पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार "द नेशन" ने अपने संपादकीय में सेना और सरकार से बड़ा सवाल पूछा है. यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि इस अखबार को सेना और सरकार का करीबी माना जाता है. कुछ दिन पहले ही डॉन अखबार ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसके मुताबिक सरकार ने दोटूक अंदाज में सेना से इन चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. हालांकि सरकार ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया है. खबर लिखने वाले पत्रकार सिरील अलमेइदा का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाले जाने की वजह इसी खबर को माना जा रहा है.
आतंकवाद दुनिया भर में हजारों जानें ले रहा है. आतंकी संगठनों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है. एक नजर सबसे खूनी आतंकवादी संगठनों पर.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Liemanजी हां, इस्लामिक स्टेन नहीं, बोको हराम. यह दुनिया का सबसे घातक आतंकी संगठन है. अबु बकर शेकाऊ के इस संगठन ने अकेले 2014 में ही 6,644 लोगों की जान ली. 1,742 लोग घायल हुए. सैकड़ों लड़कियों को अगवा किया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S.Alambaइस्लामिक स्टेट द्वारा मारे गए लोगों की संख्या भले ही बोको हराम से कम हो, लेकिन इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है. 2015 में इस्लामिक स्टेट ने 6,073 लोगों को मारा. कुल 5,799 आतंकी हमले किये. अबु बकर बगदादी का यह संगठन यूरोप, सीरिया, इराक, तुर्की और बांग्लादेश में सक्रिय है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaअफगानिस्तान के गृह युद्ध के दौरान 1994 में तालिबान बना. इसे दुनिया का सबसे अनुभवी आतंकी संगठन कहा जाता है. 2015 में तालिबान ने 891 हमले किये, जिनमें 3,477 लोगों की जान गई. हिबातुल्लाह अखुंदजादा की अगुवाई वाला तालिबान अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा करना चाहता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Noorullah Shirzadaइस संगठन के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी अभी भी नहीं है. खानाबदोश की तरह जगह बदलता यह संगठन नाइजीरिया में सक्रिय है. यह फुला कबीले का हथियारबंद संगठन है. ये फुलानी लोगों के जमींदारों को निशाना बनाता है. 2015 में इस उग्रवादी संगठन ने 150 से ज्यादा हमले किये और 1,129 लोगों की जान ली.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Liemanबोको हराम का संबंध जहां इस्लामिक स्टेट से है, वहीं अल शबाब के तार अल कायदा से जुड़े हैं. पूर्वी अफ्रीका में सक्रिय यह आतंकी संगठन सोमालिया को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहता है. बीते साल अल शबाब ने 496 आतंकी हमले किये और 1,021 लोगों की जान ली.
तस्वीर: A. Ohanesian लेकिन "द नेशन" ने अपने संपादकीय में लिखा है कि सरकार और सेना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय प्रेस को भाषण दे रही हैं कि उसे कैसे काम करना चाहिए. मसूद अजहर जैश ए मोहम्मद का नेता है और भारत उसे पठानकोट हमले का मास्टमाइंड मानता है जबकि हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार मास्टरमाइंड बताया जाता है. ये दोनों ही पाकिस्तान में अपनी मर्जी से कहीं भी आ-जा सकते हैं, रैलियां कर सकते हैं और बताया जाता है कि उन्हें सुरक्षा भी प्राप्त है. लेकिन पिछले दिनों कई सांसदों ने इनकी तरफ इशारा करते हुए कहा कि नॉन स्टेट एक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए वरना पाकिस्तान दुनिया में अलग थलग पड़ जाएगा.
अखबार लिखता है कि "अलमेइदा की रिपोर्ट को झूठी या सिर्फ अटकलबाजी पर आधारित रिपोर्ट कहा गया. लेकिन कल सेना और सरकार के उच्च पदाधिकारियों की बैठक में ये किसी ने नहीं बताया कि सरकार के सांसद क्यों पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की स्पष्ट मौजूदगी का क्यों विरोध कर रहे हैं? या फिर मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ संभावित कार्रवाई से पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा को क्यों खतरा है? या फिर पाकिस्तान क्यों अलग थलग पड़ता जा रहा है? हम सबके कान हैं."
2016 आतंकवाद का साल साबित हुआ है. सात महीनों में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. इस साल अब तक के सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले हुए हैं.
तस्वीर: Imago/Science Photo Libraryएक के बाद एक तीन आतंकवादी हमले हुए. सऊदी अरब के जेद्दा, मदीना और कतीफ में तीन खुदकुश हमले.
तस्वीर: Reutersबगदाद में इराक का सबसे भयानक आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 215 जानें गईं और 2002 लोग घायल हो गए.
तस्वीर: Reuters/Khalid al Mousilyढाका में बांग्लादेश का अब तक का सबसे घातक आतंकवादी हमला जिसमें 7 आतंकवादियों ने 20 मासूम जानें ले लीं.
तस्वीर: Getty Images/AFPतुर्की के इस्तांबुल में अतातुर्क एयरपोर्ट पर तीन आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया. 45 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/O. Koseपाकिस्तान के लाहौर में बच्चों के खेल के मैदान के पास बम धमाका हुआ. 72 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर बच्चे थे.
तस्वीर: picture alliance/dpa/R. Darबेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में एयरपोर्ट पर आत्मघाती बम हमला हुआ. 34 जानें गईं और 300 लोग घायल हुए.
तस्वीर: Reuters/F. Lenoirतुर्की की राजधानी अंकारा में मुख्य चौराहे पर एक कार बम से धमाका किया गया. 37 जानें चली गईं.
तस्वीर: Reuters/U. Bektasआइवरी कोस्ट में कुछ अल कायदा आतंकवादी एक होटल में घुसे और गोलियां बरसाईं. 18 लोग मारे गए.
तस्वीर: Reuters/L. Gnagoसोमालिया की राजधानी मोगादिशू में एक होटल में अल शबाब ने कार बम से धमाका किया. 15 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: Reuters/F. Omarतुर्की की राजधानी अंकारा में कई बम धमाके हुए. कुर्दिस्तान फ्रीडम फाल्कन्स के इस हमले में 29 जानें गईं.
तस्वीर: Reuters/Ihlas News Agencyबुरकीना फासो के एक होटल में हुए आतंकवादी हमले में 18 देशों के 23 लोगों की जानें गईं. अल कायदा का काम था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Elsenइंडोनेशिया के जकार्ता में बम धमाके और उसके बाद गोलियां बरसा कर आईएस ने 8 लोगों को मार डाला.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Ismoyoसाल की शुरुआत में ही तुर्की के इस्तांबुल में धमाके सुनाई दिए. 13 लोगों की जानें गईं. दर्जनों घायल हुए.
तस्वीर: Reuters/O. Orsal उधर "डॉन" अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि वह अलमेइदा और उनकी रिपोर्ट के साथ मजबूती से खड़ा है और उसने इन आरोपों का खारिज किया है कि ये रिपोर्ट किसी स्वार्थ से या फिर झूठ से प्रेरित है. दूसरी तरफ कराची प्रेस क्लब ने मांग की है कि सिरील अलमेइदा के देश से बाहर जाने पर लगी पाबंदी को हटाया जाए. वैसे सिरील अपने एक ट्वीट में कह चुके हैं कि उन्हें कहीं नहीं जाना और पाकिस्तान उनका घर है.
एके/वीके (पीटीआई)