कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए एक ऑनलाइन इंडोर कॉन्सर्ट का आयोजन किया गया. इस आयोजन का मकसद भारत में ऐसे लोगों की मदद करना था जो महामारी के कारण बेरोजगार हो गए हैं.
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देश के 70 से अधिक दिग्गज कलाकारों को लोगों ने साथ लाइव परफॉर्म करते हुए देखा. 'आई फॉर इंडिया' नाम के इस कार्यक्रम का प्रसारण रविवार रात फेसबुक पर हुआ और इसमें बॉलीवुड, हॉलीवुड और क्रिकेट जगत के बड़े नाम शामिल हुए. बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख खान और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली भी कार्यक्रम का हिस्सा बने. भारतीय सितारों के साथ अंतरराष्ट्रीय कलाकार जैसे अभिनेता विल स्मिथ और गायक मिक जैगर भी शामिल हुए. करीब 5 घंटे तक चले ऑनलाइन कॉन्सर्ट के जरिए कोरोना वायरस महामारी से पीड़ित लोगों के लिए पैसे इकट्ठा किए गए.
अनुमान के मुताबिक इस ऑनलाइन कंसर्ट के जरिए 3 करोड़ 75 लाख रुपये इकठ्ठा हुए. कंसर्ट के दौरान विल स्मिथ और मिक जैगर ने प्रवासी मजदूरों की परेशानियों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि बिना काम के वे शहरी इलाकों में फंसे हुए हैं. मिक जैगर ने कहा, "वे और उनका परिवार भूखा हो सकता. आपसे जो बन पड़े वह दीजिए."
बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख ने अपने अंदाज में दर्शकों का मनोरंजन किया और एक गाना भी गाया. वहीं प्रियंका चोपड़ा ने अपने फैंस से राहत कोष में दान करने की अपील की.
'आई फॉर इंडिया' के आयोजकों ने इसे भारत में होने वाला सबसे बड़ा होम टू होम कॉन्सर्ट बताया.
भारत में अब तक 42,000 कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और इस महामारी के कारण 1,300 मौतें हो चुकी हैं. देश में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है.
ऐसी दिखेगी लॉकडाउन के बाद की हवाई यात्रा
यह तो तय है कि हवाई जहाज से यात्रा कोरोना संकट के पहले के दिनों से काफी अलग होने और दिखने वाली है. देखिए एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से लेकर सीटों का डिजाइन कैसे बदलने वाला है.
तस्वीर: Aviointeriors
बजट एयरलाइंस
दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा का मौका और सुविधा देने वाली बजट एयरलाइंस खास तौर पर कोरोना महामारी के लॉकडाउन के बाद के हालातों को लेकर चिंता में हैं. ये पूरी तरह भर के चलने वाली एयरलाइंस होतीं थीं जो बमुश्किल कुछ मिनटों के लिए जमीन पर ठहरती थीं और फिर से यात्रियों से भरा विमान लेकर हवा में उड़ जाती थीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/epa/Airbus
जमीन पर ज्यादा वक्त
जब से भी ऐसे कमर्शियल प्लेन उड़ना शुरु करेंगे, उन्हें एक उड़ान से दूसरे के बीच काफी देर तक जमीन पर रहना होगा. उड़ानों के बीच इस लंबे ‘ब्रेक’ के दौरान विमान की अच्छी तरह सफाई और उसे सैनिटाइज करना (जैसे तस्वीर में अस्पताल को किया जा रहा है) अनिवार्य होगा. हालांकि कोविड संकट के दौरान किसी विमान में वायरस संक्रमण होने का कोई मामला सामने नहीं आया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.A.Q. Perez
धीमी बोर्डिंग प्रक्रिया
इसके अलावा एयरपोर्ट पर यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए उन्हें दूर दूर रहना होगा और बोर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीरे धीरे पूरी हो पाएगी. इस कारण भी विमानों को दूसरी उड़ान भरने के लिए तैयार होने में ज्यादा वक्त लगेगा.
तस्वीर: imago images/F. Sorge
विमान की हवा गंदी?
एविएशन इंडस्ट्री के अनुसार, केबिन की हवा उतनी ही साफ होती है जितनी किसी ऑपरेशन थिएटर की. वहां हाई परफॉर्मेंस फिल्टर लगे होते हैं जो हवा के कणों को साफ करते रहते हैं. इसके अलावा केबिन की हवा का प्रवाह नीचे की ओर होने से भी सफाई में मदद मिलती है.
