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हामबुर्गर एसवीः हमने ठानी और है

२२ जनवरी २००९

हैम्बर्ग के इस क्लब ने खिलाड़ियों पर कम, कोचिंग के लिए ज़्यादा धन खर्च किया है. 18 पेशेवर खिलाड़ियों के लिए प्रसिद्ध कोच मार्टिन योल के मातहत सात ट्रेनर काम कर रहे हैं. क्या यह नुस्खा काम आएगा ?

हैम्बुर्ग के एलेक्स सिल्वातस्वीर: AP

पिछले कोच हूब स्टीवेंस की तरह मार्टिन योल भी हालैंड के हैं. स्टीवेंस के विपरीत उनका विश्वास आक्रामक खेल में है. वे चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी गोल दागें. वे ध्यान दिलाते हैं कि पिछले साल उनकी टीम ने 47 गोल किए थे. आम तौर पर उन्हें पहली पांच टीमों में जगह मिलनी चाहिए थी.

टीम में उत्साहतस्वीर: AP

लेकिन फ़र्क तो पड़ता ही है, जब राफ़ाएल फ़ान डेर फ़ार्ट जैसे स्टार खिलाड़ी टीम छोड़कर रियाल मैड्रिड चले जाते हैं. हैम्बर्ग की टीम में नए स्टार खिलाडी आए भी नहीं हैं. लेकिन क्लब को अपने प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों पर भरोसा है. मिसाल के तौर पर माक्सिम चोउपो मोटिंग या सिडनी सैम. इसके अलावा फ़्राइबुर्ग से योनाथान पित्रोइपा और डेनिस आओगो को लाया गया है. लगता है कि प्रतिद्वंद्वी टीमों को इनकी परवाह नहीं है, लेकिन कोच योल बेहद ख़ुश हैं. ख़ासकर पित्रोइपा की तो वे बेहद तारीफ़ करते हैं. स्पोर्ट डाइरेक्टर बायर्सडोर्फ़र भी कहते हैं कि बुरकिना फ़ासो से आए पित्रोइपा बेहद तेज़ है, बस उसे थोड़ा खुलकर खेलना पड़ेगा.

देखना है कि हैम्बर्ग की यह नई स्ट्रैटेजी काम आती है या नहीं.

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