कंप्यूटर गेम्स से होने वाली कमाई फिल्मों की कमाई को पछाड़ चुकी है. अब कई खेलों की कीमत बड़े हॉलीवुड प्रोडक्शन के बराबर की होती है.
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वॉचडॉग्स नाम के कंप्यूटर गेम की कीमत पांच करोड़ यूरो है. फ्रांसीसी कंपनी ऊबीसॉफ्ट ने इसे बनाया है, जो यूरोप की सबसे बड़ी खेल निर्माता कंपनी है. इसके रिलीज होने से पहले ही इसे कंप्यूटर गेम्स की दुनिया में मील का पत्थर बताया जा रहा था और साल का सबसे अहम नया गेम भी. स्टार वॉर्स का द ओल्ड रिपब्लिक कंप्यूटर गेम तीसरा सबसे महंगा गेम है. इसकी कीमत पंद्रह करोड़ यूरो है. जीटीए फाइव नाम के कंप्यूटर गेम के उत्पादन और मार्केटिंग में बीस करो़ड़ यूरो लगे. गेम रिलीज होने के कुछ समय बाद स्कॉटिश गेम डेवलपर कंपनी की सारी लागत निकल गई.
इतने महंगे क्यों
कंप्यूटर गेम बनाने की कीमत अक्सर हजारों डॉलर होती है और इसका एक बहुत बड़ा कारण है. गेम डिजाइन प्रोफेसर लिंडा ब्राइटलाउख कहती हैं, "कंप्यूटर गेम बनाना फिल्म सेट जैसा नहीं है कि कुछ हफ्ते पहले आप कैमरा ले कर घूम लें. बल्कि वह सब जो आप गेम के दौरान स्क्रीन पर देखते हैं, वह कंप्यूटर पर बनाया जाता है. इसके कारण काम करने वाले लोगों की लागत काफी होती है और यही सबसे बड़ा खर्चा होता है."
प्रोग्रामर ट्रेनिंग के लिए जर्मन शहर ट्रियर में एक मशहूर संस्थान है. यहां कई नई तरह की गेम जॉयस्टिक विकसित की जा रही हैं. ये ब्रांच लगातार बढ़ रही है. गेम्स से होने वाली कमाई ने फिल्म बाजार को भी पछाड़ दिया है. कंप्यूटर गेम्स की छवि भी बदल गई है. जर्मनी में हर दूसरा व्यक्ति गेम खेलता है और पुराने गेम्स तो सांस्कृतिक धरोहर बन गए हैं.
फिल्मस्टार से टीवी स्टार तक
गेम डिजाइन करने वालों को आजकल नई नई ट्रिक्स ईजाद करनी पड़ती हैं ताकि खेल में दिखाई देने वाली हलचल एकदम असली दिखाई दे. इसके लिए अधिकतर निर्माता महंगी मोशन कैप्चर टेकनीक का इस्तेमाल करते हैं. व्यावसायिक स्टूडियो में मशहूर अभिनेताओं को सेंसरवाले ड्रेस पहनाए जाते हैं और उन्हें अनगिनत कैमरा के आगे एक्शन के लिए कहा जाता है.
ऐसे बदली वीडियो गेम की दुनिया
सुपर मारियो से ले कर ऐंग्री बर्ड्स तक.. वीडियो गेम की दुनिया सालों से हमारा मन बहलाती आई है. जानिए कौन से गेम कब रहे चर्चित..
तस्वीर: AP
महिला एक्शन हीरो
हॉट पैन्ट्स, रकसैक और 9एमएम वाली दो पिस्तौलों के साथ लारा क्रॉफ्ट टूम्ब रेडर में काफी मशहूर हुईं. 1994 में टोबी गैर्ट ने आर्कियोलॉजिस्ट का कैरेक्टर बनाया. यह दुनिया घूमने की दीवानी थी. 2001 और 2003 में लारा क्रॉफ्ट की भूमिका एजेंलीना जोली ने एक फिल्म में निभाई.
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हिंसक हुआ गेम
1993 में डूम के साथ कंप्यूटर गेम की दुनिया में क्रांति आ गई. 3डी ग्राफिक और डॉल्बी साउंड के साथ यह खेल सच्चे दिखने लगे. मंगल पर एलियनों और राक्षसों के खिलाफ किशोर रात रात भर अंधेरे कमरों में लड़ते रहे.
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मेडल ऑफ ऑनर
नए कंप्यूटर गेम तेजी से कलात्मक दिखने लगे. किरदार सच्चाई के नजदीक आ गए. बारीक बातों का ध्यान रखा जाने लगा. मेडल ऑफ ऑनरः वॉर फाइटर के इस खेल में सैनिक के चेहरे पर जंग का असर साफ दिखता है. भले ही यह खेल भयानक हो लेकिन ग्राफिक की बारीकी शानदार है.
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स्क्रीन पर मैच
सुपर स्टार मेसी लगातार आगे बढ़ रहे हैं. फीफा के गेम्स के ताजे संस्करण का एक सीन. इसमें अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी कंप्यूटर स्क्रीन पर उतर आए. हर खिलाड़ी के खेलने के तरीके को कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में ढाल दिया गया. खेल सजीव हो उठे.