यह साबित नहीं हुआ है कि बीच वाली कतार की सीटें खाली छोड़ने से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा. फिर भी यूरोविंग्स चलाने वाला लुफ्थांजा समूह फिलहाल इन्हें बुक करने का विकल्प नहीं दे रहा. एक और बजट एयरलाइन ‘इजीजेट’ भी शुरु में यात्रियों से उनके बगल वाली सीट खाली रखने का वादा कर रही है.
तस्वीर: Aviointeriors
इम्युनिटी पासपोर्ट की जरूरत
एविएशन कंसलटेंसी ‘सिंप्लिफाइंग’ का मानना है कि सुरक्षा जांच के अलावा भविष्य में यात्रियों को सैनिटाइज करने का एक चरण भी जोड़ा जा सकता है. अपनी हाल की रिपोर्ट में कंपनी ने बताया कि चेक-इन से पहले यात्रियों से उनका इम्युनिटी पासपोर्ट अपलोड करने के लिए कहा जा सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Soeder
एयरपोर्ट पर लंबा समय
यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान से कम से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना पड़ सकता है. चेक इन एरिया में पहुंचने से पहले भी लोगों को एक डिसइंफेक्टेंट टनेल और थर्मल स्कैनर से गुजरना पड़ सकता है. इस बारे में एक नवगठित ट्रांसपोर्ट हेल्थ एथॉरिटी विश्व भर के एयरपोर्टों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर नए मानक तय करने में लगी है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Marks
बैगेज की भी चिंता
ऐसा मुमकिन है कि यात्रियों के अलावा उनके चेक-इन और केबिन वाले बैग को भी अल्ट्रावायलेट किरणों से डिसइंफेक्ट किया जाएगा. लैंड करने के बाद एक बार फिर यात्रियों को थर्मल स्कैनर से गुजरना होगा, इम्युनिटी पासपोर्ट फिर से वैरिफाई होगा और बैग्स को कन्वेयर बेल्ट पर रखने से पहले एक बार फिर से सैनिटाइज किया जाएगा.
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विमान में भी मास्क
जर्मन एयरलाइन लॉबी बीडीएल ने अपने कॉन्सेप्ट पेपर में सलाह दी है कि विमान में सभी के लिए नाक और मुंह को ढकने वाला मास्क पहनना अनिवार्य किया जा सकता है. लुफ्थांजा ने भी इसे जरूरी कर दिया है. कनाडा और अमेरिका की जेटब्लू जैसी एयरलाइन ने इसे अनिवार्य कर भी दिया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Stolyarova
नई तरह की सीटें
विमान की सीटें बनाने वाले नए नए विकल्प पेश कर रहे हैं. इटली की ‘एविओइंटीरियर्स’ का “ग्लाससेफ" डिजायन ऐसा होगा जिसमें कंधों से लेकर सिर के हिस्से में प्लेक्सिग्लास हुड बने हों. इससे आसपास बैठे लोगों को एक दूसरे से उड़ान के दौरान भी अलग रखा जा सकेगा.
तस्वीर: Aviointeriors
कार्गो वाले केबिन का डिजायन
एशियाई कंपनी हायको का प्रस्ताव है कि केबिन में ही सीटों की एक कतार की जगह कार्गो का बक्सा लगाया जाए. अब तक किसी एयरलाइन ने ऐसी केबिन वाली सीटें ऑर्डर नहीं की हैं. इस समय यात्री सीटों से अधिक कार्गो की मांग देखने को मिल रही है.
तस्वीर: Haeco
केबिन क्रू के साथ अलग अनुभव
क्रू प्रोटेक्टिव कपड़ों में होंगे, यात्री भी दस्ताने और मास्क पहनेंगे और क्रू हर आधे घंटे पर हैंड सैनिटाइजर बांटेगा. बिजनेस और फर्स्ट क्लास में पैकेज्ड और सील खाने के पैकेट मिलेंगे. फ्लाइट के दौरान भी स्टाफ टॉयलेट की सफाई का ख्याल रखेगा. कुल मिला कर हवाई यात्रा का अनुभव काफी बदलने वाला है. (रिपोर्ट: आंद्रेयास श्पेथ/आरपी)