कोलाई बैक्टीरिया लगा था. हाथ मिलाने, मुट्ठी टकराने और हाई फाइव के बाद नतीजों की तुलना की गयी. हाथ मिलाने को सबसे खतरनाक पाया गया. मुट्ठी टकराने वालों में बैक्टीरिया का संक्रमण 90 फीसदी कम हुआ था. साथ ही यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने कस कर और काफी देर तक हाथ मिलाया उनमें संक्रमण औरों की तुलना में सबसे ज्यादा रहा.
ओबामा की पसंद फिस्ट बंप
डॉक्टर जानते हैं कि हाथ मिलाना खतरनाक साबित हो सकता है. यही वजह है कि पश्चिमी देशों में अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों से हाथ नहीं मिलाते. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा को भी कई बार लोगों के साथ फिस्ट बंप करते देखा गया है.
शायद सबसे अच्छा विकल्प भारतीयों या जापानियों का है. हाथ जोड़ कर नमस्ते करने या झुक कर अभिवादन करने से शरीर के कीटाणु दूसरे तक पहुंचेंगे ही नहीं. हो सकता है कि आने वाले समय में बड़े अंतरराष्ट्रीय समारोहों में राष्ट्राध्यक्षों को भी हाथ मिलाने की जगह नमस्ते करते हुए देखा जाए.
रिपोर्ट: ईशा भाटिया (एएफपी)
संपादन: महेश झा
कैसे बचें वायरस के खतरा से?
कभी स्वाइन फ्लू, कभी बर्ड फ्लू तो कभी मर्स वायरस लोगों की जान का दुश्मन बन जाता है. जानिए कि खुद को एच7एन9, एच10एन8 और एच1एन5 जैसे वायरस से कैसे बचाया जा सकता है.
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खूबसूरती पर मत जाना
ये देखने में जितने खूबसूरत हैं, उतने ही खतरनाक भी. नंगी आंखों से आप इन्हें नहीं देख सकते, लेकिन जब ये वायरस आपके शरीर पर हमला बोलते हैं तो खांसी, जुकाम, सर दर्द, बदन दर्द और बुखार इनके होने का पूरा एहसास करा देते हैं.
तस्वीर: Novartis Vaccines
बस जुकाम या फ्लू?
अधिकतर लोग फ्लू को नजला या जुकाम समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं. हालांकि दोनों वायरस के ही कारण होते हैं, लेकिन फ्लू का वायरस कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
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हर साल कुछ नया
फ्लू का खतरा सर्दी में बढ़ जाता है. जनवरी में न्यूयॉर्क में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को फ्लू हुआ. माना जा रहा है कि इस साल जर्मनी में फ्लू का खतरा पिछले साल से अधिक है.
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कोई छोटी बात नहीं
1918 से 1920 के बीच स्पेन में फ्लू के कारण ढाई करोड़ लोगों की जान गयी. इनमें 20 से 40 साल के लोगों की काफी संख्या थी. यानि फ्लू को संजीदगी से लेना जरूरी है.
तस्वीर: National Museum of Health and Medicine, Armed Forces Institute of Pathology/Washington D.C./United States
क्या करें?
फ्लू हो जाने के बाद अधिकतर डॉक्टर केवल बीमारी के लक्षणों से लड़ने की कोशिश करते हैं. वे खांसी, जुकाम या बुखार के खिलाफ दवा दे देते हैं. कोशिश यह होती है कि मरीज ज्यादा से ज्यादा आराम ले सके.
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बर्ड फ्लू का कहर
बर्ड फ्लू तब होता है जब इन्फ्लुएंजा का वायरस एच5एन1 पक्षियों को बीमार कर दे. वैसे तो यह वायरस एक पक्षी से दूसरे में ही फैलता है, लेकिन कई मामलों में बर्ड फ्लू का असर इंसानों पर भी देखा गया है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
चीन में बर्ड फ्लू
चीन में एक महीने में ही बर्ड फ्लू के सौ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. हॉन्ग कॉन्ग में एहतियातन बीस हजार मुर्गों को मार दिया गया है.
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स्वाइन फ्लू की मार
इसी तरह से एच1एन1 वायरस के कारण स्वाइन फ्लू होता है. यह वायरस इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है जितना कि जानवरों के लिए.
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वायरस के खिलाफ
यदि वायरस बहुत ज्यादा फैल गया है तब ही डॉक्टर एंटी वायरल दवा देते हैं. हालंकि फ्लू के लिए बनी दवा टैमीफ्लू पर काफी विवाद हुआ है. कई शोध बताते हैं कि यह दवा उतनी असरदार नहीं है जितना इसे समझा जाता है.
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टीके भी बेअसर
आप खुद को फ्लू से बचाने के लिए टीका भी लगवा सकते हैं. लेकिन हर साल वायरस की नई प्रजातियां सक्रिय होती हैं, इसलिए इनसे बचने के लिए हर साल एक नए तरह का टीका लगवाना होगा.
तस्वीर: Novartis Vaccines
अपना ख्याल रखिए
फ्लू से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका है साफ सफाई रखना. खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना कभी ना भूलें.