एक नये अध्ययन के मुताबिक, 24 फीसदी युवा संगीत को असुरक्षित स्तर पर सुनते हैं. इस वजह से पूरी दुनिया में एक अरब लोगों को सुनने में समस्याएं आ रही हैं. आप अपनी सुनने की क्षमता को कैसे बचा कर रख सकते हैं?
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पिछले सप्ताह प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, एक चौथाई युवा संगीत को इतने अत्यधिक उच्च स्तर पर सुनते हैं कि उनके बहरे हो जाने का खतरा है. साउथ कैरोलाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टोरल फेलो लॉरेन डिलार्ड ने डीडब्ल्यू को बताया, "हमारा अध्ययन दिखाता है कि युवाओं में सुनने की असुरक्षित आदतें आम हैं. इसकी वजह सेएक अरब युवाओं पर स्थायी बहरेपन का खतरा भी मंडराने लगा है."
उन्होंने कहा, "शोर आधारित बहरापन अपरिवर्तनीय है और बहरेपन पर काबू पाने के लिए हमें रणनीतियां लागू करने की जरूरत है."
एक अरब युवा खतरे में
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित स्टडी एक सिस्टेमेटिक रिव्यू यानी पद्धतिबद्ध पुनरीक्षण और मेटा विश्लेषण था. लेखकों ने 19-34 की उम्र वाले 19 हजार से ज्यादा लोगों में शोर-शराबे के बीच रहने और ऊंची आवाज में संगीत सुनने से होने वाले बदलावों पर जुड़े 33 अध्ययनों का आकलन किया.
डिलार्ड ने बताया, "हम आवाज की ऊंचाई और शोर-शराबे की अवधि के आधार पर असुरक्षित श्रवण को परिभाषित करते हैं. हेडफोन या एयरपॉड से जुड़ी कोई डिवाइस जो सुरक्षित श्रवण की अनुमत सीमाओं को लांघती है वो लोगों को खतरे में डाल सकती है."
संगीत जो बहरा बना दे
क्या आप 40 साल की उम्र में बहरे होना चाहते हैं? अगर नहीं, तो हर वक्त हेडफोन लगाकर संगीत सुनने से तौबा कर लें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Jensen
बहरेपन की ओर
दुनिया भर के कई देशों में टिनेटस के मरीजों को संख्या लगातार बढ़ रही हैं. आम तौर पर बुढ़ापे में सामने आने वाली यह बीमारी अब किशोरों में भी नजर आने लगी है.
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क्या है टिनेटस
यह कान और श्रवण क्षमता से जुड़ी बीमारी है. बिना किसी बाहरी आवाज के भी टिनेटस के रोगियों को कान में हमेशा सीटी जैसी या फिर हिस्स.. की आवाज सुनाई पड़ती है.
तस्वीर: Stavros Petropoulos
किशोरों को टिनेटस
साओ पाउलो मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों के मुताबिक हेडफोन पर तेज आवाज में संगीत सुनने से कान पर बुरा असर पड़ता है. कान की नाजुक कॉकलियर कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं.
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कॉकलियर कोशिशकाएं
ये कोशिकाएं ध्वनि में मौजूद अगल अलग आवृत्ति के कंपनों को दर्ज करती है. लेकिन आवाज बहुत तेज हो और देर तक रहे तो ध्वनि कंपन इन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है.
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बहरेपन का खतरा
कभी कभार तेज आवाज सुनने से होने वाला नुकसान कान झेल लेता है. लेकिन हेडफोन पर हर वक्त तेज संगीत सुनने से कॉकलियर कोशिकाएं हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. पहले टिनेटस होगा और फिर पूरी तरह बहरापन.
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विशेषज्ञों की चेतावनी
साओ पाउलो मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर टानिट गांज सांचेज के मुताबिक अगर किशोरावस्था से लेकर 20-25 साल की उम्र तक खूब तेज संगीत सुना जाए तो स्थायी बहरेपन के खतरे से सामना हो सकता है.
