यूरोपीय संघ के देशों में कंपनियां अपने कर्मचारियों को हिजाब जैसे किसी धर्म, दर्शन या राजनीतिक दल विशेष के प्रतीकों को पहनने से रोक सकेंगी. सर्वोच्च ईयू अदालत के इस फैसले से कई धार्मिक नेता और मानवाधिकार समूह नाराज हैं.
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पूरे यूरोप में एक विवादित मुद्दा बन चुके हिजाब पर ईयू के कोर्ट ऑफ जस्टिस का पहला फैसला आया है. कोर्ट ने बेल्जियम की एक कंपनी के उस नियम के पक्ष में निर्णय दिया, जो ग्राहकों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को हिजाब जैसे किसी भी धार्मिक या राजनीतिक प्रतीक को पहनने से रोकता है. कंपनी ने हिजाब पहनने वाली अपनी एक रिसेप्शनिस्ट को नौकरी से निकाल दिया था, लेकिन इसे वह मुसलमानों के साथ भेदभाव के तौर पर नहीं देखती. इसके साथ ही एक और फ्रेंच मुकदमे का फैसला भी आया है. फ्रांस में भी सरकारी दफ्तरों में हेडस्कार्फ पहनने पर प्रतिबंध है.
लेकिन बेल्जियम की कंपनी में नौकरी से निकाली गयी कर्मचारी का समर्थन कर रहे कुछ समूहों का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले से कई मुसलमान महिलाएं वर्कफोर्स से बाहर हो सकती हैं. इस्लाम के यूरोपीय धार्मिक नेता रब्बाई ने कोर्ट पर पहले से ही समाज में जारी घृणा अपराधों को बल देने का आरोप लगाया है. उनका मानना है कि इससे यह संदेश जाएगा कि अलग अलग "आस्थाएं रखने वाले समुदायों का यहां स्वागत नहीं है."
लक्जमबर्ग में लगी अदालत ने नौकरी से निकाली गयी दो महिलाओं के इस आरोप को खारिज किया है कि उनको निकाले जाने से ईयू के धार्मिक भेदभाव ना करने के कानून का उल्लंघन हुआ है. फ्रेंच इंजीनियर आसमा बगनवी को माइक्रोपोल नाम की सॉप्टवेयर कंपनी ने एक ग्राहक की शिकायत के बाद निकाला था. इसे आसमा धार्मिक भेदभाव से जुड़ा मामला मानती हैं.
हिजाब के खिलाफ #MenInHijab
1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सिर ढकना अनिवार्य हो गया. उन्हें हिजाब पहनना होता है. ईरान के पुरुष ऐसी पाबंदियों के खिलाफ महिलाओं के साथ एक अभियान का हिस्सा बने हैं.
तस्वीर: Twitter/Lola Oltra
ईरान के तमाम पुरुषों ने सोशल मीडिया पर अपनी हिजाब पहने हुए तस्वीरें शेयर की हैं. ये 'माई स्टेलदी फ्रीडम' अभियान का हिस्सा हैं.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
खुद भी हिजाब पहन कर वे देश में लागू महिलाओं के हिजाब पहनने के नियम के प्रति विरोध जता रहा हैं और महिलाओं के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
एक पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने सार्वजनिक जगहों पर हिजाब पहनने के कानून को चुनौती देते हुए यह अभियान छेड़ा.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
अभियान में पुरुषों का आह्वान करते हुए अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में रहने वाली पत्रकार अलीनेजाद ने लिखा कि वे खुद पहनें और "देखें कि ये कैसा लगता है."
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
सिर ढकने के नियम का कड़ाई से पालन करवाया जाता है. खासकर देश की नैतिक पुलिस गश्ते एर्शाद इसका ध्यान रखती है और हिजाब ना पहनने पर किसी महिला को कोड़े या जेल की सजा तक हो सकती है.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
हाल के सालों में ईरानी औरतों ने सोशल मीडिया पर इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई है और इसे रद्द कर अपनी आाजादी वापस पाने की मांग रखी है.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
2014 में ईरानी पत्रकार अलीनेजाद यह फेसबुक पेज बनाया था जिस पर पुरुषों ने #MenInHijab के साथ हिजाब में अपनी तस्वीरें साझा करना शुरू किया.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
पुरुषों के लिए हिजाब पहनने या ना पहनने की कोई सजा नहीं है लेकिन इसे पुरुषसम्मत बर्ताव नहीं माना जाता. इस बात से समाज के कई लोगों को बेज्जती महसूस होती है कि कुछ पुरुष देश के पिछड़े कानूनों का ऐसे मजाक उड़ा रहे हैं.
तस्वीर: facebook/my stealthy freedom
हाल ही में ईरानी सरकार ने इंटरनेट पर "गैर-इस्लामिक" तस्वीरें पोस्ट करने वाली ईरानी मॉडल्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. ये मॉडल्स इंटरनेट पर अपनी ऐसी तस्वीरें पोस्ट कर रही थीं जिनमें सिर ढका हुआ नहीं था.
तस्वीर: Instagram
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वहीं बेल्जियम में जी4एस नाम की कंपनी ने 2006 में रिसेप्शनिस्ट समीरा अक्बिता को निकाला था. कंपनी की नीति है कि ग्राहकों से मुलाकात करने वाले सभी कर्मचारी अपने ड्रेस कोड में धार्मिक और राजनीतिक संदेश देते नहीं दिखने चाहिए. कॉन्फ्रेंस ऑफ यूरोपियन रब्बाईज के अध्यक्ष पिंचास गोल्डश्मिट शिकायत करते हुए कहते हैं, "यह फैसला यूरोप के सभी धार्मिक समूहों के लिए एक संकेत है." यूरोप के कई देशों की राष्ट्रीय अदालतों में ऐसे मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें मसला ईसाई प्रतीक क्रॉस, सिखों की पगड़ी, यहूदी स्कलकैप आदि पहनने की आजादी का है.
तुर्की ने यूरोपीय कोर्ट के फैसले की निंदा करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी भावना बढ़ाने का जिम्मेदार बताया है. तुर्की ने एक महीने पहले ही अपने यहां महिला अधिकारियों के हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया था. तुर्की की सेना को आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष रखने के मकसद से ही अब तक हिजाब मुक्त रखा गया था. लेकिन अब वहां से भी इसे हटा लिया गया है.
आरपी/एके (एएफपी, डीपीए)
पर्दा: फैशन या मजबूरी
घूंघट, बुर्का, नकाब या हिजाब - इनके कई अलग नाम और अंदाज हैं. ऐसे पर्दों से अपने व्यक्तित्व को ढकने को दासता का प्रतीक मानें या केवल एक फैशन एक्सेसरी, यहां देखिए दुनिया भर के चलन.
तस्वीर: Getty Images/C.Alvarez
ईरान में प्रचलित हिजाब
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Mehri
मलेशिया का हिजाब 'टुडोंग'
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इराक में पूरा ढकने वाला पर्दा
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तुर्की में प्रचलित इस्लामी हेडस्कार्फ
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फलस्तीन के सुरक्षा दस्ते में शामिल महिलाएं
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भारतीय महिलाओं का दुपट्टा
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लेबनान की मारोनीट ईसाई महिलाओं का सिर ढकने का अंदाज