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१८ जुलाई २०१७ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को गद्दी पर बैठे 65 साल हो गए हैं. इस दौरान उन्होंने तीन बार भारत का दौरा किया है. देखिए उनकी भारत यात्राओं से जुड़ी कुछ तस्वीरें.
जब दिल्ली में ब्रिटिश महारानी की रैली में आए लाखों लोग
ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को गद्दी पर बैठे 65 साल हो गए हैं. इस दौरान उन्होंने तीन बार भारत का दौरा किया है. देखिए उनकी भारत यात्राओं से जुड़ी कुछ तस्वीरें.
निकट संबंध
भारत को 1947 में ब्रिटेन से आजादी मिली. अंग्रेजी शासन की कड़वी यादों के बावजूद दोनों देशों के बीच आजादी के बाद से निकट संबंध रहे हैं. यह तस्वीर नवंबर 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे की है, जिसमें उन्होंने महारानी एलिजाबेथ से मुलाकात की थी.
पहला दौरा
1952 में ब्रिटेन की राजगद्दी संभालने के बाद एलिजाबेथ द्वितीय ने पहली बार 1961 में भारत का दौरा किया. यहां ब्रितानी महारानी एलिजाबेथ और उनके पति प्रिंस फिलिप को उनके मेजबान जयपुर के महाराज और महारानी के साथ देखा जा सकता है. तस्वीर में दिख रहे बाघ का शिकार प्रिंस फिलिप ने किया था.
विशाल रैली
इसी दौरे में ब्रिटिश महारानी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली को भी संबोधित किया था. इस रैली में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था. अपनी तरह की शायद अनूठी इस रैली में हर तरफ जनसैलाब दिखता था.
इंदिरा के साथ
नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल देशों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटिश महारानी ने नवंबर 1983 में भारत का दौरा किया था. यह तस्वीर राष्ट्रपति भवन की है जहां उन्हें भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ देखा जा सकता है.
गार्ड ऑफ ऑनर
महारानी एलिजाबेथ ने आखिरी बार भारत का दौरा 1997 में किया था. यह भारत की आजादी को 50 साल पूरे होने का वर्ष था. 13 अक्टूबर 1997 को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर का मुआयना करती हुईं महारानी एलिजाबेथ.
कोचिन में महारानी
अपने इस दौरे में महारानी दक्षिण भारत भी गईं. यहां उन्हें कोचिन के सेंट फ्रांसिस चर्च से निकलते हुए देखा जा सकता है. इस चर्च को भारत में सबसे पुरानी यूरोपीय इमारत माना जाता है.
राजसी स्वागत
जब ब्रिटिश महारानी चेन्नई के एमजीआर फिल्म स्टूडियो में पहुंचीं तो उसका स्वागत राजसी अंदाज में किया गया. जाने माने फिल्म अभिनेता और निर्देशक कमल हसन ने उन्होंने स्टूडियो परिसर में घुमाया था. कमल हसन भी इस मौके पर पारंपरिक राजसी वेशभूषा में थे.
स्वर्ण मंदिर में
ब्रिटिश महारानी ने सिखों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का भी दौरा किया. अमृतसर ही वह शहर है जहां 1919 में ब्रिटिश सरकार के सैनिकों ने जलियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम दिया था. ब्रिटेन में सिखों की अच्छी खासी आप्रवासी आबादी है.
कोहिनूर
ब्रिटिश महारानी के ताज में सजे कोहिनूर हीरे पर भारत ने अकसर अपनी दावेदारी जतायी है. लेकिन यह मुद्दा कभी दोतरफा संबंधों में बाधा नहीं रहा. दोनों देशों के बीच निकट सांस्कृतिक, व्यापारिक और राजनीतिक संबंध हैं.