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दुनिया भर की समस्या
हर वक्त कान में हेडफोन या ईयरफोन लगाए रखने वाले किशोर तकरीबन हर देश में मिल जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक आम तौर पर कान में समस्या नहीं होती है, लेकिन टिनेटस हो गया तो समझिये कि आपकी दुनिया ध्वनिहीन हो जाएगी.
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अध्ययन का अनुमान था कि 24 फीसदी युवा, स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे निजी श्रवण उपकरणों के जरिए अत्यधिक शोर की चपेट में थे. उनका ये भी अनुमान था कि 12 से 34 वर्ष के 48 फीसदी लोग संगीत स्थलों पर असुरक्षित शोर-शराबे के बीच पाए गए थे.
एक्स्ट्रपोलेटिंग यानी पहले से उपलब्ध आंकड़ों के दायरे से बाहर और भी आंकड़े तैयार करने की प्रक्रिया के तहत किए गए इस अध्ययन का अनुमान है कि दुनिया में एक अरब लोग अपनी सुनने की आदतों की वजह से बहरेपन की चपेट में आ सकते हैं.
खतरा सभी उम्र के लोगों में
ये अध्ययन यूं तो युवाओं को होने वाले जोखिमों पर केंद्रित है, लेकिन शोध बताते हैं कि सभी उम्र के लोग, सुनने की आदतों के चलते बहरेपन की चपेट में आ सकते हैं. बहरेपन का खतरा आवाज की ऊंचाई, शोर-शराबे की अवधि और आवृत्ति पर निर्भर करता है. एक अध्ययन के मुताबिक 19-29 साल के लोग हर सप्ताह 7.8 घंटे तक हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 30-49 की उम्र के लोग हर सप्ताह 5.5 घंटे हेडफोन से सुनते हैं. 50-79 साल के लोग हर सप्ताह 5.2 घंटे हेडफोन लगाते हैं.
लोग अक्सर उपकरणों पर 105 डेसिबल तक ऑडियो सनुते हैं और मनोरंजन स्थलों पर औसत ध्वनि स्तर 104 से 122 डेसिबल के बीच रहता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन कहती है कि इस वॉल्यूम पर सप्ताह में 10-15 मिनट के लिए भी शोर को सहन करना असुरक्षित है. डाटा के मुताबिक आबादी में सुनने की क्षमता को नुकसान का जोखिम महत्वपूर्ण है. फिर भी डिलार्ड का जोर इस बात पर है कि युवाओं में समय के साथ शोर के बीच रहने का जो असर पड़ता है उसके चलते उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा है.
बम पर भारी संगीत, डीजे के साथ युवा कर रहे कायापलट
यूक्रेन युद्ध में बम और रॉकेट से गांव के गांव तबाह हो गए. लेकिन संगीत के जरिए युवाओं का एक दल गांव के खंडहरों को हटाकर दोबारा निर्माण कर रहा है.
तस्वीर: VIACHESLAV RATYNSKYI/REUTERS
युद्ध के बीच टेक्नो पार्टी
यूक्रेन के उत्तरी शहर चेर्निहीव के याहिदने गांव में एक महिला डीजे संगीत बजाकर ऐसे वॉलंटियरों का उत्साह बढ़ा रही है जो बमबारी में नष्ट हुए गांव को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं.
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200 युवाओं का दल
चेर्निहीव में रूसी हमले से भारी क्षति हुई थी, याहिदने गांव में कलाकार संगीत बजाते हैं और वॉलंटियर धुन पर डांस कर मलबे को हटाते हैं.
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कभी काम, कभी डांस
मार्च के महीने में इस गांव के सांस्कृतिक केंद्र पर रूसी रॉकेट से हमला हुआ था. अब वॉलंटियर इसे दोबारा से खड़ा कर रहे हैं.
तस्वीर: VIACHESLAV RATYNSKYI/REUTERS
हार नहीं मानेंगे
कलाकारों का कहना है कि संगीत की धुन बम की आवाज को भुला देगी. इस तस्वीर में डीजे संगीत बजा रहा है तो वहीं एक वॉलंटियर मलबे को साफ कर रहा है.