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कार रेसिंग
1994 से अब तक नीड फॉर स्पीड सीरीज में कई खिलाड़ी 300 अरब मील से भी ज्यादा कार दौड़ा चुके हैं. रोमांचक रेस ट्रैक, ट्यूनिंग के ऑप्शन. कुल मिला कर रोमांच और मजा. नए संस्करण मोस्ट वॉन्टेड में कोई नियम नहीं है. यहां सब एक दूसरे से भिड़ते हुए दौड़ते हैं और पुलिस उनका पीछा करती है.
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टोनी हॉक उर्फ बर्डमैन
स्केटबोर्ड पर घूमने वाला टोनी हॉक मशहूर गेम रहा. 1998 में एक्टिविजन कंपनी ने इस गेम को डिजाइन किया. आज इसके करीब 18 संस्करण हैं. मोटर हेड, पापा रोश, रेज अगेन्स्ट द मशीन इनमें से कुछ हैं. लेकिन इस से पहले की दुनिया काफी अलग थी.
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स्पाइरो एंड स्पार्क्स
अगली पीढ़ी का जंप एंड रन गेम है स्पाइरो. बेहतर तकनीक के साथ बेहतर ग्राफिक्स आए और बैकग्राउंड और आवाज भी बदली. 1988 में पहली बार सोनी प्लेस्टेशन का एडिशन आया. एक छोटे से ड्रैगन को अपने साथी की रक्षा करनी है और मुश्किलों के बीच ड्रैगन के अंडे जमा करने हैं.
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पैक मैन
1980 में एक बहुत ही क्लासिक गेम आया. काले स्क्रीन पर पैक मैन को छोटे छोटे गोले पकड़ने होते हैं. ये बिंदु हर दिशा से पैक मैन की ओर आते हैं. हर लेवल पर गेम की गति बढ़ती जाती है. कई बार एक्स्ट्रा प्वाइंट मिलते हैं. 2009 में सबसे तेज खिलाड़ी ने 255 लेवल तीन घंटे, 41 मिनट और 22 सेकंड में पार कर लिए.
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बीती बात
1972 में अटारी कंपनी ने पॉन्ग नाम का गेम शुरू किया. वैसे तो तब तक और भी वीडियो गेम बाजार में थे लेकिन पॉन्ग मशहूर हुआ. यह थोड़ा बहुत टेबल टेनिस जैसा है. आज भी इसे खेला जाता है हालांकि अब यह स्मार्टफोन के एप में शामिल हो गया है.
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मशहूर मारियो
मारियो फ्रेंड्स में सुपर मारियो को उसका असली काम दिया गया, प्लम्बर का. उसका भाई लुइगी के साथ वह जमीन के नीचे के पाइप्स में छिपे दुष्ट कछुओं, घिनौने झींगों से बचता है. इस गेम ने भारत में भी खूब धूम मचाई.
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बचपन की यादें
मारियो नाम का यह कंप्यूटर गेम बच्चों में बेहद लोकप्रिय रहा. 1980 और 1990 के दशक में कोई भी बच्चा इस किरदार को देखते ही चहक जाता था. जापान की कंपनी निनटेंडो का बनाया यह गेम इतना लोकप्रिय हुआ कि बाद में इसके कई और वर्जन भी आए.
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एक गेम जिसने इस तकनीक का शानदार इस्तेमाल किया, वह है बियॉन्ड टू सोल्स. इसके लिए हॉलीवुड अभिनेता एलेन पेज और विलेम डाफो को पैरिस की एक कंपनी ने खास तौर पर बुलाया गया था. इस खेल में गेम और फिल्म के बीच का अंतर खत्म हो गया है.
अभी नहीं कहा जा सकता कि एक स्टार का वीडियो गेम में अवतार लोगों को पसंद आएगा या नहीं. लेकिन फिल्म के सेट में एक्टिंग करना गेम की काल्पनिक दुनिया में एक्टिंग करने से काफी अलग है.
इंटेलिजेंट एंटरटेनमेंट
स्वीडन के गेम पेपर्स प्लीज गेम में खिलाड़ी सीमा में तैनात सैनिक की भूमिका निभाते हैं और तय करते हैं कि क्या विदेशी सीमा पार कर सकते हैं या नहीं. पुराने जमाने के ग्राफिक के बावजूद इस गेम को पसंद किया जा रहा है. ऊबीसॉफ्ट कंपनी के जर्मनी में निदेशक बेनेडिक्ट शूलर कहते हैं, "सिर्फ ज्यादा धन निवेश करने का ही मुद्दा नहीं है, या फिर बड़े होने, रियल दिखने या बढ़िया साउंड इफेक्ट का भी मुद्दा नहीं. बल्कि मामला है इंटेलिजेंट एंटरटेनमेंट का और संदेह की स्थिति में यह एक कंप्यूटर गेम भी कर सकता है."
वॉचडॉग्स इस वक्त एक ऐसा गेम है जो कंप्यूटर गेम की तकनीकी संभावनाओं का अधिकतम इस्तेमाल करता है. हजारों यूरो की लागत वाला यह खेल फिल्म की तरह लगता है. कोई आश्चर्य नहीं कि खेल पर फिल्म बनना पहले ही तय हो गया हो.