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10 साल का विवाद दो दिन में सुलझाने की चाह

१४ मई २०१२

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के वरिष्ठ अधिकारी ने ईरान से सूचना साझा करने की मांग की है. परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और आईएईए की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई.

आईएईए उपमहानिदेशक हेरमान नैकेइर्ट्सतस्वीर: Reuters

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के उपमहानिदेशक हेरमान नैकेइर्ट्स ने पत्रकारों को बताया कि अब ईरान को आईएईए के साथ सीधे मुद्दे पर बात करनी चाहिए. ईरान को लोगों, सूचना और परमाणु ऊर्जा उत्पादन की जगहों के बारे में जानकारी देनी चाहिए. यूएन एजेंसी इस संदेह की जांच कर रही है कि तेहरान परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के तहत परमाणु हथियार तो नहीं बना रहा. उद्देश्य है कि दो दिन में एक समझौते पर पहुंचा जा सके, जिससे ईरान के साथ सभी विवादों का हल हो जाएं. खास तौर पर परमाणु कार्यक्रम के तहत हथियार बनाने का मुद्दा.

इस साल की शुरुआत में ईरान के साथ दो बार बातचीत हुई. लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. आईएईए चाहता है कि ईरान उसे उस सैन्य ठिकाने में जाने की अनुमति दे जहां परमाणु हथियारों से जुड़ा शोध होने की आशंका जताई जा रही है.

अब चूंकि ईरान के साछ छह पक्षीय वार्ता फिर शुरू हुई है तो परमाणु मुद्दे पर सारे मतभेद वे खत्म करना चाहते हैं. पहले हुई दो बातचीत में आईएईए ने कहा कि ईरान के साथ बहुत मतभेद हैं.

वियना में जारी इस बातचीत पर पश्चिमी देशों की खास नजर इसलिए भी रहेगी. वे देखना चाहेंगे कि क्या ईरान पश्चिमी देशों की चिंता का जवाब देगा या नहीं. 23 मई को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन की बगदाद में बैठक होनी है. जिसमें ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा की जानी है. ऐसे दौर में इस बातचीत का होना निश्चित ही महत्वपूर्ण है. नैकेइर्ट्स मानते हैं, "हम सकारात्मक सोच के साथ ईरान से बातचीत जारी रखेंगे. यह महत्वपूर्ण है कि हम मुद्दों पर बने रहें. ईरान हमें लोगों, कागजात, सूचना और साइट्स की जानकारी दे."

ईरान की निगरानीतस्वीर: dapd

ईरान ने नैकेइर्ट्स की पारचिन सैनिक ठिकाने की निगरानी की मांग खारिज कर दी है. आईएईए के प्रमुख यूकिया अमानो ने हाल ही में कहा था कि पारचिन देखना प्राथमिकता है.

2005 में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के जांचकर्ता दो बार पारचिन सैन्य ठिकाने पर गए लेकिन उन्हें वहां कुछ नहीं मिला, यह ईरान का दावा है. जबकि आईएईए का कहना है कि उसे कुछ अतिरिक्त जानकारी मिली जिसके कारण वह एक बार फिर वहां जाना चाहते हैं. पश्चिमी देशों को यह भी संदेह है कि ईरान सबूत मिटाने के लिए इस जगह को खाली कर रहा है.

लंदन में रणनीति की पढ़ाई के अंतरराष्ट्रीय संस्थान में काम करने वाले मार्क फिट्जपैट्रिक कहते हैं, "दुनिया की ताकतें ईरान की सकारात्मक प्रतिक्रिया के संकेत पर नजर लगाए हैं कि क्या ईरान लचीला हो रहा है और वह अपना नजरिया बदल रहा है." उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि अगर आईएईए से सहयोग को वह सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल करता है तो बगदाद वार्ता के लिए यह बुरा संकेत होगा.

तनाव को कम करने का एक तरीका हो सकता है कि ईरान आईएईए को पर्याप्त निगरानी की अनुमति दे और परमाणु प्रतिरोध प्रतिबंध संधि पर मुहर लगाए. ईरान चाहता है कि दुनिया उसके शांतिपूर्ण उद्देश्यों वाले परमाणु कार्यक्रम को स्वीकारे और प्रतिबंध हटाए.

एएम/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)

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