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युद्ध में भी संगीत का साथ
युद्ध के पहले तक युवा बेधड़क संगीत का आनंद लेते थे फिर रूस ने देश पर हमला कर दिया. अब इसी संगीत की मदद से युवा कंधे से कंधा मिलाकर गांव से मलबा हटा रहे हैं.
तस्वीर: VIACHESLAV RATYNSKYI/REUTERS
संगीत ही सहारा
टेक्नो संगीत से प्यार और पार्टी प्रेमी युवा इस पहल के साथ आगे आए हैं. उदाहरण के लिए दस्ताने पहने यह लड़की जली हुईं ईंटों को हटा रही हैं. एक युवा ने कहा, "हम युद्ध के दौरान मदद करना चाहते हैं. हम इसे संगीत के माध्यम से कर रहे हैं."
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महसूस होती है पार्टी की कमी
मलबा हटाने का काम कर रही 26 साल की बुरियानोवा कहती हैं कि उन्हें पार्टी की याद आती है और वह सामान्य जीवन में वापस आना चाहती है.
तस्वीर: VIACHESLAV RATYNSKYI/REUTERS
हफ्तों तक तहखानों में छिपे रहे
जब रूसी सैनिकों ने याहिदने गांव पर कब्जा कर लिया तो गांव के लगभग 300 लोगों में से करीब सभी तहखाने में हफ्तों तक छिपे रहे.
तस्वीर: VIACHESLAV RATYNSKYI/REUTERS
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डिलार्ड कहते हैं, "सभी उम्र के लोगों में बहरेपन की रोकथाम को प्राथमिकता देना अहम है. लेकिन जीवन के शुरू में ही बहरेपन का खतरा कम करना खासतौर पर महत्वपूर्ण है ताकि समय के साथ साथ वो बढ़ता न चला जाए."
श्रवण उपकरण जिम्मेदार?
1950 के दशक से ही लोग शोर भरे संगीत के प्रभावों क लेकर चिंतित रहे हैं. तो इस समय अलग क्या है? क्या श्रवण उपकरण और संगीत समारोह पहले के मुकाबले ज्यादा शोर भरे हो गए हैं? डिलार्ड के मुताबिक बात ऊंची आवाज वाले संगीत की नहीं है बल्कि ऐसी ऑडियो डिवाइसों की उपलब्धता और उन्हें सुनने की मियाद बढ़ गई है.
वह कहती हैं, "स्मार्टफोन अब पूरी दुनिया में आम बात है. जिसका मतलब है कि ज्यादा लोग अब शोर भरे संगीक की चपेट में हैं." हीयरिंग ऑस्ट्रेलिया में प्रिंसिपल ऑडियोलॉजिस्ट कैरन हिरशाउसन ने इस बात को रेखांकित किया है कि कैसे प्रौद्योगिकी और कार्य-जीवन संतुलन में बदलाव सुनने की आदतों पर असर डाल रहे हैं.
उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "पिछले दशक में श्रवण उपकरण समाज में और ज्यादा प्रचलित हो चुके हैं, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी की सुविधा भी आ गई है. घर से काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है, उससे भी हेडफोन इस्तेमाल की दर में इजाफा हुआ है."
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अपनी श्रवण शक्ति को कैसे बचाएं
शोर से होने वाला बहरापन स्थायी होता है. श्रवण विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि आज के दौर में सुनने की आदतों का वैश्विक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है. हिरशाउसन कहती हैं, "शोरशराबे की चपेट में आने के वर्षों से पहले, रोकथाम की शुरुआती कोशिशें कारगर रहती हैं."
तो आप अपनी श्रवण शक्ति को कैसे बचा सकते हैं?
· उपकरणों में अधिकतम वॉल्यूम 60 फीसदी से नीचे रखें.
· शोर भरी जगहों में एयरप्लग लगाकर कान बचाएं और तेज आवाज के स्रोतों से दूर रहें.
