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हिंदू मंदिर पर भिड़े कंबोडिया और थाईलैंड

५ फ़रवरी २०११

थाइलैंड और कंबोडिया के सैनिकों के बीच सीमा पर नए संघर्ष में अब एक थाई सैनिक की मौत हो गई है. इसके पहले गोलीबारी में दो कंबोडियाई सैनिक मारे गए थे. विवाद सीमा पर स्थित 900 साल पुराने एक हिंदू मंदिर को लेकर है.

तस्वीर: DW / Marion Hütter

थाई सेना के प्रवक्ता कर्नल सुनसर्न काउकुमनर्ड ने शनिवार को कहा, "सुबह हुई 30 मिनट की लड़ाई में एक थाई सैनिक मारा गया और चार घायल हो गए. शुक्रवार को हुई लड़ाई के बाद विवादास्पद प्रिय विहार मंदिर के निकट फिर शनिवार सुबह लड़ाई शुरू हो गई."

तस्वीर: AP

शुक्रवार को फिर से भड़के पुराने विवाद में दो घंटे की लड़ाई में दो कंबोडियाई सैनिक और एक थाई नागरिक मारे गए गए थे. एक साल पहले इस इलाके में हुए विवाद में एक थाई सैनिक के मारे जाने के बाद लोगों के हतातहत होने की यह पहली घटना है और दोनों पड़ोसियों के बीच 11वीं सदी के मंदिर पर फिर से कूटनीतिक विवाद छिड़ सकता है.

कंबोडिया के विदेश मंत्री होर नामहोंग ने थाईलैंड पर अपनी सीमा के अतिक्रमण का आरोप लगाया है और कहा है कि कंबोडिया सुरक्षा परिषद में शिकायत करेगा. जंगल में स्थित 900 साल पुराने मंदिर पर दोनों देश दावा करते हैं और उन्होंने साढ़े चार वर्ग किलोमीटर वाले विवादास्पद क्षेत्र में एक दूसरे पर पहले गोली चलाने का आरोप लगाया है.

थाई सेना के प्रमुख प्रयुथ चान-ओचा ने कहा है कि यह गलतफहमी का परिणाम लगता है. उन्होंने कहा, "लड़ने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ेगी और संबंधों को खराब करेगी, हम ऐसा नहीं चाहते." इसके विपरीत कंबोडिया सरकार ने थाइलैंड पर अपने ग्रामीणों को लक्ष्य बनाने का आरोप लगाया है और कहा है कि लड़ाई तब शुरू हुई जब थाई सैनिक हमारे मना करने के बावजूद हमारी सीमा में घुस आए."

अमेरिकी सरकार ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने और तनाव घटाने और विवाद के और भड़कने को रोकने के आवश्यक कदम उठाने को कहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने कहा कि सीमा पर घट रही घटनाओं पर नजर रखी जा रही है.

900 साल पुराने हिंदू मंदिर को कंबोडिया में प्रिय विहार के नाम से जाना जाता है जबकि थाइलैंड में उसे खाओ फ्रा विहार्न कहते हैं. यह उस जमीन पर स्थित है जो दोनों देशों के बीच प्राकृतिक सीमा है लेकिन सदियों से विवादित है. द हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इसे 1962 में कंबोडिया को सौंप दिया लेकिन फैसले में मंदिर के खंडहर के पास स्थित जंगल का मालिकाना नहीं तय किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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