दुनिया की 10 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हो सकती है!
६ अक्टूबर २०२०
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के प्रमुख ने कहा है कि संगठन के अनुमानों के मुताबिक दुनिया भर में 10 में से 1 व्यक्ति को कोरोना वायरस संक्रमण हुआ हो. यह अनुमान पुष्ट मामलों से 20 गुना अधिक हो सकता है.
विज्ञापन
डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइकल रायन ने कोविड-19 के लिए बने 34 सदस्यीय बोर्ड की बैठक में कहा कि अनुमानों के मुताबिक दुनिया का हर 10वां व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है. यानि दुनियाभर में 10 में से 1 व्यक्ति वायरस की चपेट में आ चुका है. इसका मतलब है कि दुनिया में मौजूदा समय में कुल केसों से 20 गुना ज्यादा इससे संक्रमित हो चुके हैं. साथ ही संगठन ने आने वाले दिनों में हालात और मुश्किल होने की चेतावनी दी है.
डॉ. रायन के मुताबिक शहरी और ग्रामीण इलाकों और अलग-अलग उम्र के समूहों में संक्रमितों की संख्या अलग-अलग हो सकती है लेकिन ''दुनिया की बड़ी आबादी खतरे में है.'' उनके मुतबिक कोरोना महामारी बढ़ती रहेगी लेकिन उसके फैलाव को रोकन और जान बचाने के लिए उपकरण मौजूद हैं.
महामारी बढ़ती रहेगी
डॉ. रायन के मुताबिक, "कई मौतों को टाला जा सका है और कई जिंदगी बचाई जा सकती है." इस बैठक में डब्ल्यूएचओ महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गैब्रेयेसुस भी मौजूद थे. बैठक से पहले कोरोना के मृतकों के लिए कुछ देर के लिए मौन रखा गया और साथ ही लोगों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों की सराहना भी की गई.
डॉ. रायन का कहना है कि दक्षिणपूर्व एशिया में मामलों में बढ़ोतरी आई है, यूरोप और पूर्वी भूमध्यसागर में भी मामले बढ़ते दिख रहे हैं. हालांकि अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में हाालात ज्यादा सकारात्मक नजर आ रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि "दुनिया पहले से ज्यादा कठिन दौर से गुजर रही है."
डॉ. रायन के मुताबिक, "महामारी का फैलना जारी है. दुनिया के कई भागों में यह बढ़ रही है. हमारे मौजूदा सबसे अच्छे अनुमान हमें बताते हैं कि वैश्विक आबादी का करीब 10 फीसदी हिस्सा इस वायरस से संक्रमित हो चुका है.''
अनुमान के मुताबिक 76 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. इस समय दुनिया की आबादी करीब 7.6 अरब है. जोन्स होप्किंस और डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में संक्रमितों की संख्या साढ़े तीन करोड़ के पार चली गई है और मरने वालों की संख्या 10 लाख 36 हजार से अधिक हो गई है. विशेषज्ञ हमेशा से ही कहते आए हैं कि पुष्टि किए मामलों की संख्या सही आंकड़ों के मुकाबले बहुत कम है.
लोगों की नजरें इस वक्त कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर टिकी हुईं हैं. कई देशों में इस वक्त कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. रूस, अमेरिका, चीन और भारत में तेजी से काम हो रहा है. जानिए कहां-कहां वैक्सीन पर काम चल रहा है.
तस्वीर: Imago-Images/photothek/T. Trutschel
वैक्सीन पर नजर
भारत में केंद्र सरकार हर एक व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन लगाने की तैयारी में जुटी हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन के मुताबिक जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है. इसके लिए वैक्सीन की 40-50 करोड़ डोज हासिल करने की योजना है.
तस्वीर: Schott
भारत में वैक्सीन की रेस
इस वक्त भारत में दो वैक्सीन पर काम चल रहा है. दोनों ही वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में हैं. एक वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक बना रही है और दूसरी वैक्सीन पर जाइडस कैडिला काम कर रही है. अगर ट्रायल सही तरीके से चलता है तो अगले साल तक भारत में यह वैक्सीन उपलब्ध होगी.
तस्वीर: Schott
अमेरिका में वैक्सीन कब
चुनाव के प्रचार के दौरान डॉनल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि नवंबर तक अमेरिका में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. हाल ही में उन्होंने कहा था कि अगले साल अप्रैल तक देश की पूरी आबादी के लिए पर्याप्त टीका उपलब्ध होगा. इस बीच अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना के टीके के फेज 1 के नतीजे सकारात्मक आए हैं. कंपनी अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर टीका बना रही है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
एस्ट्राजेनेका से उम्मीद ज्यादा !
एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी मिलकर कोरोना वायरस के टीके पर काम कर रही है. लेकिन पिछले दिनों ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति बीमार हो गया था जिसके बाद परीक्षण को रोक दिया गया था. एक हफ्ते तक ट्रायल रोकने के बाद उसे दोबारा शुरू कर दिया गया था.
तस्वीर: picture-alliance/Flashpic
जर्मन कंपनी का टीका
जर्मनी की बायोएनटेक ने न्यूयॉर्क स्थित फाइजर के साथ टीका बनाने को लेकर करार किया है. कंपनी एक ऐसी वैक्सीन पर काम कर रही है जिसमें दो खुराक दी जाएगी. कंपनियों ने कहा है कि अगर ट्रायल सफल रहा तो अक्टूबर के आखिरी तक सरकार से मंजूरी ली जा सकती है. कंपनी का कहना है कि अगर वैक्सीन सफल होती है तो अगले साल के अंत तक 1.3 अरब टीके तैयार हो जाएंगे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Hoemann
चीन की वैक्सीन कहां पहुंची
चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला और इसके बाद देश दावा करता आ रहा है कि वह भी तेज गति से कोरोना वायरस के टीके पर काम कर रहा है. चीन में सिनोवेक बायोटेक और सिनोफार्म की वैक्सीन पर तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot/Z. Yuwei
रूस की स्पुतनिक-5 वैक्सीन
11 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एलान कर सबको चौंका दिया कि रूस कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाला पहला देश बन गया है. वैक्सीन को स्पुतनिक-5 नाम दिया गया और तीसरे चरण के ट्रायल के बिना ही इसे मंजूरी मिल गई. विशेषज्ञों ने ऐसे कदम की आलोचना भी की.