· शोर भरी गतिविधियों में ज्यादा समय न बिताएं. ऊंची आवाज़ों से थोड़े थोड़े अंतराल का ब्रेक लेते रहें और निजी श्रवण उपकरणों का रोजाना इस्तेमाल सीमित कर दें.
· अपने फोन पर सुरक्षित श्रवण फीचरों के जरिए सुनने के स्तरों की निगरानी रखें या ऊंची आवाज को मॉनीटर करने के लिए ऐप्स का उपयोग करें.
· अपनी सुनने की क्षमता की जांच करें. ऐसे वैध और मान्य ऐप्स हैं जैसे कि हियरडब्लूएचओ जिनका इस्तेमाल आप कर सकते है अगर आप अपने कानों की जांच कराने नहीं जा पाते हैं.
रैपर जो कत्ल कर दिए गए
राह चलते, बाजार में खरीददारी करते या फिर मंच पर गाते हुए, अमेरिका में मारे गए आधे से ज्यादा रैपर कत्ल किए गए हैं. पर बाकी दुनिया में भी रैपर कातिलों के शिकार बनते रहे हैं.
तस्वीर: AP
ड्रैकियो द रूलरः छुरा भोंक दिया
28 साल के डैरल काल्डवेल को 18 दिसंबर को लॉस एजेंल्स में कत्ल कर दिया गया. वह अपने ‘वंस अपॉन अ टाइम’ फेस्टिव के लिए मंच पर जाने ही वाले थे कि उन्हें स्टेज के पीछे छुरा भोंक दिया गया. अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई.
तस्वीर: Wyatt Winfrey/Courtesy of Scott Jawson via AP/picture alliance
यंग डॉल्फः गोली मार दी
अडॉल्फ रॉबर्ट थॉर्नटन जूनियर 36 साल के थे. दो बच्चों के पिता डॉल्फ 17 नवंबर 2021 को मेंफिस में बिस्किट खरीदने जा रहे थे जब उन्हें गोली मार दी गई. इंडी रैप में उन्हें बहुत बड़ा नाम माना जाता था.
तस्वीर: mpi04/MediaPunch/imago images
निप्सी हसलः गोली मार दी
1985 में लॉस एंजेल्स में जन्मे एरमियास एस्गेडम ने 2019 में एक दिन अपने ट्विटर पर लिखा, “मजबूत दुश्मनों का होना एक वरदान है.” इसके कुछ ही घंटों बाद उन्हें उनके कपड़ों के स्टोर के सामने गोली मार दी गई.
तस्वीर: picture-alliance/MediaPunch/J. Palmer
आईनारः गोलियों का शिकार
10 अक्टूबर 2021 को 19 साल के निल्स कर्ट एरिक आईनार ग्रोनबेर्ग को स्टॉकहोम में गोली मार दी गई. वह सोशल मीडिया के जरिए मशहूर हुए थे. उनका गीत ‘द कैट इन द नेबरहुड’ पूरे यूरोप में फैल गया था.
तस्वीर: Björn Lindahl/Aftonbladet/TT/picture alliance
जैम मास्टर जेः सिर में गोली
2002 में जेसन मिजेल को न्यू यॉर्क स्थित एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में सिर में गोली मारी गई. वह तब 37 साल के थे.
तस्वीर: Vince Bucci/Getty Images
नटोरियस बीआईजीः रेड लाइट पर गोली
9 मार्च 1997 को क्रिस्टोफर वॉलेस के तब गोली मारी गई जब वह अपनी कार में थे और लॉस एंजेल्स में एक रेड लाइट पर रुके थे. हत्यारा कभी पकड़ा नहीं गया.
तस्वीर: picture alliance/dpa/AP Photo/M. Lennihan
2 पैकः गोलियों से छलनी
7 सितंबर को ट्यूपैक शाकुर बॉक्सर माइक टाइसन का एक मैच देखकर निकले तो उनका हॉल में कुछ लोगों से झगड़ा हो गया. कुछ देर बाद ड्राइव वे में उन्हें चार गोलियां मारी गईं. छह दिन बाद उनकी मौत हो गई. हत्यारे कभी पकड़े नहीं गए.